दुर्घटना से सुरक्षा एवं स्थिरता पाने के लिए आश्लेषा नक्षत्र विशेष काल सर्प दोष शांति महापूजा और रुद्राभिषेक
दुर्घटना से सुरक्षा एवं स्थिरता पाने के लिए आश्लेषा नक्षत्र विशेष काल सर्प दोष शांति महापूजा और रुद्राभिषेक
दुर्घटना से सुरक्षा एवं स्थिरता पाने के लिए आश्लेषा नक्षत्र विशेष काल सर्प दोष शांति महापूजा और रुद्राभिषेक
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दुर्घटना से सुरक्षा एवं स्थिरता पाने के लिए आश्लेषा नक्षत्र विशेष काल सर्प दोष शांति महापूजा और रुद्राभिषेक
दुर्घटना से सुरक्षा एवं स्थिरता पाने के लिए आश्लेषा नक्षत्र विशेष काल सर्प दोष शांति महापूजा और रुद्राभिषेक
temple venue
श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर, प्रयागराज
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

दुर्घटना से सुरक्षा एवं स्थिरता पाने के लिए आश्लेषा नक्षत्र विशेष काल सर्प दोष शांति महापूजा और रुद्राभिषेक

हिंदू धर्म में हर नक्षत्र का अपना एक अगल महत्व होता है। जिनमें से एक नक्षत्र है आश्लेषा नक्षत्र, जिसके समूह में 6 तारे हैं जो सर्प का आकार बनाते हैं। इस नक्षत्र के देवता नाग देवता हैं इसलिए, इस नक्षत्र के दौरान काल सर्प दोष शांति पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस पूजा को करने से काल सर्प दोष के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलता है। दिनांक 15 मई 2024 को, प्रयागराज के श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर में काल सर्प दोष शांति महापूजा और रुद्राभिषेक का आयोजन किया जायेगा। श्री मंदिर के माध्यम से आश्लेषा नक्षत्र के शुभ दिन पर होने वाले इस पूजा में अवश्य भाग लें।

पूजा लाभ

puja benefits
दुर्घटना से सुरक्षा
ज्योतिष के अनुसार, जब जन्म कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं तो कालसर्प दोष का योग बनता है। इस दोष के कारण व्यक्ति को कई चुनौतियों के साथ दुर्घटना का संयोग भी बनता है। मान्यता है कि भगवान शिव अपने भक्तों को लंबी उम्र का वरदान देते हैं, कालसर्प दोष पूजा के साथ रुद्राभिषेक करने से भक्तों के जीवन में होने वाले दुर्घटना से सुरक्षा का वरदान देते हैं।
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जीवन में स्थिरता के लिए
जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष निर्मित होता है उस दौरान जातक को अनेक तरह की मानसिक एवं भावनात्मक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस पूजा को करने से मनुष्य को आंतरिक शांति एवं भावनात्मक संतुलन का अनुभव होता है, जो कि जीवन में स्थिरता के लिए आवश्यक है। जीवन में स्थिरता के लिए भावनात्मक संतुलन को महत्वपूर्ण माना गया है। भगवान शिवजी के आशीर्वाद से चिंता एवं तनाव का हरण होता है और जीवन में आने वाले सभी विघ्न दूर होकर सफलता आपके कदम चूमती है।
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राहु-केतु के अशुभत्व से छुटकारा
ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है और ये अक्सर बाधाओं, गलतफहमी और कार्मिक चुनौतियों जैसे समस्याओं को उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है। कुंडली में जब काल सर्प दोष मौजूद होता है, तो यह राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों को और बढ़ा देता है। यह पूजा करने से राहु-केतु के अशुभत्व से छुटकारा मिलता है।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

भुगतान के बाद, अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 2-3 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर,प्रयागराज

श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर,प्रयागराज
संगम नगरी कहे जाने वाले प्रयागराज में यमुना किनारे सुप्रसिद्ध तक्षकेश्वर तीर्थ क्षेत्र विश्व का एकलौता तक्षक तीर्थ स्थल है। कई लोग इसे "बड़ा शिवाला" के नाम से जानते हैं। पुराणों के अनुसार तक्षकेश्वर तीर्थ का इतिहास 5000 साल से भी ज्यादा पुराना है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब राजा परीक्षित को तक्षक नाग ने डसा था, तो उसके प्रायश्चित में इन पांचों मूर्तियों को स्थापित किया गया था और वरदान दिया गया था कि जो कोई भी इस मंदिर में जाकर दर्शन या पूजा-अर्चना करेगा, उसके सम्पूर्ण परिवार को कभी सर्प की विष बाधा नहीं होगी।

एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण द्वारा मथुरा से भगाए जाने के पश्चात तक्षक नाग ने इसी स्थान पर वास किया था, जो तक्षक कुंड के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि काल सर्पयोग शांति, राहु की महादशा, नागदोष एवं विष बाधा से मुक्ति का मुख्य स्थान तक्षकेश्वर तीर्थ, प्रयागराज ही है।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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जय राज यादव

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