श्री विश्वकर्मा आरती
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श्री विश्वकर्मा आरती

श्री विश्वकर्मा की आरती का नियमित पाठ करने से भक्तों को सृजनात्मकता, कार्यक्षमता और समृद्धि प्राप्त होती है।

श्री विश्वकर्मा जी की आरती के बारे में

हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा को निर्माण एवं सृजन का देवता माना जाता है। सोने की लंका का निर्माण भी उन्होंने ही किया। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा एवं आरती करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही व्यापार में तरक्की और उन्नति होती है।

श्री विश्वकर्मा आरती

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवोप्रभु विश्वकर्मा।

सुदामा की विनय सुनी और कंचन महल बनाए।

सकल पदारथ देकर प्रभु जी दुखियों के दुख टारे॥

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवोप्रभु विश्वकर्मा।

विनय करी भगवान कृष्ण ने द्वारकापुरी बनाओ।

ग्वाल बालों की रक्षा की प्रभु की लाज बचाओ॥

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवोप्रभु विश्वकर्मा।

रामचंद्र ने पूजन कीतब सेतु बांध रचि डारो।

सब सेना को पार किया प्रभु लंका विजय करावो॥

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवोप्रभु विश्वकर्मा।

श्री कृष्ण की विजय सुनो प्रभु आके दर्श दिखावो।

शिल्प विद्या का दो प्रकाश मेरा जीवन सफल बनावो॥

प्रभु श्री विश्वकर्मा घर आवोप्रभु विश्वकर्मा।

ऐसी ही भक्तिमय आरती संग्रह पाएं सिर्फ श्री मंदिर साहित्य पर।

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Published by Sri Mandir·February 18, 2025

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