मानसिक स्वास्थ्य व स्थिरता एवं धन की प्रचुरता के लिए डबल ज्योतिर्लिंग अमावस्या विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन
मानसिक स्वास्थ्य व स्थिरता एवं धन की प्रचुरता के लिए डबल ज्योतिर्लिंग अमावस्या विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन
मानसिक स्वास्थ्य व स्थिरता एवं धन की प्रचुरता के लिए डबल ज्योतिर्लिंग अमावस्या विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन
मानसिक स्वास्थ्य व स्थिरता एवं धन की प्रचुरता के लिए डबल ज्योतिर्लिंग अमावस्या विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन
मानसिक स्वास्थ्य व स्थिरता एवं धन की प्रचुरता के लिए डबल ज्योतिर्लिंग अमावस्या विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन
मानसिक स्वास्थ्य व स्थिरता एवं धन की प्रचुरता के लिए डबल ज्योतिर्लिंग अमावस्या विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन
मानसिक स्वास्थ्य व स्थिरता एवं धन की प्रचुरता के लिए डबल ज्योतिर्लिंग अमावस्या विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन
डबल ज्योतिर्लिंग अमावस्या विशेष

1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन

मानसिक स्वास्थ्य व स्थिरता एवं धन की प्रचुरता के लिए
temple venue
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, नासिक
pooja date
5 जुलाई, शुक्रवार, आषाढ़ कृष्ण अमावस्या
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

मानसिक स्वास्थ्य व स्थिरता एवं धन की प्रचुरता के लिए डबल ज्योतिर्लिंग अमावस्या विशेष 1100 शिवलिंग प्राणप्रतिष्ठा पार्थेश्वर पूजन

हिंदू धर्म में भगवान शिव को शीघ्र प्रसन्न होने वाला देवता माना गया है। भोलेनाथ की पूजा कई प्रकार से की जाती है, जिसमें पार्थेश्वर पूजन एवं रुद्राभिषेक करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। वेद पुराणों में पार्थिव शिवलिंग पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। शिव पुराण के अनुसार, पार्थेश्वर पूजन करने वाले भक्तों पर सदैव शिव जी की कृपा बनी रहती है। पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से धन, धान्य, आरोग्य एवं पुत्र प्राप्ति होती है। वहीं मानसिक और शारीरिक कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव का पार्थिव पूजन सबसे पहले भगवान राम ने किया था। भगवान श्री राम ने लंका पर कूच करने से पहले भगवान शिव के पार्थिव शिवलिंग की पूजा की थी। कलयुग में भगवान शिव का पार्थिव पूजन कूष्माण्ड ऋषि के पुत्र मंडप ने किया था। जिसके बाद से अभी तक शिव कृपा बरसाने वाली पार्थिव पूजन की परंपरा चली आ रही है। यही कारण है कि जो भी भक्त पार्थिव शिवलिंग की पूजा करता है उसके जीवन से जुड़ी बड़ी से बड़ी बाधाएं दूर हो जाती हैं। पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने वाले शिव साधक के जीवन से अकाल मृत्यु का भय दूर हो जाता है और वह सभी सुखों को भोगता हुआ अंत में मोक्ष को प्राप्त होता है।

हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत महत्व होता है, इस दिन भगवान शिव की अराधना से अत्यंत शुभ फल की प्राप्ति होती है। नर्मदा नदी के बीच श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं गोदावरी नदी के तट पर स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल है। भगवान शिव यहाँ स्वयंभू रूप में विराजमान हैं। श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में पार्थेश्वर पूजन करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है वहीं त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में रुद्राभिषेक कराने से आर्थिक स्थिरता और नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए, श्री मंदिर के माध्यम से पार्थेश्वर पूजन के साथ त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में रुद्राभिषेक कराने के लिए अपने पूजा पैकेज में इस ऑप्शन को जोड़ें और पार्थेश्वर पूजन एवं रुद्राभिषेक के माध्यम से शिव जी को प्रसन्न करने से हर असंभव कार्य को भी संभव करने की शक्ति का आशीष पाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
मानसिक स्वास्थ्य व स्थिरता के लिए
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शिव की पूजा करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है इसलिए माना जाता है कि शिव जी की पूजा से भक्तों को मानसिक पीडा से मुक्ति मिलती है। अमावस्या के शुभ दिन पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में पार्थेश्वर पूजन एवं त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में रुद्राभिषेक करने से मानसिक स्वास्थ्य के साथ स्थिरता का आशीष प्राप्त होता है।
puja benefits
धन की प्रचुरता के लिए
भगवान शिव को धन एवं समृद्धि का देवता माना गया है। शास्त्रों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ज्योतिर्लिंग में पार्थेश्वर पूजन एवं रुद्राभिषेक को एक कारगर उपाय बताया गया है, ज्योतिर्लिंग में इस पूजा को करने से धन की प्रचुरता एवं आर्थिक कल्याण का आशीष प्राप्त होता है। मान्यता है कि अमावस्या के शुभ दिन पर ज्योतिर्लिंग में पार्थेश्वर पूजन एवं रुद्राभिषेक करने से वित्तीय समस्याएं दूर होती हैं और भक्तों धन प्रचुरता का वरदान मिलता है।
puja benefits
नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा
भगवान शिव नकारात्मकता को दूर करते हैं और घर में शांति और सद्भाव लाते हैं। मान्यता है कि ओंकारेश्वर एवं त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में पार्थेश्वर पूजन एवं रुद्राभिषेक करने से नकारात्मक प्रभावों और ऊर्जाओं से सुरक्षा मिलती है। भगवान शिव को नकारात्मक शक्तियों के नाश करने वाले के रूप में जाने जाते हैं, वहीं वो दुष्ट शक्तियों और बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए पूजे जाते हैं।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, नासिक

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं श्री त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, नासिक
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता द्वीप पर स्थित है। इसे स्वयंभू लिंग माना जाता है और यहां दो स्वरूप में मौजूद है: ममलेश्वर और ओंकारेश्वर। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। स्कन्द पुराण, शिवपुराण व वायुपुराण में इसकी महिमा का वर्णन है। पौराणिक कथा के अनुसार, भोलेनाथ यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं और शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं। इसलिए ओंकारेश्वर के दर्शन और पूजन का विशेष महत्व है, और तीर्थ यात्री यहां सभी तीर्थों का जल अर्पित करते हैं।

वहीं, महाराष्ट्र के नासिक में गोदावरी नदी के तट पर स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग को भी विशेष महत्व प्राप्त है। यह एकमात्र ज्योतिर्लिंग है जहां एक ही स्थान पर तीन शिवलिंग प्रतिष्ठित हैं, जो त्रिदेव, ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि गौतम ने यहाँ शिवलिंग की स्थापना की और भगवान शिव की तपस्या की, जिससे प्रभावित होकर भगवान शिव ने गोदावरी नदी को यहां अवतरित किया। गोदावरी को दक्षिण गंगा के रूप में भी जाना जाता है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से व्यक्ति की इच्छाएं पूरी होती हैं और उसे इस और पिछले जन्मों में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। भक्त यहाँ आर्थिक समस्याओं और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने के लिए भगवान शिव की पूजा करते हैं। दोनों ज्योतिर्लिंगों की मान्यता और पौराणिक कथाएँ भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और इनके दर्शन मात्र से अनेक पापों से मुक्ति और जीवन में शांति प्राप्त होती है।

पूजा का चयन करें

851

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे
आपके नाम-संकल्प के साथ संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ साझा किया जाएगा और तीर्थ प्रसाद आपके द्वारा दिए गए पते पर भेजा जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे
आपके नाम-संकल्प से संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ शेयर किया जायेगा एवं तीर्थ-प्रसाद आपके दिए गए पते पर भेजा जायेगा।

2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे
आपके नाम-संकल्प के साथ संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ साझा किया जाएगा और तीर्थ प्रसाद आपके द्वारा दिए गए पते पर भेजा जाएगा।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे
आपके नाम-संकल्प के साथ संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ साझा किया जाएगा और तीर्थ प्रसाद आपके द्वारा दिए गए पते पर भेजा जाएगा।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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जय राज यादव

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मुकुल राज

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