रचनात्मकता बढ़ाने और शिक्षा में सफलता के लिए शुक्ल पंचमी विशेष सरस्वती स्तोत्र पाठ और 108 बुद्धि वृद्धि मंत्र जाप
रचनात्मकता बढ़ाने और शिक्षा में सफलता के लिए शुक्ल पंचमी विशेष सरस्वती स्तोत्र पाठ और 108 बुद्धि वृद्धि मंत्र जाप
रचनात्मकता बढ़ाने और शिक्षा में सफलता के लिए शुक्ल पंचमी विशेष सरस्वती स्तोत्र पाठ और 108 बुद्धि वृद्धि मंत्र जाप
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रचनात्मकता बढ़ाने और शिक्षा में सफलता के लिए शुक्ल पंचमी विशेष सरस्वती स्तोत्र पाठ और 108 बुद्धि वृद्धि मंत्र जाप
रचनात्मकता बढ़ाने और शिक्षा में सफलता के लिए शुक्ल पंचमी विशेष सरस्वती स्तोत्र पाठ और 108 बुद्धि वृद्धि मंत्र जाप
temple venue
मां वाग्देवी मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

रचनात्मकता बढ़ाने और शिक्षा में सफलता के लिए शुक्ल पंचमी विशेष सरस्वती स्तोत्र पाठ और 108 बुद्धि वृद्धि मंत्र जाप

माँ सरस्वती को ज्ञान, बुद्धि, कला और संगीत की देवी के रूप में पूजा जाता है। इनकी आराधना से ज्ञान की प्राप्ति होती है, किसी भी कार्य में सफलता के लिए ज्ञान का होना जरूरी है। मान्यता है कि शुक्ल पंचमी की शुभ तिथि पर, सरस्वती स्तोत्र पाठ का पाठ करने से छात्रों की याददाश्त एवं एकाग्र शक्ति में सुधार होता है। जो लोग अपनी परीक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त करना चाहते हैं या विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें अपने बौद्धिक विकास और करियर में उन्नति के लिए सरस्वती स्तोत्र पाठ के साथ 108 बुद्धि वृद्धि मंत्र जाप करना चाहिए। दिनांक 12 मई 2024 को उज्जैन के मां वाग्देवी मंदिर में आयोजित होने वाली इस पूजा में श्री मंदिर के माध्यम से अवश्य भाग लें और मां सरस्वती से आशीष पाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
रचनात्मकता बढ़ाने के लिए
रचनात्मकता को बढ़ाने के लिए मां सरस्वती की पूजा अत्यंत लाभकारी मानी गई है। वह विद्या, ज्ञान, रचनात्मकता, कला और संगीत की देवी हैं, इसलिए इनकी पूजा से बुद्धि में बढ़ोतरी, विभिन्न कलात्मक और बौद्धिक गतिविधियों में नवीन सोच की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि शुक्ल पंचमी पर सरस्वती स्तोत्र पाठ के साथ 108 बुद्धि वृद्धि मंत्र का जाप करने से साहित्य, संगीत और कला जैसे क्षेत्रों में रचनात्मकता और नवीनता का आशीष प्राप्त होता है।
puja benefits
शिक्षा में सफलता के लिए
मां सरस्वती की पूजा शिक्षा में सफलता के लिए की जाती है क्योंकि वह ज्ञान, रचनात्मकता और बुद्धिमत्ता की देवी हैं। उनका आह्वान करने से छात्र अपने विचारों में नवीनता, बुद्धि में स्पष्टता और सीखने की कला में महारत हासिल करते हैं, जिससे वे अपने अकादमिक शिक्षा में बिना किसी बाधा के उच्च सफलता प्राप्त करते हैं।
puja benefits
करियर ग्रोथ के लिए
मां सरस्वती ज्ञान, प्रतिभा और विशेषज्ञता प्रदान करती हैं। ये तीन गुण करियर में ग्रोथ के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। अपने करियर में उन्नति चाहने वाले भक्त व्यावसायिक बाधाओं से निपटने, अपने विचारों और विशेषज्ञता को आत्मविश्वास के साथ सामने रखने और सहकर्मियों, ग्राहकों और वरिष्ठों के साथ सार्थक संबंध बनाने के लिए शुक्ल पंचमी पर विशेष रूप से मां सरस्वती की पूजा करते हैं।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
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अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

भुगतान के बाद, अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

मां वाग्देवी मंदिर,उज्जैन, मध्य प्रदेश

मां वाग्देवी मंदिर,उज्जैन, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश की प्राचीन नगरी उज्जैन में ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माता सरस्वती का प्राचीन मंदिर है। यहां नील सरस्वती के रूप में विराजमान हैं, विद्यादायिनी का पूजा के साथ स्याही अभिषेक का विशेष महत्व है। मान्यता है कि वाग्देवी का स्याही से अभिषेक और पूजा करने से छात्रों को पढ़ाई में मन लगता है, ध्यान केंद्रित का संकल्प मजबूत होता है और सफलता मिलती है। इसी मान्यता के चलते स्थानीय के साथ दूरदराज से भी स्वजन बच्चों को लेकर माता के दरबार में आते हैं।

मां सरस्वती को शारदा, भगवती, वीणा वादिनी आदि नामों से भी जाना जाता है। सभी लोग बुद्धि व ज्ञान की वृद्धि के लिए मां सरस्वती की पूजा करते हैं। शास्त्रों में कहीं-कहीं माता सरस्वती को नीलवर्णी कहा गया है। माना जाता है कि भगवान विष्णु से आदेशित होकर नील सरस्वती भगवान ब्रम्हा के साथ सृष्टि के ज्ञान कल्प को बढ़ाने का दायित्व संभाले हुए हैं।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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जय राज यादव

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