साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या अर्धरात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त यज्ञ
साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या अर्धरात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त यज्ञ
साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या अर्धरात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त यज्ञ
साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या अर्धरात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त यज्ञ
साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या अर्धरात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त यज्ञ
साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या अर्धरात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त यज्ञ
साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या अर्धरात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त यज्ञ
temple venue
शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर, पश्चिम बंगाल
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

साहस प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए दर्श अमावस्या अर्धरात्रि विशेष दिव्य महाकाली तंत्र युक्त यज्ञ

तंत्र विद्या के अनुसार दर्श अमावस्या की तिथि तंत्र साधना के लिए शुभ मानी गई है। शास्त्रों के अनुसार इस शुभ दिन पर मां काली की पूजा अत्यंत फलदायी होती है, दर्श अमावस्या की आधी रात पर मां महाकाली की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में नकारात्मकता खत्म हो जाती है। दिनांक 07 मई 2024 को, पश्चिम बंगाल के शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर के पुजारियों द्वारा दिव्य महाकाली तंत्र युक्त यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस महायज्ञ में भाग लें और साहस प्राप्ति के साथ बाधाओं से सुरक्षा का आशीष पाएं।

पूजा लाभ

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बाधाओं से सुरक्षा के लिए
मां महाकाली के इस यज्ञ को करने से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे करियर, आर्थिक एवं स्वास्थ्य से जुडी कई अनचाही बाधाओं एवं चुनौतियों से मुक्ति मिलती है। दर्श अमावस्या के दिन विशेष रूप से अर्धरात्रि में की गई इस पूजा का प्रभाव अत्यंत लाभकारी होता और मां काली की कृपा से भक्तों को सफलता और समृद्धि का आशीष प्राप्त होता है।
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नकारात्मक ऊर्जाओं एवं बुरी शक्तियों का विनाश
तारापीठ में देवी काली की इस विशेष अर्धरात्रि विशेष यज्ञ से भक्तों को नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीष प्राप्त होता है। मां काली सभी बुरी एवं नकारात्मक शक्तियों के विनाश के लिए जानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी काली की जो भक्त सच्चे दिल से आराधना करते हैं उनके जीवन में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाएं एवं बुरी शक्तियां टिक नहीं पाती हैं।
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साहस प्राप्त करने के लिए
मां महाकाली को भय पर विजय पाने वाली के रूप में भी पूजा जाता है, उनका उग्र रूप निडरता और साहस का प्रतीक है, जो भक्तों को डर का सामना करने और उस पर काबू पाने में मदद करता है। इस विशेष यज्ञ में शामिल भक्तों को बिना डरे जीवन की चुनौतियों का सामना करने का साहस एवं शक्ति का आशीष मां महाकाली से प्राप्त होता है।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

भुगतान के बाद, अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर,पश्चिम बंगाल

शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर,पश्चिम बंगाल
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां तारा की उत्पत्ति उस समय हुई थी जब समुद्र मंथन के समय विष निकला था, उस दौरान भगवान शिव ने यह विष ग्रहण कर लिया था, जिसके कारण शिवजी के शरीर में अत्याधिक जलन और पीड़ा होने लगी थी। भगवान शिव को पीड़ा से मुक्त करने के लिए मां काली ने दूसरा स्वरूप धारण किया और शिव जी को स्तनपान कराया, जिसके बाद उनके शरीर की जलन शांत हुई थी। इसलिए कहते हैं कि तारा देवी मां काली का ही दूसरा स्वरूप है।

पुराणों के अनुसार पश्चिम बंगाल में स्थित श्री तारापीठ मंदिर तंत्र साधना का जागृत स्थल माना जाता है। 10 महाविद्या में दूसरा स्थान रखने वाली मां तारा यहां अपने सौम्य रूप में विराजित हैं। मान्यता है कि सुदर्शन चक्र से भगवान विष्णु ने मां सती के शरीर के टुकड़े किए थें। उस दौरान माता सती के अंगों में से आंख की पुतली यहां गिरी थी। बांग्ला में आंख की पुतली को तारा कहते हैं और इसलिए इस जगह का नाम तारापीठ पड़ा। यहां पूजा करने से भक्तों के जीवन से सभी तरह की आपदाएं दूर हो जाती हैं।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
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