कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभत्व से मुक्ति के लिए गुरुवार काशी विशेष बृहस्पति ग्रह शांति 1008 मूल मंत्र जाप एवं यज्ञ
कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभत्व से मुक्ति के लिए गुरुवार काशी विशेष बृहस्पति ग्रह शांति 1008 मूल मंत्र जाप एवं यज्ञ
कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभत्व से मुक्ति के लिए गुरुवार काशी विशेष बृहस्पति ग्रह शांति 1008 मूल मंत्र जाप एवं यज्ञ
कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभत्व से मुक्ति के लिए गुरुवार काशी विशेष बृहस्पति ग्रह शांति 1008 मूल मंत्र जाप एवं यज्ञ
कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभत्व से मुक्ति के लिए गुरुवार काशी विशेष बृहस्पति ग्रह शांति 1008 मूल मंत्र जाप एवं यज्ञ
कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभत्व से मुक्ति के लिए गुरुवार काशी विशेष बृहस्पति ग्रह शांति 1008 मूल मंत्र जाप एवं यज्ञ
कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभत्व से मुक्ति के लिए गुरुवार काशी विशेष बृहस्पति ग्रह शांति 1008 मूल मंत्र जाप एवं यज्ञ
गुरुवार काशी विशेष

बृहस्पति ग्रह शांति 1008 मूल मंत्र जाप एवं यज्ञ

कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभत्व से मुक्ति के लिए
temple venue
श्री बृहस्पति मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

कुंडली में बृहस्पति ग्रह के अशुभत्व से मुक्ति के लिए गुरुवार काशी विशेष बृहस्पति ग्रह शांति 1008 मूल मंत्र जाप एवं यज्ञ


पौराणिक कथा के अनुसार महादेव की नगरी काशी में स्वयं शिव जी ने बृहस्पति यानि गुरु को स्थान दिया था, इसलिए इनकी क्रुर दृष्टि एवं अशुभत्व से बचने के लिए काशी के श्री बृहस्पति मंदिर में पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। सभी नवग्रहों में प्रमुख माने जाने वाले बृहस्पति देव की कृपा से बुद्धि़, भाग्य, धन, आय, शक्ति और करियर में उच्च स्थान की प्राप्ति होती है। वहीं अगर कुंडली में बृहस्पति अशुभ स्थिति में हो तो जातक को जीवन में कई कठिनाइयों जैसे आर्थिक, शैक्षिक, करियर एवं स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए दिनांक 30 मई 2024, गुरुवार के शुभ दिन पर बृहस्पति ग्रह शांति 1008 मूल मंत्र जाप एवं यज्ञ का आयोजन किया गया है।

पूजा लाभ

puja benefits
गुरु ग्रह दोष से मुक्ति
कुंडली में गुरु ग्रह की कमजोर स्थिति अभाग्य का कारण बनती है और उसे आर्थिक, शारीरिक, संतान, वैवाहिक जीवन आदि में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गुरु को सफलता एवं उदारता का ग्रह भी कहा गया है इसलिए उसके कमजोर होने से व्यक्ति आलसी हो जाता है और उसे आसानी से सफलता नहीं मिलती है। इन समस्याओं से बचने के लिए गुरुवार के दिन बृहस्पति ग्रह शांति पूजा अत्यंत कारगर मानी गई है।
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ज्ञान एवं बुद्धि का आशीष
बृहस्पति ग्रह को गुरु ग्रह के नाम से भी जाना जाता है और यह ग्रह धर्म, ध्यान, ज्ञान और शिक्षा का प्रतीक माना जाता है। सामान्यत: गुरु शुभ फल देता है किंतु पापी ग्रह यदि उसके साथ विराजमान हो जाए अथवा गुरु अपनी नीच राशि में स्थित हो तो यही गुरु जातक को अशुभ फल देने लगता है, जिससे जातक आर्थिक, मानसिक, शारीरिक एवं पारिवारिक रूप से परेशान हो जाता है। मान्यता है कि बृहस्पति मंदिर में पूजा-अर्चना करने से गुरु ग्रह का आशीष प्राप्त होता है जिससे लोगों में विवेक, ज्ञान, और बुद्धि की वृद्धि होती है।
puja benefits
खुशहाल वैवाहिक जीवन व संतान प्राप्ति
बृहस्पति ग्रह को सुख, वैभव, वैवाहिक जीवन, संतान एवं विवाह के कारक माने जाते हैं। कुंडली में बृहस्पति उच्च स्थान में हों तो जीवन में ढेर सारी खुशियां मिलती हैं। मान्यता है कि बृहस्पति ग्रह शांति के द्वारा बृहस्पति देव की पूजा करने से वैवाहिक संबंधों को मजबूत करने के साथ ही संतान प्राप्ति एवं स्वस्थ सेहत का आशीष प्राप्त होता है।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

श्री बृहस्पति मंदिर,काशी, उत्तर प्रदेश

 श्री बृहस्पति मंदिर,काशी, उत्तर प्रदेश
महादेव की नगरी काशी में श्री बृहस्पति मंदिर का विशेष स्थान है। काशी खंड के अनुसार, मंगल, शनि, एवं बृहस्पति (गुरु) से जुड़ा एक रोचक प्रसंग मिलता है। कहा जाता है कि ऋषि अंगिरस ने इसी स्थान पर भगवान शिव की उपासना की थी, और उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर शिव जी ने उन्हें बृहस्पति अर्थात् गुरु नाम देकर आकाशीय पिंडों में सबसे विशेष स्थान दिया था। तभी से भगवान शिव बृहस्पति के रूप में इस मंदिर में विराजमान हैं।

मोक्ष की नगरी काशी में दशाश्वमेध घाट पर स्थित इस मंदिर में भक्तों की समस्त इच्छाओं को पूर्ण करने के वाले रुद्राभिषेक और गुरु शांति यज्ञ का आयोजन किया जाता है। बृहस्पति के प्रतिकूल प्रभाव को समाप्त करने के लिए यहां हर गुरुवार या गुरु नक्षत्र के दौरान विशेष पूजा की जाती है। इस मंदिर में बृहस्पति गुरु शांति यज्ञ में शामिल होने वाले भक्तों को धन, सम्मान, प्रसिद्धि, ज्ञान, बुद्धि, संतान सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता मिलती है।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

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