जीवन में नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं बाधाओं से रक्षा के लिए अमावस्या काशी विशेष काल भैरव स्तोत्र पाठ और आदिकाल भैरव तंत्र युक्त हवन
जीवन में नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं बाधाओं से रक्षा के लिए अमावस्या काशी विशेष काल भैरव स्तोत्र पाठ और आदिकाल भैरव तंत्र युक्त हवन
जीवन में नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं बाधाओं से रक्षा के लिए अमावस्या काशी विशेष काल भैरव स्तोत्र पाठ और आदिकाल भैरव तंत्र युक्त हवन
जीवन में नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं बाधाओं से रक्षा के लिए अमावस्या काशी विशेष काल भैरव स्तोत्र पाठ और आदिकाल भैरव तंत्र युक्त हवन
जीवन में नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं बाधाओं से रक्षा के लिए अमावस्या काशी विशेष काल भैरव स्तोत्र पाठ और आदिकाल भैरव तंत्र युक्त हवन
जीवन में नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं बाधाओं से रक्षा के लिए अमावस्या काशी विशेष काल भैरव स्तोत्र पाठ और आदिकाल भैरव तंत्र युक्त हवन
जीवन में नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं बाधाओं से रक्षा के लिए अमावस्या काशी विशेष काल भैरव स्तोत्र पाठ और आदिकाल भैरव तंत्र युक्त हवन
अमावस्या काशी विशेष

काल भैरव स्तोत्र पाठ और आदिकाल भैरव तंत्र युक्त हवन

जीवन में नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं बाधाओं से रक्षा के लिए
temple venue
श्री काल भैरव मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
pooja date
5 जुलाई, शुक्रवार, आषाढ़ कृष्ण अमावस्या
पूजा बुकिंग बंद होने में शेष समय:
Day
Hour
Min
Sec
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

जीवन में नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी शक्तियों एवं बाधाओं से रक्षा के लिए अमावस्या काशी विशेष काल भैरव स्तोत्र पाठ और आदिकाल भैरव तंत्र युक्त हवन

मंदिरों का शहर कहा जाने वाला काशी, अपने आप में धार्मिक महत्व रखता है। यहां मौजूद प्राचीन 'काल भैरव मंदिर' को लेकर मान्यता है कि, यहां भगवान शिव अपने उग्र रूप काल भैरव के रूप में विराजमान हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान विष्णु एवं ब्रह्मा जी में सर्वश्रेष्ठता को लेकर विवाद हुआ। दोनों एक दूसरे को अपना पुत्र बता रहे थे। तब एक अग्नि स्तंभ प्रकट हुआ और कहा कि जो इसका ओर-छोर जान लेगा, वही सर्वश्रेष्ठ होगा। ब्रह्मा जी हंस रूप में स्तंभ के ऊपरी भाग का पता लगाने गए, जबकि विष्णु जी वराह रूप में निचले भाग का। विष्णु जी ने सत्य बताया कि उन्हें स्तंभ का अंत नहीं मिला, लेकिन ब्रह्मा जी ने झूठ कहा कि उन्होंने अंत का पता लगा लिया। तब अग्नि स्तंभ ने पुरुष रूप लिया और वो भगवान शिव के रूप में प्रकट हुए। शिवजी ने ब्रह्मा जी को असत्य बोलने पर कभी न पूजे जाने का श्राप दे दिया। क्रोधित ब्रह्मा जी ने शिवजी को अपशब्द कहे, जिसके कारण शिवजी ने अपने अंश से विकराल भैरव को उत्पन्न किया।

भैरव ने ब्रह्मा जी के पांचवे मुख को काट दिया, जो उनके हाथ से नहीं छूटा। यह ब्रह्महत्या थी, जिससे मुक्ति के लिए भैरव को सृष्टि का विचरण करना पड़ा। अंततः काशी में भैरव के हाथ से ब्रह्मा जी का कपाल छूट गया और वे ब्रह्महत्या से मुक्त हो गए। शिवजी ने कहा कि भैरव ने कालचक्र पर विजय प्राप्त की है, इसलिए उनका नाम 'काल भैरव' होगा और वे काशी के कोतवाल रहेंगे, तभी से वो काशी की रक्षा करते हैं और भक्तों को बुरी शक्तियों से बचाते हैं। मान्यता है कि अमावस्या का दिन किसी भी पूजा के लिए अत्यंत फलदायी साबित होता है इस शुभ दिन पर काशी में काल भैरव की विशेष पूजा से भक्त निर्भयता और बाधा मुक्त जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

पूजा लाभ

puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा
मान्यता है कि काल भैरव स्तोत्र पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। भगवान भैरव की पूजा नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए एक ढाल के रूप में काम करती है जो दिमाग से नकारात्मक विचारों और बुरी ऊर्जा को खत्म करने में मदद करता है। इसके साथ हवन करने से भगवान अपने भक्तों को नकारात्मक उर्जाओं से बचाकर रखते हैं।
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बुरी शक्तियों से रक्षा
अमावस्या के शुभ दिन पर भगवान भैरव की पूजा अत्यंत प्रभावशाली हो जाती है। काल भैरव स्तोत्र पाठ करने से जातक को गुप्त विरोधियों, राक्षसों, बुरी ताकतों, काला जादू और बुरी ऊर्जाओं से सुरक्षा प्राप्त होता है। इस शुभ दिन पर पाठ के साथ तंत्र युक्त हवन करने से भगवान भैरव जल्दी प्रसन्न होते हैं और आपको अपने इच्छित उद्देश्य में शीघ्र सफलता का आशीष भी देते हैं।
puja benefits
बाधाओं से मुक्ति
कई बार दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के बाद भी, कुछ अनचाही बाधाओं के कारण कार्य में सफलता नहीं मिलती है। इन बाधाओं एवं कठिनाईयों को दूर करने के लिए अमावस्या पर किया गया काल भैरव स्तोत्र पाठ अत्यंत लाभकारी माना गया है। इस पाठ के साथ भैरव के तंत्र युक्त हवन करने से भगवान भैरव की कृपा से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

पूजा प्रक्रिया

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श्री काल भैरव मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश

श्री काल भैरव मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
महादेव की नगरी कही जानेवाली काशी में भैरव बाबा की मर्जी के बिना कुछ भी नहीं होता है और पूरी नगरी की देखरेख उन्हीं के हाथों में है। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार ब्रह्माजी और विष्णुजी के बीच इस बात को लेकर बहस छिड़ी की इनमें सबसे महान कौन है। इस चर्चा के बीच शिवजी का जिक्र आने पर ब्रह्माजी के पांचवें मुख ने शिवजी की आलोचना की, जिससे शिवजी को गुस्सा आया। उसी क्षण भगवान शिव के क्रोध से काल भैरव का जन्म हुआ।

काल भैरव ने शिवजी की आलोचना करने वाले ब्रह्माजी के पांचवें मुख को काट दिया, लेकिन वो मुख काल भैरव के हाथ से अलग ही नहीं हो रहा था। तभी शिव जी ने काल भैरव से कहा, तुम्हे तो ब्रह्म हत्‍या का दोष लग गया। इस दोष को मिटाने का एक ही तरीका है कि तुम तीनों लोकों का भ्रमण करो। जिस स्थान पर ब्रह्मा का ये पांचवां मुख तुम्‍हारे हाथ से छूटेगा, वहीं तुम्हें इस पाप से मुक्‍ति मिलेगी। भैरव बाबा के हाथ से काशी में ब्रह्माजी का मुख अलग हुआ, वहीं उनको मुक्ति मिली। जिसके बाद शिवजी ने काल भैरव को काशी का कोतवाल बनाया। मान्यता है कि यहां विराजित बाबा कालभैरव की अराधना करने से सारा दुख, नजर बाधा, विकार और कष्ट को भी हरते हैं।

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851

व्यक्तिगत पूजा

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पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
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आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

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2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री काल भैरव मंदिर में भैरव बाबा को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
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आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री काल भैरव मंदिर में भैरव बाबा को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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जय राज यादव

दिल्ली
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

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मुकुल राज

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सुनील कुमार सैनी

चंडीगढ़

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों