आदर्श जीवनसाथी एवं रिश्ते का आनंद पाने के लिए आषाढ़ मास योगिनी एकादशी विशेष 16,000 बृहस्पति ग्रह मूल मंत्र जाप और सुदर्शन हवन
आदर्श जीवनसाथी एवं रिश्ते का आनंद पाने के लिए आषाढ़ मास योगिनी एकादशी विशेष 16,000 बृहस्पति ग्रह मूल मंत्र जाप और सुदर्शन हवन
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आदर्श जीवनसाथी एवं रिश्ते का आनंद पाने के लिए आषाढ़ मास योगिनी एकादशी विशेष 16,000 बृहस्पति ग्रह मूल मंत्र जाप और सुदर्शन हवन
आषाढ़ मास योगिनी एकादशी विशेष

16,000 बृहस्पति ग्रह मूल मंत्र जाप और सुदर्शन हवन

आदर्श जीवनसाथी एवं रिश्ते का आनंद पाने के लिए
temple venue
श्री बृहस्पति मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

आदर्श जीवनसाथी एवं रिश्ते का आनंद पाने के लिए आषाढ़ मास योगिनी एकादशी विशेष 16,000 बृहस्पति ग्रह मूल मंत्र जाप और सुदर्शन हवन

हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी का विशेष महत्व होता है। साल में कुल 24 एकादशी होती हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना महत्व होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, योगिनी एकादशी हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। योगिनी एकादशी पर भक्त व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस दिन न केवल भगवान विष्णु बल्कि बृहस्पति की भी पूजा की जाती है क्योंकि भगवान विष्णु बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस ग्रह को विवाह का कारक माना जाता है।

अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति शुभ स्थिति में है, तो आप अपने वैवाहिक जीवन में सुखी रहेंगे, आपको मनचाहा जीवनसाथी मिलेगा और आपके पार्टनर के साथ कोई विवाद नहीं होगा। लेकिन वहीं, अगर कुंडली में बृहस्पति अशुभ स्थिति है, तो कई तरह की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है जैसे: विवाह में देरी या वैवाहिक जीवन में समस्याएं, पार्टनर के बीच विवाद होना। कुंडली में बृहस्पति की प्रतिकूल स्थिति को कम करने के लिए, योगिनी एकादशी पर बृहस्पति ग्रह और भगवान विष्णु की पूजा करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। इसलिए, योगिनी एकादशी के शुभ दिन पर काशी में विराजित श्री बृहस्पति मंदिर, में 16000 बृहस्पति ग्रह मूल मंत्र जाप और सुदर्शन हवन का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और एक आदर्श जीवनसाथी एवं रिश्ते का आनंद पाने के लिए आशीष प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
आदर्श साथी पाने के लिए
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर कुंडली में बृहस्पति अशुभ स्थिति हो तो विवाह में देरी के साथ एक आदर्श जीवनसाथी मिलने की संभावना बेहद कम हो जाती है। इसलिए इस योगिनी एकादशी पर यह पूजा करने से बृहस्पति के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और आदर्श जीवनसाथी प्राप्ति का आशीष मिलता है। बृहस्पति का प्रभाव रिश्तों में स्पष्टता और समझ लाता है, जिससे व्यक्ति को अनुकूल जोड़ी मिल सकती है।
puja benefits
रिश्ते में आनंद के लिए
बृहस्पति विवाह का कारक है। यदि यह अनुकूल स्थिति में नहीं है, तो आपके वैवाहिक जीवन में मुश्किलें पैदा कर सकता है, जैसे कि आपके पार्टन के साथ विवाद होना। मान्यता है कि बृहस्पति ग्रह मूल मंत्र जाप करके, व्यक्ति के जीवन से बृहस्पति के नकारात्मक प्रभावों को शांत किया जा सकता है और कुंडली में बृहस्पति के सकारात्मक प्रभावों को मजबूत करता है। इसके अलावा, योगिनी एकादशी पर सुदर्शन हवन करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है, जो अपने भक्तों को रिश्तों में आनंद का आशीर्वाद देते हैं।
puja benefits
सफल वैवाहिक जीवन के लिए
जन्म कुंडली में पीड़ित बृहस्पति मन की स्पष्टता और निर्णय लेने में चुनौतियों का कारण बन सकता है। यह विवाह जैसे रिश्तों को प्रभावित करता है, जिससे अनिर्णय, असंगति और अपने पार्टनर के साथ विश्वासों को संरेखित करने में कठिनाई हो सकती है। योगिनी एकादशी पर यह पूजा करने से इन मुद्दों को हल करने, विचारों की स्पष्टता लाने एवं सफल वैवाहिक जीवन के लिए सद्भाव को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

भुगतान के बाद, अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

श्री बृहस्पति मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश

श्री बृहस्पति मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
महादेव की नगरी काशी में श्री बृहस्पति मंदिर का विशेष स्थान है। काशी खंड के अनुसार, मंगल, शनि, एवं बृहस्पति (गुरु) से जुड़ा एक रोचक प्रसंग मिलता है। कहा जाता है कि ऋषि अंगिरस ने इसी स्थान पर भगवान शिव की उपासना की थी, और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें बृहस्पति अर्थात् गुरु नाम देकर आकाशीय पिंडों में सबसे विशेष स्थान दिया था, तभी से भगवान शिव बृहस्पति के रूप में इस मंदिर में विराजमान हैं।

मोक्ष की नगरी काशी में दशाश्वमेध घाट पर स्थित इस मंदिर में भक्तों की समस्त इच्छाओं को पूर्ण करने के वाले रुद्राभिषेक और गुरु शांति यज्ञ का आयोजन किया जाता है। बृहस्पति के प्रतिकूल प्रभाव को समाप्त करने के लिए यहां हर गुरुवार या गुरु नक्षत्र के दौरान विशेष पूजा की जाती है। इस मंदिर में बृहस्पति गुरु शांति यज्ञ में शामिल होने वाले भक्तों को धन, सम्मान, प्रसिद्धि, ज्ञान, बुद्धि, संतान सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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जय राज यादव

दिल्ली
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ
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सुनील कुमार सैनी

चंडीगढ़

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों