कब्ज की आयुर्वेदिक दवा

कब्ज की आयुर्वेदिक दवा

आपके किचन में है कब्ज का रामबाण दवा


कब्ज का घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार

एक अध्ययन बताता है कि कब्ज से पूरी दुनिया में करीब 10% फीसदी लोग परेशान हैं। भारत में इससे पीड़ित लोगों की संख्या 22 प्रतिशत से भी ज्यादा है। कब्ज एक ऐसी बीमारी है, जिससे मरीज का पेट ठीक से साफ नहीं होता है। कब्ज के कारण शौच के दौरान काफी दिक्कतें आती हैं। इससे पीड़ित लोगों को कई बार शौच के लिए जाना पड़ता है। वहीं ठीक से पेट साफ न होने से पीड़ित शख्स दिनभर थका-थका महसूस करता है। कब्ज से पीड़ित शख्स को बहुत सोच-समझकर खाना-पीना पड़ता है।

कब्ज की समस्या लंबे समय तक रहने से और भी कई तरह की परेशानियां आने लगती है। कब्ज आगे चलकर कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए कभी भी कब्ज के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आज हम आपको कब्ज, उससे होने वाली परेशानियों और इसके घरेलू उपचार के बारे में बता रहे हैं। कब्ज को घरेलू उपचार और आयुर्वेद की मदद से हमेशा के लिए खत्म कर सकते हैं।

क्या है कब्ज?

मानव शरीर का संतुलन वात, पित्त, कफ दोष पर निर्भर करता है। इनमें से किसी में भी हुए असंतुलन के कारण हमारा शरीर कई तरह के रोगों से घिर जाता है। ये कई बार खान-पान और जीवनशैली में लापरवाही के कारण होता है। खानपान और जीवनशैली में लापरवाही के कारण कई बार हमरा खाया हुआ खाना सही समय पर सही से पचता नहीं है। इससे हमारे शरीर के दोष असंतुलित होते हैं और दूषित होकर कई बीमारियों को जन्म देते हैं। इन्हीं में एक है बीमारी है कब्ज। कब्ज वात दोष के कारण होती है। इस कारण मल सूखा और कठोर हो जाता है, साथ ही सही समय पर मल त्याग नहीं हो पाता है।

कब्ज के कारण:

कब्ज की बीमारी के कई कारण होते हैं। इसमें सबसे प्रमुख कारण खान-पान और जीवनशैली में लापरवाही है। भोजन में रेशेदार आहार की कमी से भी कब्ज की समस्या हो सकती है। मैदे से बने और तले हुए मसालेदार भोजन से भी कब्ज की समस्या हो सकती है। कम पानी पीने या शरीर में मिनरल्स यानी तरल पदार्थों की कमी से भी कब्ज की समस्या हो सकती है। समय पर भोजन न करने या खाली पेट रहने से भी कब्ज की समस्या हो सकती है। देर रात तक जागने और देर सुबह तक सोने से भी कब्ज की परेशानी हो सकती है। अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, तंबाकू या सिगरेट आदि का सेवन करना भी कब्ज का कारण बन सकता है। हार्मोन्स का असंतुलन या थायराइड के कारण भी कब्ज की बीमारी हो सकती है। कई बार अधिक मात्रा में या लंबे तक दर्द निवारक दवाइयों के इस्तेमाल से भी कब्ज होने का डर रहता है।

कब्ज के लक्षण:

कब्ज के कई लक्षण हैं। ये काफी तकलीफदेह भी होता है। इसमें पीड़ित न तो ठीक से खाना खा पाता है और न ही सही से अपना काम कर पाता है। कब्ज से पीड़ित व्यक्ति दिन भर आलस्य महसूस करता है।

इसके कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:

  • मल त्याग में परेशानी।
  • पेट में दर्द और भारीपन।
  • पेट में गैस, गले में जलन होना।
  • मल का सख्त और सूखा होना।
  • सिर में लगातार दर्द रहना।
  • दिनभर सुस्ती बने रहना।
  • पिण्डलियों में लगातार दर्द रहना।
  • मुंह से दुर्गन्ध आना और छाले होना।

कब्ज का घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार

वैसे तो कब्ज से छुटकारा के लिए कई एलोपैथिक उपचार मौजूद हैं, लेकिन ऐसी बीमारियों में दादी-नानी के नुस्खे के साथ घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार को भी काफी कारगर माना गया है। इसके लिए कई आसान और घरेलू टिप्स को अपना सकते हैं। तो आइए जानते हैं, कब्ज का घरेलू उपचार के बारे में।

मुनक्के से दूर करें कब्ज

मुनक्का हमारे शरीर के पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। इससे गैस, एसिडिटी की समस्या से राहत मिलती है।

करीब 8-10 ग्राम मुनक्के रात को पानी में भीगने के लिए रख दें। सुबह खाली पेट इसके बीज निकालकर दूध में उबालकर खाएं और दूध को पी लें।

एरण्ड के तेल से कब्ज का इलाज

एरण्ड को कई जगहों पर अरंडी नाम से भी जाना जाता है। इसे कब्ज के लिए रामबाण माना गया है। रात में सोते समय एक गिलास गर्म दूध में 1-2 चम्मच एरंड का तेल डालकर पीने से कब्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है। कब्ज को दूर करने के लिए घरेलू और बहुत ही उपयोगी इलाज है।

बेल से दूर होती है कब्ज की परेशानी

बेल में कई औषधीय गुण होते हैं। इससे कई तरह की बीमारियों में राहत मिलती है। बेल का फल कब्ज में बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए आधा कप बेल का गूदा और एक चम्मच गुड़ रोज शाम को भोजन से पहले सेवन करना चाहिए। बेल का शरबत भी पी सकते हैं। इससे कब्ज की समस्या से निजात मिलता है।

जीरा और अजवाइन से करें कब्ज का इलाज

जीरा और अजवाइन को पहले धीमी आंच पर भून लें। फिर इसे पीसकर इसमें बराबर मात्रा में काला नमक मिला लें। अब इसे रोज आधा चम्मच गुनगुने पानी के साथ पिएं। इससे कब्ज दूर करने में काफी हद तक मदद मिलती है।

मुलेठी से कब्ज की बीमारी का इलाज

मुलेठी औषधीय गुणों से भरपूर होता है। मुलेठी कब्ज को दूर करने में सहायक है। इसके लिए एक गिलास पानी में एक चम्मच मुलेठी का चूर्ण और एक चम्मच गुड़ मिलाकर सेवन करना चाहिए। इसे सुबह या शाम को सोते समय ले सकते हैं।

सौंफ से करें कब्ज को दूर

कब्ज के इलाज के लिए सौंफ को भी काफी महत्वपूर्ण माना गया है। सौंफ पेट को साफ करता है और इसे ठंडा रखता है। इसके लिए रात में सोने से पहले एक चम्मच भुनी हुई सौंफ को गरम पानी के साथ लेना चाहिए। सौंफ गैस्ट्रिक एंजाइम के उत्पादन को बढ़ाता है। जिससे कब्ज में राहत मिलती है।

कब्ज में लाभदायक है चना

कब्ज की समस्या में चना बहुत ही लाभदायक माना गया है। इसे भिगोकर या उबालकर खाने से कब्ज से राहत मिलती है। चने में जीरा या सोंठ को पीसकर मिला सकते हैं। इससे जल्दी राहत महसूस होगी। इसके अलावा पके हुए केले को भी दूध के साथ ले सकते हैं।

कब्ज को खत्म करता है अलसी

अलसी के बीजों को पीसकर एक चम्मच रोज रात को सोने से पहले लेने से कब्ज में राहत मिलती है। अलसी कई औषधीय गुणों से भरा है। कब्ज के साथ ये और भी कई तरह की बीमारियों में काम करता है।

त्रिफला चूर्ण है कब्ज की रामबाण दवा

त्रिफला चूर्ण से पुरानी से पुरानी कब्ज की बीमारी को दूर किया जा सकता है। इसके लिए प्रतिदिन रात को सोने से पहले त्रिफला चूर्ण को गरम पानी के साथ लेना चाहिए। 6 महीने तक लगातार इसका सेवन करने से पुरानी से पुरानी कब्ज की समस्या भी ठीक हो सकती है। दस ग्राम अजवायन, दस ग्राम त्रिफला और दस ग्राम सेंधा नमक को कूटकर चूर्ण बना सकते हैं। इस चूर्ण को रोज 3-5 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म पानी के साथ ले सकते हैं। पुरानी कब्ज के लिए इसे रामबाण माना गया है।

कब्ज से छुटकारा के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय इस प्रकार हैं:-

  • प्रतिदिन गर्म दूध के साथ 2 चम्मच गुड़ का सेवन करें।
  • सूखे अंजीर को दूध में उबालकर खाएं और दूध को पी लें।
  • सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ सेवन करें।
  • प्रतिदिन सुबह खाली पेट नींबू के रस में काला नमक मिलाकर सेवन करें।
  • एक चम्मच इसबगोल की भूसी को रोज सुबह और शाम पानी के साथ सेवन करें।

कब्ज की बीमारी में खान-पान का रखें विशेष ख्याल

कब्ज से राहत के लिए खानपान पर विशेष ख्याल देने की जरूरत है। ऐसे में हमें ज्यादा से ज्यादा फल, सब्जियां और रेशेदार (फाइबर) आहार का सेवन करना चाहिए। फाइबर युक्त आहार की कमी कब्ज का एक मुख्य कारण है। विशेषज्ञों के मुताबिक हर दिन एक व्यस्क व्यक्ति को 20-30 ग्राम फाइबर लेना चाहिए। यह ध्यान रहे कि अधिक मात्रा में भी फाइबर का सेवन नहीं करना चाहिए, नहीं तो इससे पेट फूलने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा अंगूर, पपीता, खुबानी, अंजीर, अनानास और नाशपाती का सेवन करना चाहिए। सब्जियों में पत्ता गोभी, गाजर, ब्रोकली और पालक का सेवन कब्ज में बेहद लाभदायक माना गया है।

कब्ज से पीड़ित लोग इन चीजों से करें परहेज

कब्ज से पीड़ित लोगों को दूध और पनीर से दूर ही रहना चाहिए। मैदे से बनी चीजें बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। मसालेदार भोजन से दूर रहना चाहिए। उबला हुआ और अच्छे से पका हुआ भोजन का सेवन करना चाहिए। यदि कब्ज लंबे समय से है और घरेलू उपचार से ठीक नहीं हो रहा हो तो यह बवासीर का कारण बन सकती है। ऐसे में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

यह लेख सामान्य रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर है। अगर इन घरेलू उपायों के बाद कब्ज से आराम न मिले तो तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से सम्पर्क करें। साथ ही समय-समय पर अपने डॉक्टर से सुझाव लेते रहें।

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