मृत्यु भय से मुक्ति एवं मानसिक स्थिरता के लिए कालाष्टमी विशेष काल सर्प दोष शांति पूजा और रूद्राभिषेक
मृत्यु भय से मुक्ति एवं मानसिक स्थिरता के लिए कालाष्टमी विशेष काल सर्प दोष शांति पूजा और रूद्राभिषेक
मृत्यु भय से मुक्ति एवं मानसिक स्थिरता के लिए कालाष्टमी विशेष काल सर्प दोष शांति पूजा और रूद्राभिषेक
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मृत्यु भय से मुक्ति एवं मानसिक स्थिरता के लिए कालाष्टमी विशेष काल सर्प दोष शांति पूजा और रूद्राभिषेक
temple venue
श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर, प्रयागराज
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

मृत्यु भय से मुक्ति एवं मानसिक स्थिरता के लिए कालाष्टमी विशेष काल सर्प दोष शांति पूजा और रूद्राभिषेक

ज्योतिषियों के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु की स्थिति को देखकर कालसर्प दोष का पता लगाया जाता है। इस दौरान व्यक्ति को कई चुनौतियों जैसे स्वास्थ्य, आर्थिक, मृत्यु भय एवं मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए यह पूजा अत्यंत कारगर माना गया है। इस पूजा सर्पों के साथ उनके अधिपति देवता भगवान शिव का भी आह्वाहन किया जाता है। दिनांक 01 मई 2024 को प्रयागराज में स्थित श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर में कालाष्टमी के शुभ दिन पर होने वाली इस पूजा में श्री मंदिर के द्वारा भाग लें और भोलेनाथ के आशीष से इस अशुभ दोष से मुक्ति का आशीष पाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
मृत्यु भय से मुक्ति
ज्योतिष के अनुसार, जब जन्म कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं तो कालसर्प दोष का योग बनता है। इस दोष के कारण व्यक्ति को कई चुनौतियों के साथ भय का सामना भी करना पडता है जिसमें विशेष रूप से मृत्यु भय शामिल है। मान्यता है कि भगवान शिव अपने भक्तों को लंबी उम्र का वरदान देते हैं, कालसर्प दोष पूजा के साथ रुद्राभिषेक करने से भक्तों को मृत्यु के भय से मुक्ति के साथ अन्य समस्याओं का सामना करने के लिए साहस का वरदान मिलता है।
puja benefits
मानसिक स्थिरता के लिए
जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष निर्मित होता है उस दौरान जातक को अनेक तरह की मानसिक एवं भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस पूजा को करने से मनुष्य को आंतरिक शांति एवं भावनात्मक संतुलन का अनुभव होता है, जो कि मानसिक स्थिरता के लिए आवश्यक है। मानसिक स्थिरता के लिए भावनात्मक संतुलन को महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान शिवजी के आशीर्वाद से मानसिक चिंताओं का हरण होता है और जीवन में आने वाले सभी विघ्न दूर होकर सफलता आपके कदम चूमती है।
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राहु-केतु के अशुभत्व से छुटकारा
ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है और ये अक्सर बाधाओं, गलतफहमी और कार्मिक चुनौतियों जैसे समस्याओं को उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है। कुंडली में जब काल सर्प दोष मौजूद होता है, तो यह राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों को और बढ़ा देता है। कालाष्टमी के शुभ दिन पर यह पूजा करने से राहु-केतु के अशुभत्व से छुटकारा मिलता है।
puja benefits
बाधाओं से मुक्ति
काल सर्प दोष अक्सर उन बाधाओं और चुनौतियों से जुड़ा होता है जो जीवन के विभिन्न पहलुओं के साथ व्यवसाय अथवा नौकरी में उपस्थित होने वाले अनअपेक्षित बाधाओं एवं निष्फलता उत्पन्न करते हैं। यह पूजा इन अनअपेक्षित बाधाओं को दूर करने में मदद करती है।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

भुगतान के बाद, अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर,प्रयागराज

श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर,प्रयागराज
संगम नगरी कहे जाने वाले प्रयागराज में यमुना किनारे सुप्रसिद्ध तक्षकेश्वर तीर्थ क्षेत्र विश्व का एकलौता तक्षक तीर्थ स्थल है। कई लोग इसे "बड़ा शिवाला" के नाम से जानते हैं। पुराणों के अनुसार तक्षकेश्वर तीर्थ का इतिहास 5000 साल से भी ज्यादा पुराना है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब राजा परीक्षित को तक्षक नाग ने डसा था, तो उसके प्रायश्चित में इन पांचों मूर्तियों को स्थापित किया गया था और वरदान दिया गया था कि जो कोई भी इस मंदिर में जाकर दर्शन या पूजा-अर्चना करेगा, उसके सम्पूर्ण परिवार को कभी सर्प की विष बाधा नहीं होगी। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण द्वारा मथुरा से भगाए जाने के पश्चात तक्षक नाग ने इसी स्थान पर वास किया था, जो तक्षक कुंड के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि काल सर्पयोग शांति, राहु की महादशा, नागदोष एवं विष बाधा से मुक्ति का मुख्य स्थान तक्षकेश्वर तीर्थ, प्रयागराज ही है।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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जय राज यादव

दिल्ली
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

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सुनील कुमार सैनी

चंडीगढ़
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों