जानिए गायत्री माता के 1000 पवित्र नाम, जो आपकी आस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे और जीवन में सकारात्मकता का संचार करेंगे।
गायत्री माता के 1000 नाम और मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति, समृद्धि, और आत्मिक उन्नति मिलती है। इन मंत्रों का उच्चारण करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। यह मंत्र शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं।
गायत्री माता को समर्पित 1000 मंत्र न केवल देवी के विभिन्न रूपों और शक्तियों का प्रतीक हैं, बल्कि हर नाम में छिपा आध्यात्मिक संदेश व्यक्ति के जीवन को दिशा देने की क्षमता रखता है। गायत्री मंत्र का जाप जहां भक्तों को गायत्री माता की कृपा प्रदान करता है, वहीं ये हमारे जीवन में शांति, ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी करता है।
पुराणों में गायत्री मंत्र का विशेष महत्व बताया गया है। ये मंत्र जातक के मन और आत्मा को शुद्ध करते हैं और जीवन में सकारात्मकता लाते हैं। गायत्री मंत्र के नियमित जाप से मन शांत होता है और जीवन की परेशानियां से छुटकारा मिलता है। गायत्री माता के 1000 नाम उनके गुणों और शक्तियों का प्रतीक हैं। हर नाम में एक संदेश छिपा है, जो जीवन को नई दिशा देता है। गायत्री मंत्र और माता के नामों का स्मरण करने से जीवन में स्थिरता और सफलता मिलती है। यह व्यक्ति के जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति के मार्ग खोलता है।
गायत्री मंत्र का जाप करते समय कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है, ताकि आपको इसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।
गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए सही समय का चयन करें। इसके लिए ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 3:30 से 4:30 बजे के बीच का समय गायत्री मंत्र के जाप के लिए सबसे उत्तम है। यदि इस समय जाप संभव न हो, तो सूर्योदय, दोपहर और सूर्यास्त का समय भी शुभ माना गया है।
गायत्री मंत्र का जाप करते समय अपना मन और शरीर शुद्ध रखें। गायत्री मंत्र के जाप से पहले स्नान कर लें और शांत व स्वच्छ स्थान पर बैठकर ही जाप करें।
प्रातः बेला में जाप करने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके उगते सूरज के सामने बैठें। वहीं शाम के समय पश्चिम दिशा में डूबते सूरज के सामने बैठकर ये जाप करें। ध्यान रहे कि मंत्रों का उच्चारण मन में या धीमे स्वर में करें।
यदि आप सूरज के सामने नहीं बैठ पा रहे हैं, तो जाप करते समय गायत्री माता के साथ साथ सूर्य की किरणों और उनकी ऊर्जा का मन में आह्वान करें। ऐसे करने से इस मंत्र का प्रभाव बढ़ जाता है।
अपने जीवन में शांति और सकारात्मकता लाने के लिए गायत्री माता के 1000 नामों का स्मरण और गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करें। ये न केवल आपके वर्तमान जीवन को सुधारता है, बल्कि आत्मा को मोक्ष के मार्ग पर भी ले जाता है।
S.No | बुध मंत्र |
1 | ॐ अचिन्त्यलक्षणायै नमः। |
2 | ॐ अव्यक्तायै नमः। |
3 | ॐ अर्थमातृमहेश्वर्यै नमः। |
4 | ॐ अमृतार्णवमध्यस्थायै नमः। |
5 | ॐ अजितायै नमः। |
6 | ॐ अपराजितायै नमः। |
7 | ॐ अणिमादिगुणाधरायै नमः। |
8 | ॐ अर्कमण्डलसंस्थितायै नमः। |
9 | ॐ अजरायै नमः। |
10 | ॐ अजायै नमः। |
11 | ॐ अपरायै नमः। |
12 | ॐ अधर्मायै नमः। |
13 | ॐ अक्षसूत्रधरायै नमः। |
14 | ॐ अधरायै नमः। |
15 | ॐ अकारादिक्षकारान्तायै नमः। |
16 | ॐ अरिषद्वर्गभेदिन्यै नमः। |
17 | ॐ अञ्जनाद्रिप्रतिकाशायै नमः। |
18 | ॐ अञ्जनाद्रिनिवासिन्यै नमः। |
19 | ॐ अदित्यै नमः। |
20 | ॐ अजपायै नमः। |
21 | ॐ अविद्यायै नमः। |
22 | ॐ अरविन्दनिभेक्षणायै नमः। |
23 | ॐ अन्तर्बहिस्थितायै नमः। |
24 | ॐ अविद्याध्वंसिन्यै नमः। |
25 | ॐ अन्तरात्मिकायै नमः। |
26 | ॐ अजायै नमः। |
27 | ॐ अजमुखवासायै नमः। |
28 | ॐ अरविन्दनिभाननायै नमः। |
29 | ॐ अर्धमात्रायै/व्यञ्जनवर्णात्मिकायै नमः। |
30 | ॐ अर्थदानज्ञायै नमः। |
31 | ॐ अरिमण्डलमर्दिन्यै नमः। |
32 | ॐ असुराघ्न्यै नमः। |
33 | ॐ अमावास्यायै नमः। |
34 | ॐ अलाक्षिघ्न्यै नमः। |
35 | ॐ अन्त्यजार्चितायै नमः। |
36 | ॐ आदिलक्ष्म्यै नमः। |
37 | ॐ आदिशक्त्यै नमः। |
38 | ॐ आकृत्यै नमः। |
39 | ॐ आयताननायै नमः। |
40 | ॐ आदित्यपदविचारायै नमः। |
41 | ॐ आदित्यपरिसेवितायै नमः। |
42 | ॐ आचार्यायै नमः। |
43 | ॐ आवर्तनायै नमः। |
44 | ॐ आचारायै नमः। |
45 | ॐ आदिमूर्तिनिवासिन्यै नमः। |
46 | ॐ आग्नेय्यै नमः। |
47 | ॐ आमर्यै नमः। |
48 | ॐ आद्यायै नमः। |
49 | ॐ आराध्यायै नमः। |
50 | ॐ आसनस्थितायै नमः। |
51 | ॐ आधारनिलयायै नमः। |
52 | ॐ आधारायै नमः। |
53 | ॐ आकाशान्तनिवासिन्यै नमः। |
54 | ॐ आद्याक्षर समयुक्तायै नमः। |
55 | ॐ आन्तराकाशरूपिण्यै नमः। |
56 | ॐ आदित्यमण्डलगतायै नमः। |
57 | ॐ आन्तरध्वान्तनाशिन्यै नमः। |
58 | ॐ इन्दिरायै नमः। |
59 | ॐ इष्टदायै नमः। |
60 | ॐ इष्टायै नमः। |
61 | ॐ इन्दिवरनिवेक्षणायै नमः। |
62 | ॐ इरावत्यै नमः। |
63 | ॐ इन्द्रपदायै नमः। |
64 | ॐ इन्द्राण्यै नमः। |
65 | ॐ इन्दुरूपिण्यै नमः। |
66 | ॐ इक्षुकोदण्डसंयुक्तायै नमः। |
67 | ॐ इषुसन्धानकारिण्यै नमः। |
68 | ॐ इन्द्रनीलसमाकारायै नमः। |
69 | ॐ इडापिङ्गलरूपिण्यै नमः। |
70 | ॐ इन्द्राक्ष्यै नमः। |
71 | ॐ ईश्वर्यै नमः। |
72 | ॐ ईहात्रयविवर्जितायै नमः। |
73 | ॐ उमायै नमः। |
74 | ॐ उषायै नमः। |
75 | ॐ उडुनिभायै नमः। |
76 | ॐ उर्वारुकफलाननायै नमः। |
77 | ॐ उडुप्रभायै नमः। |
78 | ॐ उडुमत्यै नमः। |
79 | ॐ उडुपायै नमः। |
80 | ॐ उडुमध्यगायै नमः। |
81 | ॐ ऊर्धायै नमः। |
82 | ॐ ऊर्धकेश्यै नमः। |
83 | ॐ ऊर्धाधोगतिभेदिन्यै नमः। |
84 | ॐ ऊर्ध्ववाहुप्रियायै नमः। |
85 | ॐ ऊर्मिमालावाग्ग्रन्थदायिन्यै नमः। |
86 | ॐ ऋतायै नमः। |
87 | ॐ ऋष्यै नमः। |
88 | ॐ ऋतुमत्यै नमः। |
89 | ॐ ऋषिदेवनामसकृतायै नमः। |
90 | ॐ ऋग्वेदायै नमः। |
91 | ॐ ऋणहर्त्र्यै नमः। |
92 | ॐ ऋषिमण्डलचारिण्यै नमः। |
93 | ॐ ऋद्धिदायै नमः। |
94 | ॐ ऋजुमार्गस्थायै नमः। |
95 | ॐ ऋजुधर्मायै नमः। |
96 | ॐ ऋजुप्रदायै नमः। |
97 | ॐ ऋग्वेदनिलयायै नमः। |
98 | ॐ ऋज्व्यै नमः। |
99 | ॐ लुप्तधर्मप्रवर्तिन्यै नमः। |
100 | ॐ लुतारिवरसम्भूतायै नमः। |
101 | ॐ लुतादिविषहारिण्यै नमः। |
102 | ॐ एकाक्षरायै नमः। |
103 | ॐ एकमात्रायै नमः। |
104 | ॐ एकायै नमः। |
105 | ॐ एकैकनिष्ठितायै नमः। |
106 | ॐ ऐन्द्र्यै नमः। |
107 | ॐ ऐरावतारूढायै नमः। |
108 | ॐ ऐहिकामुष्मिकप्रदायै नमः। |
109 | ॐ ओङ्कारायै नमः। |
110 | ॐ ओषध्यै नमः। |
111 | ॐ ओतायै नमः। |
112 | ॐ ओतप्रोतनिवासिन्यै नमः। |
113 | ॐ और्भायै नमः। |
114 | ॐ औषधसम्पन्नायै नमः। |
115 | ॐ औपासनफलप्रदायै नमः। |
116 | ॐ अण्डमध्यस्थितायै नमः। |
117 | ॐ अःकारमनुरूपिण्यै/विसर्गरूपिण्यै नमः। |
118 | ॐ कात्यायन्यै नमः। |
119 | ॐ कालरात्र्यै नमः। |
120 | ॐ कामाक्ष्यै नमः। |
121 | ॐ कामसुन्दर्यै नमः। |
122 | ॐ कमलायै नमः। |
123 | ॐ कामिन्यै नमः। |
124 | ॐ कान्तायै नमः। |
125 | ॐ कामदायै नमः। |
126 | ॐ कालकण्ठिन्यै नमः। |
127 | ॐ करिकुम्भस्तनभरायै नमः। |
128 | ॐ करवीरसुवासिन्यै नमः। |
129 | ॐ कल्याण्यै नमः। |
130 | ॐ कुण्डलवत्यै नमः। |
131 | ॐ कुरुक्षेत्रनिवासिन्यै नमः। |
132 | ॐ कुरुविन्ददलाकारायै नमः। |
133 | ॐ कुण्डल्यै नमः। |
134 | ॐ कुमुदालयायै नमः। |
135 | ॐ कालजिह्वायै नमः। |
136 | ॐ करालास्यायै नमः। |
137 | ॐ कालिकायै नमः। |
138 | ॐ कालरूपिण्यै नमः। |
139 | ॐ कामनीयगुणायै नमः। |
140 | ॐ कान्त्यै नमः। |
141 | ॐ कलाधारायै नमः। |
142 | ॐ कुमुद्वत्यै नमः। |
143 | ॐ कौशिक्यै नमः। |
144 | ॐ कमलाकारायै नमः। |
145 | ॐ कामचारप्रभञ्जिन्यै नमः। |
146 | ॐ कौमार्यै नमः। |
147 | ॐ करुणापाङ्ग्यै नमः। |
148 | ॐ ककुवन्तायै नमः। |
149 | ॐ करिप्रियायै नमः। |
150 | ॐ केशर्यै नमः। |
151 | ॐ केशवनुतायै नमः। |
152 | ॐ कदम्बायै नमः। |
153 | ॐ कुसुमप्रियायै नमः। |
154 | ॐ कालिन्द्यै नमः। |
155 | ॐ कालिकायै नमः। |
156 | ॐ काञ्च्यै नमः। |
157 | ॐ कलशोद्भवसंस्तुतायै नमः। |
158 | ॐ काममातायै नमः। |
159 | ॐ क्रतुमत्यै नमः। |
160 | ॐ कामरूपायै नमः। |
161 | ॐ कृपावत्यै नमः। |
162 | ॐ कुमार्यै नमः। |
163 | ॐ कुण्डनिलयायै नमः। |
164 | ॐ किरात्यै नमः। |
165 | ॐ कीरवाहनायै नमः। |
166 | ॐ कैकेय्यै नमः। |
167 | ॐ कोकिलालापायै नमः। |
168 | ॐ केतकीकुसुमप्रियायै नमः। |
169 | ॐ कमण्डलुधरायै नमः। |
170 | ॐ काल्यै नमः। |
171 | ॐ कर्मनिर्मूलकारिण्यै नमः। |
172 | ॐ कलहंसगत्यै नमः। |
173 | ॐ कक्षायै नमः। |
174 | ॐ कृतकौतुकमङ्गलायै नमः। |
175 | ॐ कस्तुरीतिलकायै नमः। |
176 | ॐ कमरायै नमः। |
177 | ॐ करिन्द्रगमनायै नमः। |
178 | ॐ कुह्वै नमः। |
179 | ॐ कर्पूरलेपनायै नमः। |
180 | ॐ कृष्णायै नमः। |
181 | ॐ कपिलायै नमः। |
182 | ॐ कुहराश्रयायै नमः। |
183 | ॐ कूटस्थायै नमः। |
184 | ॐ कुधरायै नमः। |
185 | ॐ कमरायै नमः। |
186 | ॐ कुक्षिस्थाखिलविष्टपायै नमः। |
187 | ॐ खड्गखेटधरायै नमः। |
188 | ॐ खर्वायै नमः। |
189 | ॐ खेचर्यै नमः। |
190 | ॐ खगवाहनायै नमः। |
191 | ॐ खट्टाङ्गधारिण्यै नमः। |
192 | ॐ ख्यातायै नमः। |
193 | ॐ खगोराजोपरिस्थितायै नमः। |
194 | ॐ खलघ्न्यै नमः। |
195 | ॐ खण्डितजरायै नमः। |
196 | ॐ खडाक्ष्यानप्रदायिन्यै नमः। |
197 | ॐ खण्डेन्दुतिलकायै नमः। |
198 | ॐ गङ्गायै नमः। |
199 | ॐ गणेशगुहपूजितायै नमः। |
200 | ॐ गायत्र्यै नमः। |
201 | ॐ गोमत्यै नमः। |
202 | ॐ गीतायै नमः। |
203 | ॐ गान्धार्यै नमः। |
204 | ॐ गानलोलुपायै नमः। |
205 | ॐ गौतम्यै नमः। |
206 | ॐ गामिन्यै नमः। |
207 | ॐ गाधायै नमः। |
208 | ॐ गन्धर्वाप्सरसेवितायै नमः। |
209 | ॐ गोविन्दचरणाक्रान्तायै नमः। |
210 | ॐ गुणत्रयविभावितायै नमः। |
211 | ॐ गन्धर्व्यै नमः। |
212 | ॐ गह्वर्यै नमः। |
213 | ॐ गोत्रायै नमः। |
214 | ॐ गिरीशायै नमः। |
215 | ॐ गहनायै नमः। |
216 | ॐ गम्यै नमः। |
217 | ॐ गुहावासायै नमः। |
218 | ॐ गुणवत्यै नमः। |
219 | ॐ गुरुपापप्रणासिन्यै नमः। |
220 | ॐ गुर्व्यै नमः। |
221 | ॐ गुणवत्यै नमः। |
222 | ॐ गुह्यायै नमः। |
223 | ॐ गोप्तव्यायै नमः। |
224 | ॐ गुणदायिन्यै नमः। |
225 | ॐ गिरिजायै नमः। |
226 | ॐ गुह्यमातङ्ग्यै नमः। |
227 | ॐ गरुडध्वजवल्लभायै नमः। |
228 | ॐ गर्वापहारिण्यै नमः। |
229 | ॐ गोदायै नमः। |
230 | ॐ गोकुलरभायै नमः। |
231 | ॐ गदाधरायै नमः। |
232 | ॐ गोकर्णनिलयासक्तायै नमः। |
233 | ॐ गुह्यमण्डलवर्तिन्यै नमः। |
234 | ॐ घर्मदायै नमः। |
235 | ॐ घनदायै नमः। |
236 | ॐ घण्टायै नमः। |
237 | ॐ घोरदानवमर्दिन्यै नमः। |
238 | ॐ घृणिमन्त्रमय्यै नमः। |
239 | ॐ घेषायै नमः। |
240 | ॐ घनसम्पातदायिन्यै नमः। |
241 | ॐ घण्टारवप्रियायै नमः। |
242 | ॐ घ्राणायै नमः। |
243 | ॐ घृणिसन्तुष्टिकारिण्यै नमः। |
244 | ॐ घनारिमण्डलायै नमः। |
245 | ॐ घूर्णायै नमः। |
246 | ॐ घृताच्यै नमः। |
247 | ॐ घणवेगिन्यै नमः। |
248 | ॐ ज्ञानधातुमय्यै नमः। |
249 | ॐ चर्चायै नमः। |
250 | ॐ चर्चितायै नमः। |
251 | ॐ चारुहासिन्यै नमः। |
252 | ॐ चटुलायै नमः। |
253 | ॐ चण्डिकायै नमः। |
254 | ॐ चित्रायै नमः। |
255 | ॐ चित्रमाल्यविभूषितायै नमः। |
256 | ॐ चतुर्भुजायै नमः। |
257 | ॐ चारुदन्तायै नमः। |
258 | ॐ चातुर्यै नमः। |
259 | ॐ चरितप्रदायै नमः। |
260 | ॐ चूलिकायै नमः। |
261 | ॐ चित्रवस्त्रान्तायै नमः। |
262 | ॐ चन्द्रमःकर्णकुण्डलायै नमः। |
263 | ॐ चन्द्रहासायै नमः। |
264 | ॐ चारुदात्र्यै नमः। |
265 | ॐ चकोर्यै नमः। |
266 | ॐ चन्द्रहासिन्यै नमः। |
267 | ॐ चन्द्रिकायै नमः। |
268 | ॐ चन्द्रधात्र्यै नमः। |
269 | ॐ चौर्यै नमः। |
270 | ॐ चोरायै नमः। |
271 | ॐ चण्डिकायै नमः। |
272 | ॐ चञ्चद्वागवादिन्यै नमः। |
273 | ॐ चन्द्रचूडायै नमः। |
274 | ॐ चोरविनाशिन्यै नमः। |
275 | ॐ चारुचन्दनलिप्ताङ्ग्यै नमः। |
276 | ॐ चञ्चच्चामरविजितायै नमः। |
277 | ॐ चारुमध्यायै नमः। |
278 | ॐ चारुगत्यै नमः। |
279 | ॐ चण्डिलायै नमः। |
280 | ॐ चन्द्ररूपिण्यै नमः। |
281 | ॐ चारुहोमप्रियायै नमः। |
282 | ॐ चार्वायै नमः। |
283 | ॐ चरितायै नमः। |
284 | ॐ चक्रबाहुकायै नमः। |
285 | ॐ चन्द्रमण्डलमध्यस्थायै नमः। |
286 | ॐ चन्द्रमण्डलदर्पणायै नमः। |
287 | ॐ चक्रवाकस्तन्यै नमः। |
288 | ॐ चेष्टायै नमः। |
289 | ॐ चित्रायै नमः। |
290 | ॐ चारुविलासिन्यै नमः। |
291 | ॐ चित्स्वरूपायै नमः। |
292 | ॐ चन्दवत्यै नमः। |
293 | ॐ चन्द्रमायै नमः। |
294 | ॐ चन्दनप्रियायै नमः। |
295 | ॐ चोदयित्र्यै नमः। |
296 | ॐ चिरप्रज्ञायै नमः। |
297 | ॐ चातकायै नमः। |
298 | ॐ चारुहेतुक्यै नमः। |
299 | ॐ छत्रयातायै नमः। |
300 | ॐ छत्रधरायै नमः। |
301 | ॐ छायायै नमः। |
302 | ॐ छन्दपरिच्छदायै नमः। |
303 | ॐ छायादेव्यै नमः। |
304 | ॐ छिद्रनखायै नमः। |
305 | ॐ छन्नेन्द्रियविसर्पिण्यै नमः। |
306 | ॐ छन्दोनुष्टुप्प्रतिष्ठान्तायै नमः। |
307 | ॐ छिद्रोपद्रवभेदिन्यै नमः। |
308 | ॐ छेदायै नमः। |
309 | ॐ छत्रेश्वर्यै नमः। |
310 | ॐ छिन्नायै नमः। |
311 | ॐ छुरिकायै नमः। |
312 | ॐ छेलन्प्रियायै नमः। |
313 | ॐ जनन्यै नमः। |
314 | ॐ जन्मरहितायै नमः। |
315 | ॐ जातवेदायै नमः। |
316 | ॐ जगन्मय्यै नमः। |
317 | ॐ जाह्नव्यै नमः। |
318 | ॐ जटिलायै नमः। |
319 | ॐ जेत्र्यै नमः। |
320 | ॐ जरामरणवर्जितायै नमः। |
321 | ॐ जम्बुद्वीपवत्यै नमः। |
322 | ॐ ज्वालायै नमः। |
323 | ॐ जयन्त्यै नमः। |
324 | ॐ जलशालिन्यै नमः। |
325 | ॐ जितेन्द्रियायै नमः। |
326 | ॐ जितक्रोधायै नमः। |
327 | ॐ जितामित्रायै नमः। |
328 | ॐ जगत्प्रियायै नमः। |
329 | ॐ जातरूपमय्यै नमः। |
330 | ॐ जिह्वायै नमः। |
331 | ॐ जानक्यै नमः। |
332 | ॐ जगत्यै नमः। |
333 | ॐ जयायै नमः। |
334 | ॐ जनित्र्यै नमः। |
335 | ॐ जह्नुतनयायै नमः। |
336 | ॐ जगत्त्रयहितैषिण्यै नमः। |
337 | ॐ ज्वालमुल्यै नमः। |
338 | ॐ जपवत्यै नमः। |
339 | ॐ ज्वरघ्न्यै नमः। |
340 | ॐ जितविष्टपायै नमः। |
341 | ॐ जिताक्रान्तमय्यै नमः। |
342 | ॐ ज्वालायै नमः। |
343 | ॐ जाग्रत्यै नमः। |
344 | ॐ ज्वरदेवतायै नमः। |
345 | ॐ ज्वलन्त्यै नमः। |
346 | ॐ जलदायै नमः। |
347 | ॐ ज्येष्ठायै नमः। |
348 | ॐ ज्याघोषस्फोटदिङ्मुख्यै नमः। |
349 | ॐ जम्भिन्यै नमः। |
350 | ॐ जृम्भनायै नमः। |
351 | ॐ जृम्भायै नमः। |
352 | ॐ ज्वलन्मणिक्यकुण्डलायै नमः। |
353 | ॐ झिञ्झिकायै नमः। |
354 | ॐ झणनिर्घोषायै नमः। |
355 | ॐ झञ्झामारुतवेगिन्यै नमः। |
356 | ॐ झल्लकीवाद्यकुशलायै नमः। |
357 | ॐ ञरूपायै नमः। |
358 | ॐ ञभुजायै नमः। |
359 | ॐ टङ्कभेदिन्यै नमः। |
360 | ॐ टङ्कबाणसमायुक्तायै नमः। |
361 | ॐ टङ्किन्यै नमः। |
362 | ॐ टङ्कभेदिन्यै नमः। |
363 | ॐ टङ्कीगणकृताघोषायै नमः। |
364 | ॐ टङ्कनीयमहोरसायै नमः। |
365 | ॐ टङ्कारकारिण्यै नमः। |
366 | ॐ ठ ठ शब्दनिनादिन्यै नमः। |
367 | ॐ डामर्यै नमः। |
368 | ॐ डाकिन्यै नमः। |
369 | ॐ डिम्भायै नमः। |
370 | ॐ डुण्डमारैकनिर्जितायै नमः। |
371 | ॐ डामरीतन्त्रमार्गस्थायै नमः। |
372 | ॐ डण्डडमरुनादिन्यै नमः। |
373 | ॐ डिण्डिरवसहायै नमः। |
374 | ॐ डिम्भलसाक्रीडापरायणायै नमः। |
375 | ॐ ढुण्ढिविघ्नेशजनन्यै नमः। |
376 | ॐ ढकाहस्तायै नमः। |
377 | ॐ ढिलिव्रजायै नमः। |
378 | ॐ नित्यज्ञानायै नमः। |
379 | ॐ निरुपणायै नमः। |
380 | ॐ निर्गुणायै नमः। |
381 | ॐ नर्मदायै नमः। |
382 | ॐ त्रिगुणायै नमः। |
383 | ॐ त्रिपदायै नमः। |
384 | ॐ तन्त्र्यै नमः। |
385 | ॐ तुलस्यै नमः। |
386 | ॐ तरुणादित्यसङ्कशायै नमः। |
387 | ॐ तामस्यै नमः। |
388 | ॐ तुहिनायै नमः। |
389 | ॐ तुरायै नमः। |
390 | ॐ त्रिकालज्ञानसम्पन्नायै नमः। |
391 | ॐ त्रिवल्यै नमः। |
392 | ॐ त्रिलोचनायै नमः। |
393 | ॐ त्रिशक्त्यै नमः। |
394 | ॐ त्रिपुरायै नमः। |
395 | ॐ तुङ्गायै नमः। |
396 | ॐ तुरङ्गवदनायै नमः। |
397 | ॐ तिमिङ्गिलगिलायै नमः। |
398 | ॐ तीव्रायै नमः। |
399 | ॐ त्रिश्रोतायै नमः। |
400 | ॐ तामसादिन्यै नमः। |
401 | ॐ तन्त्रमन्त्रविशेषज्ञायै नमः। |
402 | ॐ तनुमध्यायै नमः। |
403 | ॐ त्रिविष्टपायै नमः। |
404 | ॐ त्रिसन्ध्यायै नमः। |
405 | ॐ त्रिस्तन्यै नमः। |
406 | ॐ तोषासंस्थायै नमः। |
407 | ॐ तालप्रतापिन्यै नमः। |
408 | ॐ ताटङ्किन्यै नमः। |
409 | ॐ तुषाराभायै नमः। |
410 | ॐ तुहिनाचलवासिन्यै नमः। |
411 | ॐ तन्तुजालसमायुक्तायै नमः। |
412 | ॐ तारहारावलिप्रियायै नमः। |
413 | ॐ तिलहोमप्रियायै नमः। |
414 | ॐ तीर्थायै नमः। |
415 | ॐ तमालकुसुमाकृत्यै नमः। |
416 | ॐ तप्तकाञ्चनसंकाशायै नमः। |
417 | ॐ तारकायै नमः। |
418 | ॐ त्रियुतायै नमः। |
419 | ॐ तन्व्यै नमः। |
420 | ॐ त्रिशङ्कुपरिवारितायै नमः। |
421 | ॐ तलोदर्यै नमः। |
422 | ॐ तिरोभासायै नमः। |
423 | ॐ ताटङ्कप्रियवादिन्यै नमः। |
424 | ॐ त्रिजटायै नमः। |
425 | ॐ तित्तिर्यै नमः। |
426 | ॐ तृष्णायै नमः। |
427 | ॐ त्रिविधायै नमः। |
428 | ॐ तरुणाकृत्यै नमः। |
429 | ॐ तप्तकाञ्चनभूषणायै नमः। |
430 | ॐ त्रयम्बकायै नमः। |
431 | ॐ त्रिवर्गायै नमः। |
432 | ॐ त्रिकालज्ञानदायिन्यै नमः। |
433 | ॐ तर्पणायै नमः। |
434 | ॐ तृप्तिदायै नमः। |
435 | ॐ तृप्तायै नमः। |
436 | ॐ तमस्यै नमः। |
437 | ॐ तुम्बरुस्तुतायै नमः। |
438 | ॐ तार्क्ष्यस्थायै नमः। |
439 | ॐ त्रिगुणाकारायै नमः। |
440 | ॐ त्रिभङ्ग्यै नमः। |
441 | ॐ तनुवल्लर्यै नमः। |
442 | ॐ थात्कार्यै नमः। |
443 | ॐ थारवायै नमः। |
444 | ॐ थान्तायै नमः। |
445 | ॐ दोहिन्यै नमः। |
446 | ॐ दीनवत्सलायै नमः। |
447 | ॐ दानवान्तकर्यै नमः। |
448 | ॐ दुर्गायै नमः। |
449 | ॐ दुर्गासुरनिवहृण्यै नमः। |
450 | ॐ देवरीत्यै नमः। |
451 | ॐ दिवारात्र्यै नमः। |
452 | ॐ द्रौपद्यै नमः। |
453 | ॐ दुन्दुभिस्वनायै नमः। |
454 | ॐ देवयान्यै नमः। |
455 | ॐ दुरावासायै नमः। |
456 | ॐ दारिद्र्यभेदिन्यै नमः। |
457 | ॐ दिवायै नमः। |
458 | ॐ दामोदरप्रियायै नमः। |
459 | ॐ दीप्तायै नमः। |
460 | ॐ दिग्वासायै नमः। |
461 | ॐ दिग्विमोहिन्यै नमः। |
462 | ॐ दण्डकारण्यनिलयायै नमः। |
463 | ॐ दण्डिन्यै नमः। |
464 | ॐ देवपूजितायै नमः। |
465 | ॐ देववन्द्यायै नमः। |
466 | ॐ दिविषादायै नमः। |
467 | ॐ द्वेषिण्यै नमः। |
468 | ॐ दानावाकृत्यै नमः। |
469 | ॐ दीननाथस्तुतायै नमः। |
470 | ॐ दीक्षायै नमः। |
471 | ॐ दैवतादिस्वरूपिण्यै नमः। |
472 | ॐ धात्र्यै नमः। |
473 | ॐ धनुर्धरायै नमः। |
474 | ॐ धनुर्धारिण्यै नमः। |
475 | ॐ धर्मचारिण्यै नमः। |
476 | ॐ धुरन्धरायै नमः। |
477 | ॐ धराधारायै नमः। |
478 | ॐ धनदायै नमः। |
479 | ॐ धान्यदोहिन्यै नमः। |
480 | ॐ धर्मशीलायै नमः। |
481 | ॐ धनाध्यक्षायै नमः। |
482 | ॐ धनुर्वेदविशारदायै नमः। |
483 | ॐ धृत्यै नमः। |
484 | ॐ धन्यायै नमः। |
485 | ॐ धृतपदायै नमः। |
486 | ॐ धर्मराजप्रियायै नमः। |
487 | ॐ ध्रुवायै नमः। |
488 | ॐ धूमावत्यै नमः। |
489 | ॐ धूमकेश्यै नमः। |
490 | ॐ धर्मशास्त्रप्रकाशिन्यै नमः। |
491 | ॐ नन्दायै नमः। |
492 | ॐ नन्दप्रियायै नमः। |
493 | ॐ निद्रायै नमः। |
494 | ॐ नृनुतायै नमः। |
495 | ॐ नन्दनात्मिकायै नमः। |
496 | ॐ नर्मदायै नमः। |
497 | ॐ नलिन्यै नमः। |
498 | ॐ नीलायै नमः। |
499 | ॐ नीलकण्ठसमाश्रयारुद्राण्यै नमः। |
500 | ॐ नारायणप्रियायै नमः। |
501 | ॐ नित्यायै नमः। |
502 | ॐ निर्मलायै नमः। |
503 | ॐ निर्गुणायै नमः। |
504 | ॐ निध्यै नमः। |
505 | ॐ निराधारायै नमः। |
506 | ॐ निरुपमायै नमः। |
507 | ॐ नित्यशुद्धायै नमः। |
508 | ॐ निरञ्जनायै नमः। |
509 | ॐ नादबिन्दुकलातीतायै नमः। |
510 | ॐ नादबिन्दुकलात्मिकायै नमः। |
511 | ॐ नृसिंहिन्यै नमः। |
512 | ॐ नगधरायै नमः। |
513 | ॐ नृपनागविभूषितायै नमः। |
514 | ॐ नरकक्लेशनाशिन्यै नमः। |
515 | ॐ नारायणपदोद्भवायै नमः। |
516 | ॐ निरवद्यायै नमः। |
517 | ॐ निराकारायै नमः। |
518 | ॐ नारदप्रियकारिण्यै नमः। |
519 | ॐ नानाज्योतिः नमः। |
520 | ॐ निधिदायै नमः। |
521 | ॐ निर्मलात्मिकायै नमः। |
522 | ॐ नवसूत्रधरायै नमः। |
523 | ॐ नीत्यै नमः। |
524 | ॐ निरुपद्रवकारिण्यै नमः। |
525 | ॐ नन्दजायै नमः। |
526 | ॐ नवरत्नाढ्यायै नमः। |
527 | ॐ नैमिषारण्यवासिन्यै नमः। |
528 | ॐ नवनीतप्रियायै नमः। |
529 | ॐ नार्यै नमः। |
530 | ॐ नीलजीमूतनिस्वनायै नमः। |
531 | ॐ निमेषिण्यै नमः। |
532 | ॐ नदीरूपायै नमः। |
533 | ॐ नीलग्रीवायै नमः। |
534 | ॐ निशिश्वर्यै नमः। |
535 | ॐ नामावल्यै नमः। |
536 | ॐ निशुम्भग्न्यै नमः। |
537 | ॐ नागलोकनिवासिन्यै नमः। |
538 | ॐ नवजाम्बूनादप्रख्यायै नमः। |
539 | ॐ नागलोकाधिदेवतायै नमः। |
540 | ॐ नूपूराक्रान्तचरणायै नमः। |
541 | ॐ नरचित्तप्रमोदिन्यै नमः। |
542 | ॐ निमग्नारक्तनयनायै नमः। |
543 | ॐ निर्घातसमनिस्वनायै नमः। |
544 | ॐ नन्दनोद्यनिलयायै नमः। |
545 | ॐ पार्वत्यै नमः। |
546 | ॐ परमोदारायै नमः। |
547 | ॐ परब्रह्मात्मिकायै नमः। |
548 | ॐ परायै नमः। |
549 | ॐ पञ्चकोशविनिर्मुक्तायै नमः। |
550 | ॐ पञ्चपातकनाशिन्यै नमः। |
551 | ॐ परचित्तविधानज्ञायै नमः। |
552 | ॐ पञ्चिकायै नमः। |
553 | ॐ पञ्चरूपिण्यै नमः। |
554 | ॐ पूर्णिमायै नमः। |
555 | ॐ परमायै नमः। |
556 | ॐ प्रीत्यै नमः। |
557 | ॐ परतेजःप्रकाशिन्यै नमः। |
558 | ॐ पुराण्यै नमः। |
559 | ॐ पौरुष्यै नमः। |
560 | ॐ पुण्यायै नमः। |
561 | ॐ पुण्डरीकनिभक्षनायै नमः। |
562 | ॐ पातालतलनिर्मग्नायै नमः। |
563 | ॐ प्रीतायै नमः। |
564 | ॐ प्रीथिविवर्धिन्यै नमः। |
565 | ॐ पावन्यै नमः। |
566 | ॐ पादसहितायै नमः। |
567 | ॐ पेशलायै नमः। |
568 | ॐ पवनाशिन्यै नमः। |
569 | ॐ प्रजापत्यै नमः। |
570 | ॐ परिश्रान्तायै नमः। |
571 | ॐ पर्वतस्तनमण्डलायै नमः। |
572 | ॐ पद्मप्रियायै नमः। |
573 | ॐ पद्मसंस्थायै नमः। |
574 | ॐ पद्माक्ष्यै नमः। |
575 | ॐ पद्मसम्भवायै नमः। |
576 | ॐ पद्मपत्रायै नमः। |
577 | ॐ पद्मपदायै नमः। |
578 | ॐ पद्मिन्यै नमः। |
579 | ॐ प्रियभाषिण्यै नमः। |
580 | ॐ पशुपाशविनिर्मुक्तायै नमः। |
581 | ॐ पुरन्ध्र्यै नमः। |
582 | ॐ पुरवासिन्यै नमः। |
583 | ॐ पुष्कलायै नमः। |
584 | ॐ पुरुषायै नमः। |
585 | ॐ पर्वायै नमः। |
586 | ॐ पारिजातकुसुमप्रियायै नमः। |
587 | ॐ पतिव्रतायै नमः। |
588 | ॐ पवित्राङ्ग्यै नमः। |
589 | ॐ पुष्पहासपरायणायै नमः। |
590 | ॐ प्रज्ञावतीसुतायै नमः। |
591 | ॐ पौत्र्यै नमः। |
592 | ॐ पुत्रपूज्यायै नमः। |
593 | ॐ पयस्विन्यै नमः। |
594 | ॐ पत्तिपाशधरायै नमः। |
595 | ॐ पङ्क्त्यै नमः। |
596 | ॐ पितृलोकप्रदायिन्यै नमः। |
597 | ॐ पुराण्यै नमः। |
598 | ॐ पुण्यशिलायै नमः। |
599 | ॐ प्रणतार्तिविनाशिन्यै नमः। |
600 | ॐ तन्तुजालसमायुक्तायै नमः। |
501 | ॐ नित्यायै नमः। |
502 | ॐ निर्मलायै नमः। |
503 | ॐ निर्गुणायै नमः। |
504 | ॐ निध्यै नमः। |
505 | ॐ निराधारायै नमः। |
506 | ॐ निरुपमायै नमः। |
507 | ॐ नित्यशुद्धायै नमः। |
508 | ॐ निरञ्जनायै नमः। |
509 | ॐ नादबिन्दुकलातीतायै नमः। |
510 | ॐ नादबिन्दुकलात्मिकायै नमः। |
511 | ॐ नृसिंहिन्यै नमः। |
512 | ॐ नगधरायै नमः। |
513 | ॐ नृपनागविभूषितायै नमः। |
514 | ॐ नरकक्लेशनाशिन्यै नमः। |
515 | ॐ नारायणपदोद्भवायै नमः। |
516 | ॐ निरवद्यायै नमः। |
517 | ॐ निराकारायै नमः। |
518 | ॐ नारदप्रियकारिण्यै नमः। |
519 | ॐ नानाज्योतिः नमः। |
520 | ॐ निधिदायै नमः। |
521 | ॐ निर्मलात्मिकायै नमः। |
522 | ॐ नवसूत्रधरायै नमः। |
523 | ॐ नीत्यै नमः। |
524 | ॐ निरुपद्रवकारिण्यै नमः। |
525 | ॐ नन्दजायै नमः। |
526 | ॐ नवरत्नाढ्यायै नमः। |
527 | ॐ नैमिषारण्यवासिन्यै नमः। |
528 | ॐ नवनीतप्रियायै नमः। |
529 | ॐ नार्यै नमः। |
530 | ॐ नीलजीमूतनिस्वनायै नमः। |
531 | ॐ निमेषिण्यै नमः। |
532 | ॐ नदीरूपायै नमः। |
533 | ॐ नीलग्रीवायै नमः। |
534 | ॐ निशिश्वर्यै नमः। |
535 | ॐ नामावल्यै नमः। |
536 | ॐ निशुम्भग्न्यै नमः। |
537 | ॐ नागलोकनिवासिन्यै नमः। |
538 | ॐ नवजाम्बूनादप्रख्यायै नमः। |
539 | ॐ नागलोकाधिदेवतायै नमः। |
540 | ॐ नूपूराक्रान्तचरणायै नमः। |
541 | ॐ नरचित्तप्रमोदिन्यै नमः। |
542 | ॐ निमग्नारक्तनयनायै नमः। |
543 | ॐ निर्घातसमनिस्वनायै नमः। |
544 | ॐ नन्दनोद्यनिलयायै नमः। |
545 | ॐ पार्वत्यै नमः। |
546 | ॐ परमोदारायै नमः। |
547 | ॐ परब्रह्मात्मिकायै नमः। |
548 | ॐ परायै नमः। |
549 | ॐ पञ्चकोशविनिर्मुक्तायै नमः। |
550 | ॐ पञ्चपातकनाशिन्यै नमः। |
551 | ॐ परचित्तविधानज्ञायै नमः। |
552 | ॐ पञ्चिकायै नमः। |
553 | ॐ पञ्चरूपिण्यै नमः। |
554 | ॐ पूर्णिमायै नमः। |
555 | ॐ परमायै नमः। |
556 | ॐ प्रीत्यै नमः। |
557 | ॐ परतेजःप्रकाशिन्यै नमः। |
558 | ॐ पुराण्यै नमः। |
559 | ॐ पौरुष्यै नमः। |
560 | ॐ पुण्यायै नमः। |
561 | ॐ पुण्डरीकनिभक्षनायै नमः। |
562 | ॐ पातालतलनिर्मग्नायै नमः। |
563 | ॐ प्रीतायै नमः। |
564 | ॐ प्रीथिविवर्धिन्यै नमः। |
565 | ॐ पावन्यै नमः। |
566 | ॐ पादसहितायै नमः। |
567 | ॐ पेशलायै नमः। |
568 | ॐ पवनाशिन्यै नमः। |
569 | ॐ प्रजापत्यै नमः। |
570 | ॐ परिश्रान्तायै नमः। |
571 | ॐ पर्वतस्तनमण्डलायै नमः। |
572 | ॐ पद्मप्रियायै नमः। |
573 | ॐ पद्मसंस्थायै नमः। |
574 | ॐ पद्माक्ष्यै नमः। |
575 | ॐ पद्मसम्भवायै नमः। |
576 | ॐ पद्मपत्रायै नमः। |
577 | ॐ पद्मपदायै नमः। |
578 | ॐ पद्मिन्यै नमः। |
579 | ॐ प्रियभाषिण्यै नमः। |
580 | ॐ पशुपाशविनिर्मुक्तायै नमः। |
581 | ॐ पुरन्ध्र्यै नमः। |
582 | ॐ पुरवासिन्यै नमः। |
583 | ॐ पुष्कलायै नमः। |
584 | ॐ पुरुषायै नमः। |
585 | ॐ पर्वायै नमः। |
586 | ॐ पारिजातकुसुमप्रियायै नमः। |
587 | ॐ पतिव्रतायै नमः। |
588 | ॐ पवित्राङ्ग्यै नमः। |
589 | ॐ पुष्पहासपरायणायै नमः। |
590 | ॐ प्रज्ञावतीसुतायै नमः। |
591 | ॐ पौत्र्यै नमः। |
592 | ॐ पुत्रपूज्यायै नमः। |
593 | ॐ पयस्विन्यै नमः। |
594 | ॐ पत्तिपाशधरायै नमः। |
595 | ॐ पङ्क्त्यै नमः। |
596 | ॐ पितृलोकप्रदायिन्यै नमः। |
597 | ॐ पुराण्यै नमः। |
598 | ॐ पुण्यशिलायै नमः। |
599 | ॐ प्रणतार्तिविनाशिन्यै नमः। |
600 | ॐ नवसूत्रधरायै नमः। |
601 | ॐ प्रद्युम्नजनन्यै नमः। |
602 | ॐ पुष्टायै नमः। |
603 | ॐ पितामहपरिग्रहायै नमः। |
604 | ॐ पुण्डरीकपुरावासायै नमः। |
605 | ॐ पुण्डरीकसमाननायै नमः। |
606 | ॐ पृथुजङ्घायै नमः। |
607 | ॐ पृथुभुजायै नमः। |
608 | ॐ पृथुपादायै नमः। |
609 | ॐ पृथूदर्यै नमः। |
610 | ॐ प्रवालशोभायै नमः। |
611 | ॐ पिङ्गाक्ष्यै नमः। |
612 | ॐ पीतवासाः नमः। |
613 | ॐ प्रचापलायै नमः। |
614 | ॐ प्रसवायै नमः। |
615 | ॐ पुष्टिदायै नमः। |
616 | ॐ पुण्यायै नमः। |
617 | ॐ प्रतिष्ठायै नमः। |
618 | ॐ प्रणवायै नमः। |
619 | ॐ पत्यै नमः। |
620 | ॐ पञ्चवर्णायै नमः। |
621 | ॐ पञ्चवाण्यै नमः। |
622 | ॐ पञ्चिकायै नमः। |
623 | ॐ पञ्जरास्थितायै नमः। |
624 | ॐ परमायायै नमः। |
625 | ॐ परज्योतिः नमः। |
626 | ॐ परप्रीत्यै नमः। |
627 | ॐ परागत्यै नमः। |
628 | ॐ पराकाष्ठायै नमः। |
629 | ॐ परेशन्यै नमः। |
630 | ॐ पावन्यै नमः। |
631 | ॐ पावकद्युत्यै नमः। |
632 | ॐ पुण्यभद्रायै नमः। |
633 | ॐ परिच्छेद्यायै नमः। |
634 | ॐ पुष्पहासायै नमः। |
635 | ॐ पृथूदरायै नमः। |
636 | ॐ पीताङ्ग्यै नमः। |
637 | ॐ पीतवसनायै नमः। |
638 | ॐ पीतशयायै नमः। |
639 | ॐ पिशाचिन्यै नमः। |
640 | ॐ पीतक्रियायै नमः। |
641 | ॐ पिशाचघ्न्यै नमः। |
642 | ॐ पाटलाक्ष्यै नमः। |
643 | ॐ पटुक्रियायै नमः। |
644 | ॐ पञ्चभक्षप्रियाचारायै नमः। |
645 | ॐ पुतनाप्राणघातिन्यै नमः। |
646 | ॐ पुन्नागवनमध्यस्थायै नमः। |
647 | ॐ पुण्यतीर्थनिषेवितायै नमः। |
648 | ॐ पञ्चाङ्ग्यै नमः। |
649 | ॐ पराशक्त्यै नमः। |
650 | ॐ परमाह्लादकारिण्यै नमः। |
651 | ॐ पुष्पकाण्डस्थितायै नमः। |
652 | ॐ पूषायै नमः। |
653 | ॐ पोषिताखिलविष्टपायै नमः। |
654 | ॐ पानप्रियायै नमः। |
655 | ॐ पञ्चशिखायै नमः। |
656 | ॐ पन्नगोपरिशायिन्यै नमः। |
657 | ॐ पञ्चमात्रात्मिकायै नमः। |
658 | ॐ पृथ्व्यै नमः। |
659 | ॐ पथिकायै नमः। |
660 | ॐ पृथुदोहिन्यै नमः। |
661 | ॐ पुराणन्यायमीमांसायै नमः। |
662 | ॐ पाटल्यै नमः। |
663 | ॐ पुष्पगन्धिन्यै नमः। |
664 | ॐ पुण्यप्रजायै नमः। |
665 | ॐ पारदात्र्यै नमः। |
666 | ॐ परमार्गैकगोचरायै नमः। |
667 | ॐ प्रवालशोभायै नमः। |
668 | ॐ पूर्णाशायै नमः। |
669 | ॐ प्रणवायै नमः। |
670 | ॐ पल्लवोदर्यै नमः। |
671 | ॐ फलिन्यै नमः। |
672 | ॐ फलदायै नमः। |
673 | ॐ फल्ग्वै नमः। |
674 | ॐ फुत्कार्यै नमः। |
675 | ॐ फलकाकृत्यै नमः। |
676 | ॐ फणिन्द्रभोगशयनायै नमः। |
677 | ॐ फणिमण्डलमण्डितायै नमः। |
678 | ॐ बालबालायै नमः। |
679 | ॐ बहुमतायै नमः। |
680 | ॐ बालातपनीभांशुकायै नमः। |
681 | ॐ बलभद्रप्रियायै नमः। |
682 | ॐ बडवायै नमः। |
683 | ॐ बुद्धिसंस्तुतायै नमः। |
684 | ॐ बन्दीदेव्यै नमः। |
685 | ॐ बिलवत्यै नमः। |
686 | ॐ बडिशघिन्यै नमः। |
687 | ॐ बलिप्रियायै नमः। |
688 | ॐ बान्धव्यै नमः। |
689 | ॐ बोधितायै नमः। |
690 | ॐ बुद्धिबन्धुककुसुमप्रियायै नमः। |
691 | ॐ बालभानुप्रभाकरायै नमः। |
692 | ॐ ब्राह्म्यै नमः। |
693 | ॐ ब्राह्मणदेवतायै नमः। |
694 | ॐ बृहस्पतिस्तुतायै नमः। |
695 | ॐ बृन्दायै नमः। |
696 | ॐ बृन्दावनविहारिण्यै नमः। |
697 | ॐ बालाकिन्यै नमः। |
698 | ॐ बिलाहारायै नमः। |
699 | ॐ बिलवसायै नमः। |
700 | ॐ बहुदकायै नमः। |
701 | ॐ बहुनेत्रायै नमः। |
702 | ॐ बहुपदायै नमः। |
703 | ॐ बहुकर्णावतंसिकायै नमः। |
704 | ॐ बहुबाहुयुतायै नमः। |
705 | ॐ बीजरूपिण्यै नमः। |
706 | ॐ बहुरूपिण्यै नमः। |
707 | ॐ बिन्दुनादकलातीतायै नमः। |
708 | ॐ बिन्दुनादस्वरूपिण्यै नमः। |
709 | ॐ बद्धगोधाङ्गुलिप्राणायै नमः। |
710 | ॐ बदर्याश्रमवासिन्यै नमः। |
711 | ॐ बृन्दारकायै नमः। |
712 | ॐ बृहत्स्कन्धायै नमः। |
713 | ॐ बृहत्यै नमः। |
714 | ॐ बाणपातिन्यै नमः। |
715 | ॐ बृन्दाध्यक्षायै नमः। |
716 | ॐ बहुनुतायै नमः। |
717 | ॐ बहुविक्रमायै नमः। |
718 | ॐ बद्धपद्मासनासीनायै नमः। |
719 | ॐ बिल्वपत्रतलस्थितायै नमः। |
720 | ॐ बोधिद्रुमनिजावासायै नमः। |
721 | ॐ बडिष्ठायै नमः। |
722 | ॐ बिन्दुदर्पणायै नमः। |
723 | ॐ बालायै नमः। |
724 | ॐ बाणासनवत्यै नमः। |
725 | ॐ बडवानलवेगिन्यै नमः। |
726 | ॐ ब्रह्माण्डबहिरन्तस्थायै नमः। |
727 | ॐ ब्रह्मकङ्कणसूत्रिण्यै नमः। |
728 | ॐ भवान्यै नमः। |
729 | ॐ भीष्णवत्यै नमः। |
730 | ॐ भाविन्यै नमः। |
731 | ॐ भयहारिण्यै नमः। |
732 | ॐ भद्रकाल्यै नमः। |
733 | ॐ भुजङ्गाक्ष्यै नमः। |
734 | ॐ भारत्यै नमः। |
735 | ॐ भारताशयायै नमः। |
736 | ॐ भैरव्यै नमः। |
737 | ॐ भीषणाकारायै नमः। |
738 | ॐ भूतिदायै नमः। |
739 | ॐ भूतिमालिन्यै नमः। |
740 | ॐ भामिन्यै नमः। |
741 | ॐ भोगनिरतायै नमः। |
742 | ॐ भद्रदायै नमः। |
743 | ॐ भूरिविक्रमायै नमः। |
744 | ॐ भूतवासायै नमः। |
745 | ॐ भृगुलतायै नमः। |
746 | ॐ भार्गव्यै नमः। |
747 | ॐ भूसुरार्चितायै नमः। |
748 | ॐ भागीरथ्यै नमः। |
749 | ॐ भोगवत्यै नमः। |
750 | ॐ भवनस्थायै नमः। |
751 | ॐ भिषग्वरायै नमः। |
752 | ॐ भामिन्यै नमः। |
753 | ॐ भोगिन्यै नमः। |
754 | ॐ भाषायै नमः। |
755 | ॐ भवान्यै नमः। |
756 | ॐ भूरुदक्षिणायै नमः। |
757 | ॐ भर्गात्मिकायै नमः। |
758 | ॐ भीमावत्यै नमः। |
759 | ॐ भवबन्धविमोचिन्यै नमः। |
760 | ॐ भजनीयायै नमः। |
761 | ॐ भूतधात्रीरञ्जितायै नमः। |
762 | ॐ भुवनेश्वर्यै नमः। |
763 | ॐ भुजङ्गवलयायै नमः। |
764 | ॐ भीमायै नमः। |
765 | ॐ भेरुण्डायै नमः। |
766 | ॐ भागधेयिन्यै नमः। |
767 | ॐ मातायै नमः। |
768 | ॐ मायायै नमः। |
769 | ॐ मधुमत्यै नमः। |
770 | ॐ मधुजिह्वायै नमः। |
771 | ॐ मनुप्रियायै नमः। |
772 | ॐ महादेव्यै नमः। |
773 | ॐ महाभाग्यायै नमः। |
774 | ॐ मालिन्यै नमः। |
775 | ॐ मीनलोचनायै नमः। |
776 | ॐ मायातीतायै नमः। |
777 | ॐ मधुमत्यै नमः। |
778 | ॐ मधुमांसायै नमः। |
779 | ॐ मधुद्रवायै नमः। |
780 | ॐ मानव्यै नमः। |
781 | ॐ मधुसम्भूतायै नमः। |
782 | ॐ मिथिलापुरवासिन्यै नमः। |
783 | ॐ मधुकैटभसंहर्त्र्यै नमः। |
784 | ॐ मेदिन्यै नमः। |
785 | ॐ मेघमालिन्यै नमः। |
786 | ॐ मन्दोदर्यै नमः। |
787 | ॐ महामायायै नमः। |
788 | ॐ मैथिल्यै नमः। |
789 | ॐ मसृणप्रियायै नमः। |
790 | ॐ महालक्ष्म्यै नमः। |
791 | ॐ महाकाल्यै नमः। |
792 | ॐ महाकन्यायै नमः। |
793 | ॐ महेश्वर्यै नमः। |
794 | ॐ माहेन्द्र्यै नमः। |
795 | ॐ मेरुतनयायै नमः। |
796 | ॐ मन्दारकुसुमार्चितायै नमः। |
797 | ॐ मञ्जुमञ्जीरचरणायै नमः। |
798 | ॐ मोक्षदायै नमः। |
799 | ॐ मञ्जुभाषिण्यै नमः। |
800 | ॐ मधुरद्राविण्यै नमः। |
801 | ॐ मुद्रायै नमः। |
802 | ॐ मलयायै नमः। |
803 | ॐ मलयान्वितायै नमः। |
804 | ॐ मेधायै नमः। |
805 | ॐ मरकतश्यामायै नमः। |
806 | ॐ मगध्यै नमः। |
807 | ॐ मेनकात्मजायै नमः। |
808 | ॐ महामार्यै नमः। |
809 | ॐ महावीरायै नमः। |
810 | ॐ महाश्यामायै नमः। |
811 | ॐ मनुस्तुतायै नमः। |
812 | ॐ मातृकायै नमः। |
813 | ॐ मिहिराभासायै नमः। |
814 | ॐ मुकुन्दपदविक्रमायै नमः। |
815 | ॐ मूलाधारस्थितायै नमः। |
816 | ॐ मुग्धायै नमः। |
817 | ॐ मणिपुरनिवासिन्यै नमः। |
818 | ॐ मृगाक्ष्यै नमः। |
819 | ॐ महिषारूढायै नमः। |
820 | ॐ महिषासुरमर्दिन्यै नमः। |
821 | ॐ योगासनायै नमः। |
822 | ॐ योगगम्यायै नमः। |
823 | ॐ योगायै नमः। |
824 | ॐ यौवनकाश्रयायै नमः। |
825 | ॐ यौवन्यै नमः। |
826 | ॐ युद्धमध्यस्थायै नमः। |
827 | ॐ यमुनायै नमः। |
828 | ॐ युगधारिण्यै नमः। |
829 | ॐ यक्षिण्यै नमः। |
830 | ॐ योगयुक्तायै नमः। |
831 | ॐ यक्षराजप्रसूतिन्यै नमः। |
832 | ॐ यात्रायै नमः। |
833 | ॐ यानविधानज्ञायै नमः। |
834 | ॐ यदुवंशसमुद्भवायै नमः। |
835 | ॐ यकारादिहकारान्तायै नमः। |
836 | ॐ याजुष्यै नमः। |
837 | ॐ यज्ञरूपिण्यै नमः। |
838 | ॐ यामिन्यै नमः। |
839 | ॐ योगनिरतायै नमः। |
840 | ॐ यातुधानभयङ्कर्यै नमः। |
841 | ॐ रुक्मिण्यै नमः। |
842 | ॐ रमण्यै नमः। |
843 | ॐ रामायै नमः। |
844 | ॐ रेवत्यै नमः। |
845 | ॐ रेणुकायै नमः। |
846 | ॐ रत्यै नमः। |
847 | ॐ रौद्र्यै नमः। |
848 | ॐ रौद्रप्रियाकारायै नमः। |
849 | ॐ राममातायै नमः। |
850 | ॐ रतिप्रियायै नमः। |
851 | ॐ रोहिण्यै नमः। |
852 | ॐ राज्यदायै नमः। |
853 | ॐ रेवायै नमः। |
854 | ॐ रसायै नमः। |
855 | ॐ राजीवलोचनायै नमः। |
856 | ॐ राकेश्यै नमः। |
857 | ॐ रूपसंपन्नायै नमः। |
858 | ॐ रत्नसिंहासनस्थितायै नमः। |
859 | ॐ रक्तमाल्याम्बरधरायै नमः। |
860 | ॐ रक्तगन्धानुलेपनायै नमः। |
861 | ॐ राजहंससमारूढायै नमः। |
862 | ॐ रंभायै नमः। |
863 | ॐ रक्तवलिप्रियायै नमः। |
864 | ॐ रमणीययुगाधारायै नमः। |
865 | ॐ राजिताखिलभूतलायै नमः। |
866 | ॐ रुद्राण्यै नमः। |
867 | ॐ रुरुचर्मपरिधानायै नमः। |
868 | ॐ रथिन्यै नमः। |
869 | ॐ रत्नमालिकायै नमः। |
870 | ॐ रोगेश्यै नमः। |
871 | ॐ रोगशमन्यै नमः। |
872 | ॐ राविन्यै नमः। |
873 | ॐ रोमहर्षिण्यै नमः। |
874 | ॐ रामचन्द्रपदाक्रान्तायै नमः। |
875 | ॐ रावणच्छेदकारिण्यै नमः। |
876 | ॐ रत्नवस्त्रपरिच्छिन्वायै नमः। |
877 | ॐ रथस्थायै नमः। |
878 | ॐ रुक्मभूषणायै नमः। |
879 | ॐ लज्जाधिदेवतायै नमः। |
880 | ॐ लोलायै नमः। |
881 | ॐ ललितायै नमः। |
882 | ॐ लिङ्गधारिण्यै नमः। |
883 | ॐ लक्ष्म्यै नमः। |
884 | ॐ लोलायै नमः। |
885 | ॐ लुप्तविषायै नमः। |
886 | ॐ लोकिन्यै नमः। |
887 | ॐ लोकविश्रुतायै नमः। |
888 | ॐ लज्जायै नमः। |
889 | ॐ लम्बोदर्यै नमः। |
890 | ॐ ललनायै नमः। |
891 | ॐ लोकधारिण्यै नमः। |
892 | ॐ वरदायै नमः। |
893 | ॐ वन्दितायै नमः। |
894 | ॐ वन्द्यायै नमः। |
895 | ॐ वनितायै नमः। |
896 | ॐ विद्यायै नमः। |
897 | ॐ वैष्णव्यै नमः। |
898 | ॐ विमलाकृत्यै नमः। |
899 | ॐ वाराह्यै नमः। |
900 | ॐ विरजायै नमः। |
901 | ॐ वर्षायै नमः। |
902 | ॐ वरलक्ष्म्यै नमः। |
903 | ॐ विक्रमायै नमः। |
904 | ॐ विलासिन्यै नमः। |
905 | ॐ विनतायै नमः। |
906 | ॐ व्योममध्यस्थायै नमः। |
907 | ॐ वारिजासनसंस्थितायै नमः। |
908 | ॐ वारुण्यै नमः। |
909 | ॐ वेणुसम्भूतायै नमः। |
910 | ॐ वितिहोत्रायै नमः। |
911 | ॐ विरूपिण्यै नमः। |
912 | ॐ वायुमण्डलमध्यस्थायै नमः। |
913 | ॐ विष्णुरूपायै नमः। |
914 | ॐ विधिक्रियायै नमः। |
915 | ॐ विष्णुपत्न्यै नमः। |
916 | ॐ विष्णुमत्यै नमः। |
917 | ॐ विशालाक्ष्यै नमः। |
918 | ॐ वसुन्धरायै नमः। |
919 | ॐ वामदेवप्रियायै नमः। |
920 | ॐ वेलायै नमः। |
921 | ॐ वज्रिण्यै नमः। |
922 | ॐ वसुदोहिन्यै नमः। |
923 | ॐ वेदाक्षरपरिताङ्ग्यै नमः। |
924 | ॐ वाजपेयफलप्रदायै नमः। |
925 | ॐ वासव्यै नमः। |
926 | ॐ वामजनन्यै नमः। |
927 | ॐ वैकुण्ठनिलयायै नमः। |
928 | ॐ वरायै नमः। |
929 | ॐ व्यासप्रियायै नमः। |
930 | ॐ वर्मधरायै नमः। |
931 | ॐ वाल्मीकिपरिसेवितायै नमः। |
932 | ॐ शाकम्भर्यै नमः। |
933 | ॐ शिवायै नमः। |
934 | ॐ शान्तायै नमः। |
935 | ॐ शारदायै नमः। |
936 | ॐ शरणागत्यै नमः। |
937 | ॐ शतोदर्यै नमः। |
938 | ॐ शुभाचारायै नमः। |
939 | ॐ शुम्भासुरनर्दिन्यै नमः। |
940 | ॐ शोभावत्यै नमः। |
941 | ॐ शिवाकारायै नमः। |
942 | ॐ शङ्करार्धशरीरिण्यै नमः। |
943 | ॐ शोणायै नमः। |
944 | ॐ शुभाशयायै नमः। |
945 | ॐ शुभ्रायै नमः। |
946 | ॐ शिरःसन्धानकारिण्यै नमः। |
947 | ॐ शरावत्यै नमः। |
948 | ॐ शरानन्दायै नमः। |
949 | ॐ शरज्ज्योत्स्नायै नमः। |
950 | ॐ शुभाननायै नमः। |
951 | ॐ शरभायै नमः। |
952 | ॐ शूलिन्यै नमः। |
953 | ॐ शुद्धायै नमः। |
954 | ॐ शर्वाण्यै नमः। |
955 | ॐ शर्वरीवन्द्यायै नमः। |
956 | ॐ शबर्यै नमः। |
957 | ॐ शुकवाहनायै नमः। |
958 | ॐ श्रीमत्यै नमः। |
959 | ॐ श्रीधरानन्दायै नमः। |
960 | ॐ श्रवणानन्ददायिन्यै नमः। |
961 | ॐ षड्भाशायै नमः। |
962 | ॐ षडृतुप्रियायै नमः। |
963 | ॐ षडाधारस्थितादेव्यै नमः। |
964 | ॐ षण्मुखप्रियकारिण्यै नमः। |
965 | ॐ षडङ्गरूपसुमत्यै नमः। |
966 | ॐ षुरासुरनमस्कृतायै नमः। |
967 | ॐ सरस्वत्यै नमः। |
968 | ॐ सदाधारायै नमः। |
969 | ॐ सर्वमङ्गलकारिण्यै नमः। |
970 | ॐ सामगानप्रियायै नमः। |
971 | ॐ सूक्ष्मायै नमः। |
972 | ॐ सावित्र्यै नमः। |
973 | ॐ सामसम्भवायै नमः। |
974 | ॐ सर्ववासायै नमः। |
975 | ॐ सदानन्दायै नमः। |
976 | ॐ सुस्तन्यै नमः। |
977 | ॐ सागराम्बरायै नमः। |
978 | ॐ सर्वैश्यर्यप्रियायै नमः। |
979 | ॐ सिद्ध्यै नमः। |
980 | ॐ साधुबन्धुपराक्रमायै नमः। |
981 | ॐ सप्तर्षिमण्डलगतायै नमः। |
982 | ॐ सोममण्डलवासिन्यै नमः। |
983 | ॐ सर्वज्ञायै नमः। |
984 | ॐ सान्द्रकरुणायै नमः। |
985 | ॐ समानाधिकवर्जितायै नमः। |
986 | ॐ सर्वोत्तुङ्गायै नमः। |
987 | ॐ सङ्गहीनायै नमः। |
988 | ॐ सद्गुणायै नमः। |
989 | ॐ सकलेष्टदायै नमः। |
990 | ॐ सरघायै नमः। |
991 | ॐ सूर्यतनयायै नमः। |
992 | ॐ सुकेश्यै नमः। |
993 | ॐ सोमसंहत्यै नमः। |
994 | ॐ हिरण्यवर्णायै नमः। |
995 | ॐ हरिण्यै नमः। |
996 | ॐ ह्रीङ्कार्यै नमः। |
997 | ॐ हंसवाहिन्यै नमः। |
998 | ॐ क्षौमवस्त्रपरिताङ्ग्यै नमः। |
999 | ॐ क्षीराब्धितनयायै नमः। |
1000 | ॐ क्षमायै नमः। |
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