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18 दिसम्बर, 2024

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तृतीया कृष्ण पक्ष,बुधवार
पौष मास
हेमंत,पिंगल 2081
तृतीया कृष्ण पक्ष,बुधवार
पौष मास
हेमंत,पिंगल 2081
त्यौहार
संकष्टी चतुर्थी
त्यौहार
संकष्टी चतुर्थी

शुभ-अशुभ समय

शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त
11:34 AM से 12:16 PM
11:34 AM से 12:16 PM
राहुकाल
राहुकाल
11:55 AM से 1:15 PM
11:55 AM से 1:15 PM
गुलिक काल
गुलिक काल
10:36 AM से 11:55 AM
10:36 AM से 11:55 AM
यमघण्टकाल
यमघण्टकाल
7:58 AM से 9:17 AM
7:58 AM से 9:17 AM

सूर्यास्त-सूर्योदय

सूर्योदय
6:38 AM
सूर्योदय
6:38 AM
सूर्यास्त
5:13 PM
सूर्यास्त
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MoonRise
चंद्रोदय
8:12 PM
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चंद्रोदय
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MoonSet
चन्द्रास्त
9:20 AM
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चन्द्रास्त
9:20 AM

आज का पंचांग

तिथि
कृष्ण पक्ष तृतीया
10:07 AM तक
10:07 AM तक
नक्षत्र
पुष्य
1:00 AM तक
1:00 AM तक
योग
इंद्र
7:33 PM तक
7:33 PM तक
करण
विष्टि
10:09 AM तक
10:09 AM तक
महीना अमान्त
मृगशिरा
महीना पूर्णिमांत
पौष
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2081 (पिंगल)
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मोक्षदा एकादशी
11 December, 2024
गीता जयन्ती
11 December, 2024
गुरुवायुर एकादशी
12 December, 2024
मत्स्य द्वादशी
13 December, 2024
प्रदोष व्रत
13 December, 2024
हनुमान जयन्ती *कन्नड़
13 December, 2024
कार्तिगाई दीपम्
14 December, 2024
दत्तात्रेय जयन्ती
14 December, 2024
रोहिणी व्रत
15 December, 2024
मार्गशीर्ष पूर्णिमा
15 December, 2024
पूर्णिमा उपवास
15 December, 2024
अन्नपूर्णा जयन्ती
15 December, 2024
त्रिपुर भैरवी जयन्ती
15 December, 2024
धनु संक्रान्ति
16 December, 2024
पौष प्रारम्भ *उत्तर
18 December, 2024
संकष्टी चतुर्थी
22 December, 2024
भानु सप्तमी
22 December, 2024
कालाष्टमी
26 December, 2024
सफला एकादशी
26 December, 2024
मण्डला पूजा
28 December, 2024
प्रदोष व्रत
28 December, 2024
शनि त्रयोदशी
29 December, 2024
मासिक शिवरात्रि
30 December, 2024
पौष अमावस्या
30 December, 2024
दर्शवेला अमावस्या
30 December, 2024
सोमवती अमावस्या
30 December, 2024
हनुमान जयंती
16,000 बृहस्पति ग्रह मूल मंत्र जाप और सुदर्शन हवन
गुरुवार विशेष

16,000 बृहस्पति ग्रह मूल मंत्र जाप और सुदर्शन हवन

आदर्श जीवनसाथी एवं रिश्तों में आनंद प्राप्ति के लिए

puja venue
श्री बृहस्पति मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
puja date
19 दिसम्बर, गुरुवार, पौष कृष्ण चतुर्थी
11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप, वैभव लक्ष्मी पूजा एवं धन समृद्धि हवन
शुक्रवार 'शक्तिपीठ कोल्हापुर अंबाबाई' महोत्सव

11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप, वैभव लक्ष्मी पूजा एवं धन समृद्धि हवन

जीवन में प्रचुर धन और आनंद का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए

puja venue
शक्तिपीठ माँ महालक्ष्मी अम्बाबाई मंदिर, कोल्हापुर, महाराष्ट्र
puja date
20 दिसम्बर, शुक्रवार, पौष कृष्ण पंचमी
7,000 केतु मूल मंत्र जाप और हवन
केतु ग्रह शांति नक्षत्र विशेष

7,000 केतु मूल मंत्र जाप और हवन

जीवन में स्थिरता एवं उद्देश्य प्राप्ति के आशीष के लिए

puja venue
श्री बड़ा गणेश मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश
puja date
20 दिसम्बर, शुक्रवार, पौष कृष्ण पंचमी

सम्पूर्ण पंचांग, Varanasi

दिनांक 18 दिसम्बर, 2024तृतीया कृष्ण पक्ष,बुधवारपौष मासहेमंत,पिंगल 2081 में
Varanasi में शुभ मुहूर्त 11:34 AM से 12:16 PM तकहै। जिसमें गुलिक काल 10:36 AM से 11:55 AM  तक है।
और राहुकाल 11:55 AM से 1:15 PM तक रहेगा।काल का समय यमघण्टकाल 7:58 AM से 9:17 AM तक है।
Varanasi में सूर्यास्त-सूर्योदय
सूर्योदय 6:38 AM और सूर्यास्त 5:13 PM का समय है।
चंद्रोदय 8:12 PM और चंद्रोदय का समय 8:12 PM है।
हसंपूर्ण पंचांग के अनुसार तिथि कृष्ण पक्ष तृतीया 10:07 AM तक है। हवहीं नक्षत्र पुष्य 1:00 AM तक है।
योग इंद्र 7:33 PM तक है।करण विष्टि 10:09 AM तक है।
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आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang)

पंचांग हिंदू धर्म में समय और तिथियों को समझने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साधन है। यह भारतीय ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर दिन के सभी प्रमुख पहलुओं की जानकारी प्रदान करता है। आज के दिन की गतिविधियों को सफल और शुभ बनाने के लिए पंचांग का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसमें प्रमुख रूप से तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, शुभ मुहूर्त, सूर्योदय और सूर्यास्त की जानकारी होती है। आइए जानते हैं आज के पंचांग की विस्तार से जानकारी।

तिथि

तिथि पंचांग का एक प्रमुख हिस्सा होती है। तिथि से यह ज्ञात होता है कि चंद्रमा की स्थिति किस प्रकार की है और आज का दिन कौन सा है। हिंदू धर्म में हर तिथि का अपना महत्व है, जैसे एकादशी व्रत, पूर्णिमा या अमावस्या पर विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं। आज की तिथि जानकर आप अपने धार्मिक कार्यों को सही समय पर कर सकते हैं।

वार

वार यानी सप्ताह का दिन। पंचांग के अनुसार, हर वार का भी अपना महत्व होता है। जैसे सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है, मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना जाता है। वार से यह पता चलता है कि आज किस देवता की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए ताकि दिन शुभ रहे।

नक्षत्र

नक्षत्र चंद्रमा की स्थिति को दर्शाते हैं। पूरे दिन में कौन सा नक्षत्र चल रहा है, इसका ज्ञान पंचांग से होता है। शुभ कार्यों के लिए नक्षत्र का विशेष महत्व होता है। कुछ नक्षत्र शुभ होते हैं जिनमें शादी, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य किए जाते हैं, जबकि कुछ नक्षत्र अशुभ माने जाते हैं जिनमें इन कार्यों को टाला जाता है।

योग

पंचांग में योग भी शामिल होता है, जो कि समय के अनुसार बदलता रहता है। योग का ज्ञान शुभ-अशुभ घटनाओं का संकेत देता है। अगर आज कोई शुभ योग है, तो यह किसी विशेष कार्य की सफलता का सूचक हो सकता है। वहीं, अशुभ योग होने पर कार्य को स्थगित करना उचित माना जाता है।

करण

करण पंचांग का वह हिस्सा है जो तिथि को दो हिस्सों में विभाजित करता है। यह बताता है कि किस समय का उपयोग शुभ कार्यों के लिए किया जा सकता है। करण का सही ज्ञान होने से आप अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं और अनुकूल समय में अपने कार्यों को संपन्न कर सकते हैं।

शुभ मुहूर्त

आज का पंचांग शुभ मुहूर्त की जानकारी भी देता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। चाहे वह विवाह हो, व्यापार का आरंभ हो या फिर कोई धार्मिक अनुष्ठान हो, शुभ मुहूर्त जानकर आप अपने कार्यों को सफल बना सकते हैं। पंचांग में दिन के अनुसार, सबसे शुभ समय को बताया जाता है जिसे 'अभिजीत मुहूर्त' भी कहा जाता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

आज के पंचांग में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का भी विशेष उल्लेख होता है। हिंदू धर्म में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। सूर्योदय के समय किए गए धार्मिक कार्य अधिक फलदायी होते हैं। साथ ही, शाम के समय सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।

आज का चंद्रमा और चंद्रदर्शन

पंचांग में चंद्रमा की स्थिति और चंद्रदर्शन की जानकारी भी दी जाती है। आज का चंद्रमा किस राशि में है और किस समय उगेगा, इसका विवरण पंचांग में दिया जाता है। व्रत या उपवास रखने वाले लोगों के लिए चंद्रदर्शन का विशेष महत्व होता है।

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Sri Mandir has brought religious services to the masses in India by connecting devotees, pundits, and temples. Partnering with over 50 renowned temples, we provide exclusive pujas and offerings services performed by expert pandits and share videos of the completed puja rituals.

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