सांवली सूरत पे मोहन भजन | Sanwali Surat Pe Mohan Bhajan
"सांवली सूरत पे मोहन" एक ऐसा भजन है जो आपको श्रीकृष्ण की दिव्य छवि का अनुभव कराता है। जब आप इस भजन को सुनते हैं, तो ऐसा महसूस होता है जैसे उनकी सांवली सूरत और मनमोहक मुस्कान आपके सामने प्रकट हो रही हो। यह भजन आपको उनके बाल स्वरूप, माखन चुराने की लीलाओं और राधा के प्रति उनके असीम प्रेम की याद दिलाता है।
इसे सुनते हुए आपका मन भाव-विभोर हो जाएगा और आप उनके दिव्य स्वरूप में डूब जाएंगे। यह भजन न केवल भक्ति की अनुभूति कराता है, बल्कि आपके हृदय को भी आनंद और शांति से भर देता है।
सांवली सूरत पे मोहन लिरिक्स | Sanwali Surat Pe Mohan Lyrics
सांवली सूरत पे मोहन,
दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया,
दिल दीवाना हो गया ॥
एक तो तेरे नैन तिरछे,
दूसरा काजल लगा ।
तीसरा नज़रें मिलाना,
दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन,
दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया,
दिल दीवाना हो गया ॥
एक तो तेरे होंठ पतले,
दूसरा लाली लगी ।
तीसरा तेरा मुस्कुराना,
दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन,
दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया,
दिल दीवाना हो गया ॥
एक तो तेरे हाथ कोमल,
दूसरा मेहँदी लगी ।
तीसरा मुरली बजाना,
दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन,
दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया,
दिल दीवाना हो गया ॥
एक तो तेरे पाँव नाज़ुक,
दूसरा पायल बंधी ।
तीसरा घुंगरू बजाना,
दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन,
दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया,
दिल दीवाना हो गया ॥
एक तो तेरे भोग छप्पन,
दूसरा माखन धरा ।
तीसरा खिचडे का खाना,
दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन,
दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया,
दिल दीवाना हो गया ॥
एक तो तेरे साथ राधा,
दूसरा रुक्मण खड़ी ।
तीसरा मीरा का आना,
दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन,
दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया,
दिल दीवाना हो गया ॥
एक तो तुम देवता हो,
दूसरा प्रियतम मेरे ।
तीसरा सपनों में आना,
दिल दीवाना हो गया ॥
सांवली सूरत पे मोहन,
दिल दीवाना हो गया ।
दिल दीवाना हो गया,
दिल दीवाना हो गया ॥