जानें भगवान गोपाल के 1000 नामों की महिमा, जो हर उच्चारण के साथ आपके जीवन में प्रेम, शांति और दिव्यता का संचार करते हैं। हर नाम में छुपा है अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत!
भगवान गोपाल के 1000 नाम और मंत्र भक्ति, प्रेम और आध्यात्मिक ऊर्जा के प्रतीक हैं। इन नामों का जाप व्यक्ति के जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि लाता है। यह मंत्र मन को स्थिरता प्रदान करते हैं, सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करते हैं और भक्त को भगवान के निकट ले जाते हैं
भगवान श्रीकृष्ण हिंदू धर्म में केवल आराध्य देवता नहीं हैं, बल्कि जीवन के आदर्श और प्रेरणा के स्रोत हैं। उनका जीवन प्रेम, धर्म, नीति और कर्तव्य की पराकाष्ठा का प्रतीक है। बाल रूप में उनकी लीलाएँ निश्छल आनंद और सरलता का संदेश देती हैं, जबकि गोपियों और राधा के संग उनका प्रेम संबंध निस्वार्थ प्रेम और दिव्यता का परिचायक है। कुरुक्षेत्र के युद्ध में, जब अर्जुन अपने कर्तव्य और रिश्तों के द्वंद्व में उलझ गए, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें भगवद्गीता के माध्यम से जीवन का मार्गदर्शन दिया। उन्होंने सिखाया कि कर्तव्य को निष्काम भाव से निभाना, मन को शांत रखना, और हर परिस्थिति में सही मार्ग पर चलना ही जीवन का सार है। यह ज्ञान आज भी विश्वभर में प्रेरणा और आत्मबोध का स्रोत बना हुआ है।
श्रीकृष्ण का जीवन हमें यह भी सिखाता है कि धर्म और सत्य की रक्षा के लिए उचित समय पर निर्णायक कदम उठाना आवश्यक है। वे प्रेम, करुणा और चातुर्य का अद्वितीय संगम हैं। उनकी शिक्षाएँ और लीलाएँ हर युग में प्रासंगिक हैं और हमें हर परिस्थिति में सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।
सहस्रनाम संस्कृत का एक शब्द है, जिसका अर्थ है "एक हज़ार नाम।" यह परंपरा भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखती है। सहस्त्र नाम भगवान या देवी-देवताओं के हजार नामों का संग्रह है, जो उनके विभिन्न गुणों, कृत्यों, रूपों और विशेषताओं का वर्णन करते हैं। इस परंपरा का उद्देश्य ईश्वर के प्रति भक्ति, श्रद्धा और ध्यान को गहन बनाना है।
सहस्त्र नाम का उल्लेख वेदों, पुराणों और महाकाव्यों में होता है। यह माना जाता है कि इन नामों का जप करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति, सुख, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। सहस्त्र नाम, जैसे विष्णु सहस्रनाम, शिव सहस्रनाम, देवी सहस्रनाम, और गणेश सहस्रनाम, विशेष रूप से प्रमुख देवताओं के लिए बनाए गए हैं। इन नामों के माध्यम से भगवान की अनंत महिमा को अभिव्यक्त किया जाता है।
S. No. | मंत्र |
1 | ॐ हरये स्वाहा। |
2 | ॐ देवकीनंदनाय स्वाहा। |
3 | ॐ कंसहन्त्रे स्वाहा। |
4 | ॐ परात्मने स्वाहा। |
5 | ॐ पीताम्बराय स्वाहा। |
6 | ॐ पूर्णदेवाय स्वाहा। |
7 | ॐ रमेशाय स्वाहा। |
8 | ॐ कृष्णाय स्वाहा। |
9 | ॐ परेशाय स्वाहा। |
10 | ॐ पुराणाय स्वाहा। |
11 | ॐ सुरेशाय स्वाहा। |
12 | ॐ अच्युताय स्वाहा। |
13 | ॐ वासुदेवाय स्वाहा। |
14 | ॐ देवाय स्वाहा। |
15 | ॐ धराभारहर्त्रे स्वाहा। |
16 | ॐ कृतिने स्वाहा। |
17 | ॐ राधिकेशाय स्वाहा। |
18 | ॐ परस्मै स्वाहा। |
19 | ॐ भूवराय स्वाहा। |
20 | ॐ दिव्यगोलोकनाथाय स्वाहा। |
21 | ॐ सुदाम्नस्तथाराधिकाशापहेतवे स्वाहा। |
22 | ॐ घृणिने स्वाहा। |
23 | ॐ मानिनीमानदाय स्वाहा। |
24 | ॐ दिव्यलोकाय स्वाहा। |
25 | ॐ लसद्गोपवेशाय स्वाहा। |
26 | ॐ अजाय स्वाहा। |
27 | ॐ राधिकात्मने स्वाहा। |
28 | ॐ चलत्कुण्डलाय स्वाहा। |
29 | ॐ कुंतलिने स्वाहा। |
30 | ॐ कुन्तलस्रजे स्वाहा। |
31 | ॐ कदाचिद्-राधाया रथस्थाय स्वाहा। |
32 | ॐ दिव्यरत्नाय स्वाहा। |
33 | ॐ सुधासौधभूचारणाय स्वाहा। |
34 | ॐ दिव्यवाससे स्वाहा। |
35 | ॐ कदावृन्दकारण्यचारिणे स्वाहा। |
36 | ॐ स्वलोके महारत्नसिंहासनस्थाय स्वाहा। |
37 | ॐ प्रशान्ताय स्वाहा। |
38 | ॐ महाहंसभैश्चामरैर्वीज्यमानाय स्वाहा। |
39 | ॐ चलच्छत्रमुक्तावलीशोभमानाय स्वाहा। |
40 | ॐ सुखिने स्वाहा। |
41 | ॐ कोटिकन्दर्पलीलाभिरामाय स्वाहा। |
42 | ॐ क्वणन्नूपुरालंकृतांघ्रये स्वाहा। |
43 | ॐ शुभांघ्रये स्वाहा। |
44 | ॐ सुजानवे स्वाहा। |
45 | ॐ रंभाशुभोरवे स्वाहा। |
46 | ॐ कृशांगाय स्वाहा। |
47 | ॐ प्रतापिने स्वाहा। |
48 | ॐ इभशुण्डासुदोर्दण्डखण्डाय स्वाहा। |
49 | ॐ जपापुष्पहस्ताय स्वाहा। |
50 | ॐ शातोदरश्रिये स्वाहा। |
51 | ॐ महापद्मवक्षः स्थलाय स्वाहा। |
52 | ॐ चन्द्रहासाय स्वाहा। |
53 | ॐ लसत्कुंददंताय स्वाहा। |
54 | ॐ विम्बाधरश्रिये स्वाहा। |
55 | ॐ शरत्पद्मनेत्राय स्वाहा। |
56 | ॐ किरीटोज्ज्वलाभाय स्वाहा। |
57 | ॐ सखीकोटिभिर्वर्त्तमानाय स्वाहा। |
58 | ॐ निकुंजे प्रियाराधयारास सक्ताय स्वाहा। |
59 | ॐ नवांगाय स्वाहा। |
60 | ॐ धराब्रह्मरुद्रादिप्रार्थितसंधरा भारदूरीक्रियार्थं प्रजाताय स्वाहा। |
61 | ॐ यदवे स्वाहा। |
62 | ॐ देवकीसौख्यदाय स्वाहा। |
63 | ॐ बंधनच्छिदे स्वाहा। |
64 | ॐ सशेषाय स्वाहा। |
65 | ॐ विभवे स्वाहा। |
66 | ॐ योगमायिने स्वाहा। |
67 | ॐ विष्णवे स्वाहा। |
68 | ॐ व्रजे नंदपुत्राय स्वाहा। |
69 | ॐ यशोदासुताख्याय स्वाहा। |
70 | ॐ महासौख्यदाय स्वाहा। |
71 | ॐ बालरूपाय स्वाहा। |
72 | ॐ शुभांगाय स्वाहा। |
73 | ॐ पूतनामोक्षदाय स्वाहा। |
74 | ॐ श्यामरूपाय स्वाहा। |
75 | ॐ दयालवे स्वाहा। |
76 | ॐ अनोभंजनाय स्वाहा। |
77 | ॐ पल्लवांघ्रये स्वाहा। |
78 | ॐ तृणावर्त्तसंहारकारिणे स्वाहा। |
79 | ॐ गोपाय स्वाहा। |
80 | ॐ यशोदायशसे स्वाहा। |
81 | ॐ विश्वरूपदर्शिने स्वाहा। |
82 | ॐ गर्गदिष्टाय स्वाहा। |
83 | ॐ भाग्योदयश्रिये स्वाहा। |
84 | ॐ लसद्वालकेलये स्वाहा। |
85 | ॐ सरामाय स्वाहा। |
86 | ॐ सुवाचाय स्वाहा। |
87 | ॐ क्वणन्नूपुरैः शब्दयुजे स्वाहा। |
88 | ॐ जानुहस्तैर्व्रजशांगणेरिंगमाणाय स्वाहा। |
89 | ॐ दधिस्पृशे स्वाहा। |
90 | ॐ हैयंगवीदुग्धभोक्त्रे स्वाहा। |
91 | ॐ दधिस्तेयकृते स्वाहा। |
92 | ॐ दुग्धभुजे स्वाहा। |
93 | ॐ भांडभेत्रे स्वाहा। |
94 | ॐ मृद्भुक्तवते स्वाहा। |
95 | ॐ गोपजाय स्वाहा। |
96 | ॐ विश्वरूपाय स्वाहा। |
97 | ॐ प्रचण्डांशुचण्डप्रभामण्डितांगाय स्वाहा। |
98 | ॐ यशोदाकरैर्बन्धनप्राप्ताय स्वाहा। |
99 | ॐ आद्याय स्वाहा। |
100 | ॐ मणिग्रीवमुक्तिप्रदाय स्वाहा। |
101 | ॐ दामबद्धाय स्वाहा। |
102 | ॐ कदा व्रजे गोपिकाभिः नृत्यमानाय स्वाहा। |
103 | ॐ कदानन्दसन्नन्दकैर्लाल्यमानाय स्वाहा। |
104 | ॐ कदागोपनन्दांकाय स्वाहा। |
105 | ॐ गोपालरूपिणे स्वाहा। |
106 | ॐ कलिन्दांगजाकूलगाय स्वाहा। |
107 | ॐ वर्तमानाय स्वाहा। |
108 | ॐ घनैर्मारुतेश्छन्नभाण्डीरदेशे नन्दहस्ताद् राधया गृहीतवराय स्वाहा। |
109 | ॐ गोलोकलोकागते महारत्नसंघैर्युतैकदम्बावृतनिकुंजे राधिकासद्विवाहे ब्रह्मणा प्रतिष्ठानगताय स्वाहा। |
110 | ॐ साममन्त्रपूजिताय स्वाहा। |
111 | ॐ रसिने स्वाहा। |
112 | ॐ मालतीनां वनेऽपि प्रियाराधया सह राधिकार्थं रासयुजे स्वाहा। |
113 | ॐ रमेशः धरानाथाय स्वाहा। |
114 | ॐ आनंददाय स्वाहा। |
115 | ॐ अनिकेताय स्वाहा। |
116 | ॐ वनेशाय स्वाहा। |
117 | ॐ धनिने स्वाहा। |
118 | ॐ सुन्दराय स्वाहा। |
119 | ॐ गोपिकेशाय स्वाहा। |
120 | ॐ कदा राधया नन्दगेहे प्रापिताय स्वाहा। |
121 | ॐ यशोदाकरैर्लालिताय स्वाहा। |
122 | ॐ मन्दहासाय स्वाहा। |
123 | ॐ क्वापि भयिने स्वाहा। |
124 | ॐ बृन्दारकारण्यवासिने स्वाहा। |
125 | ॐ महामन्दिरवासकृते स्वाहा। |
126 | ॐ देवपूज्याय स्वाहा। |
127 | ॐ वने वत्सचारिणे स्वाहा। |
128 | ॐ महावत्सहारिणे स्वाहा। |
129 | ॐ बकारये स्वाहा। |
130 | ॐ सुरपूजिताय स्वाहा। |
131 | ॐ अघारिनाम्ने स्वाहा। |
132 | ॐ वने वत्सकृते स्वाहा। |
133 | ॐ गोपकृते स्वाहा। |
134 | ॐ गोपवेशाय स्वाहा। |
135 | ॐ कदाब्रह्मणा संस्तुताय स्वाहा। |
136 | ॐ पद्मनाभाय स्वाहा। |
137 | ॐ विहारिणे स्वाहा। |
138 | ॐ तालभुजे स्वाहा। |
139 | ॐ धेनुकारये स्वाहा। |
140 | ॐ सदा रक्षकाय स्वाहा। |
141 | ॐ गोविषार्ति-प्रणाशीकलिन्दांगजाकूलगाय स्वाहा। |
142 | ॐ कालियस्य दमिने स्वाहा। |
143 | ॐ फणेषु नृत्यकारिणे स्वाहा। |
144 | ॐ प्रसिद्धाय स्वाहा। |
145 | ॐ सलीलाय स्वाहा। |
146 | ॐ शमिने स्वाहा। |
147 | ॐ ज्ञानदाय स्वाहा। |
148 | ॐ कामपूराय स्वाहा। |
149 | ॐ गोपयुजे स्वाहा। |
150 | ॐ गोपाय स्वाहा। |
151 | ॐ आनंदकारिणे स्वाहा। |
152 | ॐ स्थिराय स्वाहा। |
153 | ॐ अग्नियुजे स्वाहा। |
154 | ॐ पालकाय स्वाहा। |
155 | ॐ बाललीलाय स्वाहा। |
156 | ॐ सुरागाय स्वाहा। |
157 | ॐ वंशीधराय स्वाहा। |
158 | ॐ पुष्पशीलाय स्वाहा। |
159 | ॐ प्रलम्बप्रभानाशकाय स्वाहा। |
160 | ॐ गौरवर्णाय स्वाहा। |
161 | ॐ बलाय स्वाहा। |
162 | ॐ रोहिणीजाय स्वाहा। |
163 | ॐ रामाय स्वाहा। |
164 | ॐ शेषाय स्वाहा। |
165 | ॐ बलिने स्वाहा। |
166 | ॐ पद्मनेत्राय स्वाहा। |
167 | ॐ कृष्णाग्रजाय स्वाहा। |
168 | ॐ धरेशाय स्वाहा। |
169 | ॐ फणीशाय स्वाहा। |
170 | ॐ महासौख्यदाय नीलाम्बराभाय स्वाहा। |
171 | ॐ अग्निहारकाय स्वाहा। |
172 | ॐ ब्रजेशाय स्वाहा। |
173 | ॐ शरद्ग्रीष्मवर्षाकराय स्वाहा। |
174 | ॐ कृष्णावर्णाय स्वाहा। |
175 | ॐ ब्रजे गोपिकापूजिताय स्वाहा। |
176 | ॐ चीरहर्त्रे स्वाहा। |
177 | ॐ कदम्बस्थिताय स्वाहा। |
178 | ॐ चीरदाय स्वाहा। |
179 | ॐ सुन्दरीशाय स्वाहा। |
180 | ॐ सुधानाशकृते स्वाहा। |
181 | ॐ यज्ञपत्नीमनः स्पृशे स्वाहा। |
182 | ॐ कृपाकारकाय स्वाहा। |
183 | ॐ केलिकर्त्रे स्वाहा। |
184 | ॐ अवनीशाय स्वाहा। |
185 | ॐ ब्रजेशक्रयागप्रणाशाय स्वाहा। |
186 | ॐ अमिताशिने स्वाहा। |
187 | ॐ शुनासीरमोहप्रदाय स्वाहा। |
188 | ॐ बालरूपिणे स्वाहा। |
189 | ॐ गिरिपूजकाय स्वाहा। |
190 | ॐ नन्दपुत्राय स्वाहा। |
191 | ॐ अगधाय स्वाहा। |
192 | ॐ कृपाकृते स्वाहा। |
193 | ॐ गोवर्द्धनोद्धारिनाम्ने स्वाहा। |
194 | ॐ वातावर्षाहराय स्वाहा। |
195 | ॐ रक्षकाय स्वाहा। |
196 | ॐ व्रजाधीशगोपांगनाशंकिताय स्वाहा। |
197 | ॐ अगेन्द्रोपरिशक्रपूज्याय स्वाहा। |
198 | ॐ प्राक्स्तुताय स्वाहा। |
199 | ॐ मृषाशिक्षकाय स्वाहा। |
200 | ॐ गोविन्ददेवनाम्ने स्वाहा। |
201 | ॐ व्रजाधीशरक्षाकराय स्वाहा। |
202 | ॐ पाशिपूज्याय स्वाहा। |
203 | ॐ अनुगैर्गोपजैर्दिव्यवैकुण्ठदर्शिने स्वाहा। |
204 | ॐ चलच्चारु-वंशी-क्वणाय स्वाहा। |
205 | ॐ कामिनीशाय स्वाहा। |
206 | ॐ व्रजे कामिनीमोहदाय स्वाहा। |
207 | ॐ कामरूपाय स्वाहा। |
208 | ॐ रसाक्ताय स्वाहा। |
209 | ॐ रसी-रासकृते स्वाहा। |
210 | ॐ राधिकेशाय स्वाहा। |
211 | ॐ महामोहदाय स्वाहा। |
212 | ॐ मानिनीमानहारिणे स्वाहा। |
213 | ॐ विहारीवराय स्वाहा। |
214 | ॐ मानहृताय स्वाहा। |
215 | ॐ राधिकांगाय स्वाहा। |
216 | ॐ धराद्वीपगाय स्वाहा। |
217 | ॐ खण्डचारिणे स्वाहा। |
218 | ॐ वनस्थाय स्वाहा। |
219 | ॐ प्रियाय स्वाहा। |
220 | ॐ अष्टवक्रर्षिद्रष्ट्रे स्वाहा। |
221 | ॐ सराधाय स्वाहा। |
222 | ॐ महामोक्षदाय स्वाहा। |
223 | ॐ प्रियार्थ-पद्महारिणे स्वाहा। |
224 | ॐ वटस्थाय स्वाहा। |
225 | ॐ सुराय स्वाहा। |
226 | ॐ चन्दनाक्ताय स्वाहा। |
227 | ॐ प्रसक्ताय स्वाहा। |
228 | ॐ राधया व्रजमागताय स्वाहा। |
229 | ॐ मोहिनीषुमहामोहकृते स्वाहा। |
230 | ॐ गोपिकागीतकीर्त्तये स्वाहा। |
231 | ॐ रसस्थाय स्वाहा। |
232 | ॐ पटिने स्वाहा। |
233 | ॐ दुःखिताकामिनीशाय स्वाहा। |
234 | ॐ वने गोपिकात्यागकृते स्वाहा। |
235 | ॐ पादचिह्नप्रदर्शिने स्वाहा। |
236 | ॐ कलाकारकाय स्वाहा। |
237 | ॐ काममोहिने स्वाहा। |
238 | ॐ वशिने स्वाहा। |
239 | ॐ गोपिकामध्यगाय स्वाहा। |
240 | ॐ पेशवाचाय स्वाहा। |
241 | ॐ प्रियाप्रीतिकृते स्वाहा। |
242 | ॐ रासरक्ताय स्वाहा। |
243 | ॐ कलेशाय स्वाहा। |
244 | ॐ रसारक्तचित्ताय स्वाहा। |
245 | ॐ अनन्तस्वरूपाय स्वाहा। |
246 | ॐ स्रजासंवृताय स्वाहा। |
247 | ॐ वल्लवीमध्यसंस्थाय स्वाहा। |
248 | ॐ सुबाहवे स्वाहा। |
249 | ॐ सुपादाय स्वाहा। |
250 | ॐ सुवेशाय स्वाहा। |
251 | ॐ सुकेशव्रजेशाय स्वाहा। |
252 | ॐ सख्ये स्वाहा। |
253 | ॐ वल्लभेशाय स्वाहा। |
254 | ॐ सुदेशाय स्वाहा। |
255 | ॐ क्वणत्किंकिणीजालभृते स्वाहा। |
256 | ॐ नूपुराढ्याय स्वाहा। |
257 | ॐ लसत्कंकणाय स्वाहा। |
258 | ॐ अंगदिने स्वाहा। |
259 | ॐ हारभाराय स्वाहा। |
260 | ॐ किरीटिने स्वाहा। |
261 | ॐ चलत्कुण्डलाय स्वाहा। |
262 | ॐ अंगुलीयस्फुरत्कौस्तुभाय स्वाहा। |
263 | ॐ मालतीमण्डितांगाय स्वाहा। |
264 | ॐ महानृत्यकृते स्वाहा। |
265 | ॐ रासरंगाय स्वाहा। |
266 | ॐ कालाढ्याय स्वाहा। |
267 | ॐ चलद्धारभाय स्वाहा। |
268 | ॐ भामिनीनृत्ययुक्ताय स्वाहा। |
269 | ॐ कलिन्दांगजाकेलिकृते स्वाहा। |
270 | ॐ कुंकुमश्रिये स्वाहा। |
271 | ॐ नायिकानायकसुरैर्गीयमानाय स्वाहा। |
272 | ॐ सुखाढ्याय स्वाहा। |
273 | ॐ राधापतये स्वाहा। |
274 | ॐ पूर्णबोधाय स्वाहा। |
275 | ॐ कुटिलकटाक्षस्मितिने स्वाहा। |
276 | ॐ वल्गितभ्रूविलासाय स्वाहा। |
277 | ॐ सुरम्याय स्वाहा। |
278 | ॐ अलिभिःकुन्तलालोलकेशाय स्वाहा। |
279 | ॐ स्फुरद्वर्हकुन्दस्रजाचारुवेशाय स्वाहा। |
280 | ॐ महासर्पतोनंदरक्षापरांघ्रिये स्वाहा। |
281 | ॐ सदा मोक्षदाय स्वाहा। |
282 | ॐ शंखचूडप्रणाशिने स्वाहा। |
283 | ॐ प्रजारक्षकाय स्वाहा। |
284 | ॐ गोपिकागीयमानाय स्वाहा। |
285 | ॐ कुद्मिप्रणाशप्रयासाय स्वाहा। |
286 | ॐ सुरेज्याय स्वाहा। |
287 | ॐ कलये स्वाहा। |
288 | ॐ क्रोधकृते स्वाहा। |
289 | ॐ कंसमन्त्रोपदेष्ट्रे स्वाहा। |
290 | ॐ अक्रूरमन्त्रोपदेशिने स्वाहा। |
291 | ॐ सुरार्थाय स्वाहा। |
292 | ॐ केशिघ्ने स्वाहा। |
293 | ॐ पुष्पवर्षामलश्रिये स्वाहा। |
294 | ॐ अमलश्रिये स्वाहा। |
295 | ॐ नारदादेशतो व्योमहन्त्रे स्वाहा। |
296 | ॐ अक्रूरसेवापराय स्वाहा। |
297 | ॐ सर्वदर्शिने स्वाहा। |
298 | ॐ व्रजे गोपिकामोहदाय स्वाहा। |
299 | ॐ कूलवर्त्तिने स्वाहा। |
300 | ॐ सतीराधिकाबोधदाय स्वाहा। |
301 | ॐ स्वप्नकर्त्रे स्वाहा। |
302 | ॐ विलासिने स्वाहा। |
303 | ॐ महामोहनाशिने स्वाहा। |
304 | ॐ स्वबोधाय स्वाहा। |
305 | ॐ व्रजे शापतस्त्यक्तराधासकाशाय स्वाहा। |
306 | ॐ महामोहदावाग्निदग्धापतये स्वाहा। |
307 | ॐ सखीबन्धनान्मोचिताक्रूराय स्वाहा। |
308 | ॐ आरात्सखीकंकणैस्ताडिताक्रूररक्षिणे स्वाहा। |
309 | ॐ व्रजे राधया रथस्थाय स्वाहा। |
310 | ॐ कृष्णचन्द्राय स्वाहा। |
311 | ॐ गोपकैःसुगुप्तगमिने स्वाहा। |
312 | ॐ चारुलीलाय स्वाहा। |
313 | ॐ जले अक्रूरसंदर्शिताय स्वाहा। |
314 | ॐ दिव्यरूपाय स्वाहा। |
315 | ॐ दिदृक्षवे स्वाहा। |
316 | ॐ पुरीमोहिनीचित्तमोहिने स्वाहा। |
317 | ॐ रंगकारप्रणाशिने स्वाहा। |
318 | ॐ सुवस्त्राय स्वाहा। |
319 | ॐ स्रजिने स्वाहा। |
320 | ॐ वायकप्रीतिकृते स्वाहा। |
321 | ॐ मालिपूज्याय स्वाहा। |
322 | ॐ महाकीर्त्तिदाय स्वाहा। |
323 | ॐ कुब्जाविनोदिने स्वाहा। |
324 | ॐ स्फुरच्चण्डकोदण्डरुग्णाय स्वाहा। |
325 | ॐ प्रचण्डाय स्वाहा। |
326 | ॐ भटार्त्तिप्रदाय स्वाहा। |
327 | ॐ कंसदुःस्वप्नकारिणे स्वाहा। |
328 | ॐ महामल्लवेशाय स्वाहा। |
329 | ॐ करीन्द्रप्रहारिणे स्वाहा। |
330 | ॐ महामात्यघ्ने स्वाहा। |
331 | ॐ रंगभूमिप्रवेशिने स्वाहा। |
332 | ॐ रसाढ्याय स्वाहा। |
333 | ॐ यशःस्पृशे स्वाहा। |
334 | ॐ बलीवाक्पटुश्रिये स्वाहा। |
335 | ॐ महामल्लघ्ने स्वाहा। |
336 | ॐ युद्धकृते स्वाहा। |
337 | ॐ स्त्रीवचोऽर्थिने स्वाहा। |
338 | ॐ धरानायककंसहन्त्रे स्वाहा। |
339 | ॐ प्राग्यदवे स्वाहा। |
340 | ॐ सदापूजिताय स्वाहा। |
341 | ॐ उग्रसेनप्रसिद्धाय स्वाहा। |
342 | ॐ धराराज्यदाय स्वाहा। |
343 | ॐ यादवैर्मण्डितांगाय स्वाहा। |
344 | ॐ गुरोः पुत्रदाय स्वाहा। |
345 | ॐ ब्रह्मविदे स्वाहा। |
346 | ॐ ब्रह्मपाठिने स्वाहा। |
347 | ॐ महाशंखग्ने स्वाहा। |
348 | ॐ दण्डधृकृपूज्याय स्वाहा। |
349 | ॐ व्रजे उद्धवप्रेषिताय स्वाहा। |
350 | ॐ गोपमोहिने स्वाहा। |
351 | ॐ यशोदाघृणिने स्वाहा। |
352 | ॐ गोपिकाज्ञानदेशिने स्वाहा। |
353 | ॐ सदास्नेहकृते स्वाहा। |
354 | ॐ कुब्जापूजितांगाय स्वाहा। |
355 | ॐ अक्रूरगेहगमिने स्वाहा। |
356 | ॐ मन्त्रवेत्रे स्वाहा। |
357 | ॐ पाण्डवप्रेषिताक्रूराय स्वाहा। |
358 | ॐ सुखीसर्वदर्शिने स्वाहा। |
359 | ॐ नृपानन्दकारिणे स्वाहा। |
360 | ॐ महाक्षौहिणीघ्ने स्वाहा। |
361 | ॐ जरासन्धमानोद्धराय स्वाहा। |
362 | ॐ द्वारकाकारकाय स्वाहा। |
363 | ॐ मोक्षकर्त्रे स्वाहा। |
364 | ॐ रणिने स्वाहा। |
365 | ॐ सार्वभौमस्तुताय स्वाहा। |
366 | ॐ ज्ञानदात्रे स्वाहा। |
367 | ॐ जरासन्धसंकल्पकृते स्वाहा। |
368 | ॐ धावदंगघ्रिये स्वाहा। |
369 | ॐ नगादुत्पन्द्वारकामध्यवर्तिने स्वाहा। |
370 | ॐ रेवतीभूषणाय स्वाहा। |
371 | ॐ तालचिह्नयदवे स्वाहा। |
372 | ॐ रुक्मिणीहारकाय स्वाहा। |
373 | ॐ चैद्यभेद्याय स्वाहा। |
374 | ॐ रुक्मिरूपप्रणाशिने स्वाहा। |
375 | ॐ सुखाशिने स्वाहा। |
376 | ॐ अनन्ताय स्वाहा। |
377 | ॐ माराय स्वाहा। |
378 | ॐ कार्ष्णिने स्वाहा। |
379 | ॐ कामाय स्वाहा। |
380 | ॐ मनोजाय स्वाहा। |
381 | ॐ शम्बरारये स्वाहा। |
382 | ॐ रतीशाय स्वाहा। |
383 | ॐ रथिने स्वाहा। |
384 | ॐ मन्मथाय स्वाहा। |
385 | ॐ मीनकेतवे स्वाहा। |
386 | ॐ शरिणे स्वाहा। |
387 | ॐ स्मराय स्वाहा। |
388 | ॐ दर्पकाय स्वाहा। |
389 | ॐ मानघ्ने स्वाहा। |
390 | ॐ पंचबाणाय स्वाहा। |
391 | ॐ प्रियसत्यभामापतये स्वाहा। |
392 | ॐ यादवेशाय स्वाहा। |
393 | ॐ सत्राजित् प्रेमपूराय स्वाहा। |
394 | ॐ प्रहासाय स्वाहा। |
395 | ॐ महारत्नदाय स्वाहा। |
396 | ॐ जाम्बवद्युद्धकारिणे स्वाहा। |
397 | ॐ महाचक्रधृषे स्वाहा। |
398 | ॐ खंगधृषे स्वाहा। |
399 | ॐ रामसन्धये स्वाहा। |
400 | ॐ विहारस्थिताय स्वाहा। |
401 | ॐ पाण्डवप्रेमकारिणे स्वाहा। |
402 | ॐ कलिन्दांगगजामोहनाय स्वाहा। |
403 | ॐ खाण्डवार्थिने स्वाहा। |
404 | ॐ फाल्गुनप्रीतिकृत्सख्ये स्वाहा। |
405 | ॐ नम्नकर्त्रे स्वाहा। |
406 | ॐ मित्रविन्दापतये स्वाहा। |
407 | ॐ क्रीडनार्थिने स्वाहा। |
408 | ॐ नृपप्रेमकृते स्वाहा। |
409 | ॐ सप्तरूपगोजयिने स्वाहा। |
410 | ॐ सत्यापतये स्वाहा। |
411 | ॐ पारिबर्हिणे स्वाहा। |
412 | ॐ यथेष्टाय स्वाहा। |
413 | ॐ नृपैः संवृताय स्वाहा। |
414 | ॐ भद्रापतये स्वाहा। |
415 | ॐ मधोर्विलासिने स्वाहा। |
416 | ॐ मानिनीशाय स्वाहा। |
417 | ॐ जनेशाय स्वाहा। |
418 | ॐ शुनासीरमोहावृताय स्वाहा। |
419 | ॐ सत्यभार्याय स्वाहा। |
420 | ॐ सतार्क्ष्याय स्वाहा। |
421 | ॐ मुरारये स्वाहा। |
422 | ॐ पुरीसंघभेत्रे स्वाहा। |
423 | ॐ सुवीरशिरःखण्डनाय स्वाहा। |
424 | ॐ दैत्यनाशिने स्वाहा। |
425 | ॐ शरिणे भौमघ्ने स्वाहा। |
426 | ॐ चण्डवेगाय स्वाहा। |
427 | ॐ प्रवीराय स्वाहा। |
428 | ॐ धरासंस्तुताय स्वाहा। |
429 | ॐ कुण्डलछत्रहर्त्रे स्वाहा। |
430 | ॐ महारत्नयुजे स्वाहा। |
431 | ॐ राजकन्याभिरामाय स्वाहा। |
432 | ॐ शचीपूजिताय स्वाहा। |
433 | ॐ शक्रजिते स्वाहा। |
434 | ॐ मानहर्त्रे स्वाहा। |
435 | ॐ पारिजातापहारिरमेशाय स्वाहा। |
436 | ॐ गृहीचामरैः शोभिताय स्वाहा। |
437 | ॐ भीष्मककन्यापतये स्वाहा। |
438 | ॐ हास्यकृते स्वाहा। |
439 | ॐ मानिनीमानकारिणे स्वाहा। |
440 | ॐ रुक्मिणीवाक्पटवे स्वाहा। |
441 | ॐ प्रेमगेहाय स्वाहा। |
442 | ॐ सतीमोहनाय स्वाहा। |
443 | ॐ कामदेवापरश्रिये स्वाहा। |
444 | ॐ सुदेष्णाय स्वाहा। |
445 | ॐ सुचारवे स्वाहा। |
446 | ॐ चारुदेष्णाय स्वाहा। |
447 | ॐ चारुदेहाय स्वाहा। |
448 | ॐ बलीचारुगुप्ताय स्वाहा। |
449 | ॐ सुतीभद्रचारवे स्वाहा। |
450 | ॐ चारुचन्द्राय स्वाहा। |
451 | ॐ विचारवे स्वाहा। |
452 | ॐ चारवे स्वाहा। |
453 | ॐ रथीपुत्ररूपाय स्वाहा। |
454 | ॐ सुभानवे स्वाहा। |
455 | ॐ प्रभानवे स्वाहा। |
456 | ॐ चन्द्रभानवे स्वाहा। |
457 | ॐ बृहद्भानवे स्वाहा। |
458 | ॐ अष्टभानवे स्वाहा। |
459 | ॐ साम्बाय स्वाहा। |
460 | ॐ सुमित्राय स्वाहा। |
461 | ॐ क्रतवे स्वाहा। |
462 | ॐ चित्रकेतवे स्वाहा। |
463 | ॐ वीर-अश्वसेनाय स्वाहा। |
464 | ॐ वृषाय स्वाहा। |
465 | ॐ चित्रगवे स्वाहा। |
466 | ॐ चन्द्रबिम्बाय स्वाहा। |
467 | ॐ विशंगवे स्वाहा। |
468 | ॐ वसवे स्वाहा। |
469 | ॐ श्रुताय स्वाहा। |
470 | ॐ भद्राय स्वाहा। |
471 | ॐ सुबाहवेवृषाय स्वाहा। |
472 | ॐ पूर्णमासाय स्वाहा। |
473 | ॐ सोमावराय स्वाहा। |
474 | ॐ शान्तये स्वाहा। |
475 | ॐ प्रघोषाय स्वाहा। |
476 | ॐ सिंहाय स्वाहा। |
477 | ॐ बलोर्ध्वराय स्वाहा। |
478 | ॐ वर्धनाय स्वाहा। |
479 | ॐ उन्नादाय स्वाहा। |
480 | ॐ महाशाय स्वाहा। |
481 | ॐ वृकाय स्वाहा। |
482 | ॐ पावनाय स्वाहा। |
483 | ॐ वह्निमित्राय स्वाहा। |
484 | ॐ क्षुधये स्वाहा। |
485 | ॐ हर्षकाय स्वाहा। |
486 | ॐ अनिलाय स्वाहा। |
487 | ॐ अमित्रजिते स्वाहा। |
488 | ॐ सुभद्राय स्वाहा। |
489 | ॐ जयोय स्वाहा। |
490 | ॐ सत्यकाय स्वाहा। |
491 | ॐ वामाय स्वाहा। |
492 | ॐ आयुषे यदवे स्वाहा। |
493 | ॐ कोटिशः पुत्रपौत्रप्रसिद्धाय स्वाहा। |
494 | ॐ हलीदण्डधृषे स्वाहा। |
495 | ॐ रुक्मघ्ने स्वाहा। |
496 | ॐ अनिरुद्धाय स्वाहा। |
497 | ॐ राजभिर्हास्यगाय स्वाहा। |
498 | ॐ द्यूतकर्त्रे स्वाहा। |
499 | ॐ मधवे स्वाहा। |
500 | ॐ ब्रह्मसुवे स्वाहा। |
501 | ॐ बाणपुत्रीपतये स्वाहा। |
502 | ॐ महासुन्दराय स्वाहा। |
503 | ॐ कामपुत्राय स्वाहा। |
504 | ॐ बलीशाय स्वाहा। |
505 | ॐ महादैत्यसंग्रामकृद्-याद-वेशाय स्वाहा। |
506 | ॐ पुरीभंजनाय स्वाहा। |
507 | ॐ भूतसंत्रासकारिणे स्वाहा। |
508 | ॐ मृधे रुद्रजिते स्वाहा। |
509 | ॐ रुद्रमोहिने स्वाहा। |
510 | ॐ मृधार्थिने स्वाहा। |
511 | ॐ स्कन्दजिते स्वाहा। |
512 | ॐ कूपकर्णप्रहारिणे स्वाहा। |
513 | ॐ धनुर्भंजनाय स्वाहा। |
514 | ॐ बाणामानप्रहारिणे स्वाहा। |
515 | ॐ ज्वरोत्पत्तिकृते स्वाहा। |
516 | ॐ ज्वरेणसंस्तुताय स्वाहा। |
517 | ॐ भुजाच्छेदकृते स्वाहा। |
518 | ॐ बाणसंत्रासकर्त्रे स्वाहा। |
519 | ॐ मृणप्रस्तुताय स्वाहा। |
520 | ॐ युद्धकृते स्वाहा। |
521 | ॐ भूमिभर्त्रे स्वाहा। |
522 | ॐ नृगमुक्तिदाय स्वाहा। |
523 | ॐ यादवानां ज्ञानदाय स्वाहा। |
524 | ॐ रथस्थाय स्वाहा। |
525 | ॐ व्रजप्रेमपाय स्वाहा। |
526 | ॐ गोपमुख्याय स्वाहा। |
527 | ॐ महासुन्दरीक्रीडिताय स्वाहा। |
528 | ॐ पुष्पमालिने स्वाहा। |
529 | ॐ कलिन्दांगगजाभेदनाय स्वाहा। |
530 | ॐ सीरपाणये स्वाहा। |
531 | ॐ महादम्भिघ्ने स्वाहा। |
532 | ॐ पौण्ड्रमानप्रहारिणे स्वाहा। |
533 | ॐ शिरश्छेदकाय स्वाहा। |
534 | ॐ काशिराजप्रणाशिने स्वाहा। |
535 | ॐ महाअक्षौहिणीध्वंसकृते स्वाहा। |
536 | ॐ चक्रहस्ताय स्वाहा। |
537 | ॐ पुरीदीपकाय स्वाहा। |
538 | ॐ राक्षसीनाशकर्त्रे स्वाहा। |
539 | ॐ अनन्ताय स्वाहा। |
540 | ॐ महीध्राय स्वाहा। |
541 | ॐ फणिने स्वाहा। |
542 | ॐ वानरारये स्वाहा। |
543 | ॐ स्फुरद्-गौरवर्णाय स्वाहा। |
544 | ॐ महापद्मिनेत्राय स्वाहा। |
545 | ॐ कुरुग्रामतिर्यग्गतये स्वाहा। |
546 | ॐ गौरवार्थकौरवस्तुताय स्वाहा। |
547 | ॐ ससाम्बपारिबर्हिणे स्वाहा। |
548 | ॐ महावैभविने स्वाहा। |
549 | ॐ द्वारकेशाय स्वाहा। |
550 | ॐ अनेकाय स्वाहा। |
551 | ॐ चलन्नारदाय स्वाहा। |
552 | ॐ श्रीप्रभादर्शकाय स्वाहा। |
553 | ॐ महर्षिस्तुताय स्वाहा। |
554 | ॐ ब्रह्मदेवाय स्वाहा। |
555 | ॐ पुराणाय स्वाहा। |
556 | ॐ सदाषोडशस्त्रीसहस्थिताय स्वाहा। |
557 | ॐ गृहिणे स्वाहा। |
558 | ॐ लोकरक्षापराय स्वाहा। |
559 | ॐ लोकरीतये स्वाहा। |
560 | ॐ प्रभवे स्वाहा। |
561 | ॐ उग्रसेनावृताय स्वाहा। |
562 | ॐ दुर्गयुक्ताय स्वाहा। |
563 | ॐ राजदूतस्तुताय स्वाहा। |
564 | ॐ बन्धभेतृस्थिताय स्वाहा। |
565 | ॐ नारदप्रस्तुताय स्वाहा। |
566 | ॐ पाण्डववार्थिने स्वाहा। |
567 | ॐ नृपैर्मन्त्रकृते स्वाहा। |
568 | ॐ उद्धवप्रीतिपूर्णाय स्वाहा। |
569 | ॐ पुत्रपौत्रैर्वृताय स्वाहा। |
570 | ॐ कुरुग्रामगन्ताघृणिने स्वाहा। |
571 | ॐ धर्मराजस्तुताय स्वाहा। |
572 | ॐ भीमयुक्ताय स्वाहा। |
573 | ॐ परानन्ददाय स्वाहा। |
574 | ॐ धर्मजेन मन्त्रकृते स्वाहा। |
575 | ॐ दिशाजिताबलिने स्वाहा। |
576 | ॐ राजसूयार्थकारिणे स्वाहा। |
577 | ॐ जरासन्धघ्ने स्वाहा। |
578 | ॐ भीमसेनस्वरूपाय स्वाहा। |
579 | ॐ विप्ररूपाय स्वाहा। |
580 | ॐ गदायुद्धकर्त्रे स्वाहा। |
581 | ॐ कृपालवे स्वाहा। |
582 | ॐ महाबन्धनच्छेदकारिणे स्वाहा। |
583 | ॐ नृपैः संस्तुताय स्वाहा। |
584 | ॐ धर्मगेहमागताय स्वाहा। |
585 | ॐ द्विजैः संवृताय स्वाहा। |
586 | ॐ यज्ञसंभारकर्त्रे स्वाहा। |
587 | ॐ जनैः पूजिताय स्वाहा। |
588 | ॐ चैद्यदुर्वाक्क्षमाय स्वाहा। |
589 | ॐ महामोक्षदाय स्वाहा। |
590 | ॐ अरेः शिरच्छेदकारिणे स्वाहा। |
591 | ॐ महायज्ञशोभाकराय स्वाहा। |
592 | ॐ चक्रवर्त्तीनृपानन्दकारिणे स्वाहा। |
593 | ॐ सुहारिणे विहारिणे स्वाहा। |
594 | ॐ सभासंवृताय स्वाहा। |
595 | ॐ कौरवस्य स्वाहा। |
596 | ॐ शाल्वसंहारकाय स्वाहा। |
597 | ॐ यानहन्त्रे स्वाहा। |
598 | ॐ सभोजाय स्वाहा। |
599 | ॐ वृष्णिने स्वाहा। |
600 | ॐ मधवे स्वाहा। |
601 | ॐ शूरसेनाय स्वाहा। |
602 | ॐ दशार्हाय स्वाहा। |
603 | ॐ यदवे अन्धकाय स्वाहा। |
604 | ॐ लोकजिते स्वाहा। |
605 | ॐ द्युमन्मानहारिणे स्वाहा। |
606 | ॐ वर्मधृषे स्वाहा। |
607 | ॐ दिव्यशस्त्रिणे स्वाहा। |
608 | ॐ स्वबोधाय स्वाहा। |
609 | ॐ सदारक्षकाय स्वाहा। |
610 | ॐ दैत्यहन्त्रे स्वाहा। |
611 | ॐ दन्तवक्त्रप्रणाशिने स्वाहा। |
612 | ॐ गदाधृषे स्वाहा। |
613 | ॐ जगत्तीर्थयात्राकराय स्वाहा। |
614 | ॐ पद्महाराय स्वाहा। |
615 | ॐ कुशीसूतहन्त्र स्वाहा। |
616 | ॐ कृपाकृते स्वाहा। |
617 | ॐ स्मृतीशाय स्वाहा। |
618 | ॐ अमलाय स्वाहा। |
619 | ॐ बल्वलांगप्रभाखण्डकारिणे स्वाहा। |
620 | ॐ भीमदुर्योधनज्ञानदात्रे स्वाहा। |
621 | ॐ अपराय स्वाहा। |
622 | ॐ रोहिणीसौख्यदाय स्वाहा। |
623 | ॐ रेवतीशाय स्वाहा। |
624 | ॐ महादानकृते स्वाहा। |
625 | ॐ विप्रदारिद्र्यघ्ने स्वाहा। |
626 | ॐ सदाप्रेमयुजे स्वाहा। |
627 | ॐ श्रीसुदाम्नः सहायाय स्वाहा। |
628 | ॐ सरामाय भार्गवक्षेत्रगन्त्रे स्वाहा। |
629 | ॐ श्रुतेसूर्योपरागेसर्वदर्शिने स्वाहा। |
630 | ॐ महासेनाऽऽस्थिताय स्वाहा। |
631 | ॐ स्नानयुक्ताय महादानकृते स्वाहा। |
632 | ॐ मित्रसम्मेलनार्थिने स्वाहा। |
633 | ॐ पाण्डवप्रीतिदाय स्वाहा। |
634 | ॐ कुन्तिजार्थिने स्वाहा। |
635 | ॐ विशालाक्षमोहप्रदाय स्वाहा। |
636 | ॐ शान्तिदाय स्वाहा। |
637 | ॐ सखीकोटिभिर्गोपिकाभिःसहवटे राधिकाऽऽराधनाय स्वाहा। |
638 | ॐ राधिकाप्राणनाथाय स्वाहा। |
639 | ॐ सखीमोहदावाग्निघ्ने स्वाहा। |
640 | ॐ वैभववेशाय स्वाहा। |
641 | ॐ स्फुरत्कोटिकन्दर्पलीलाविशेषाय स्वाहा। |
642 | ॐ सखीराधिकादुःखनाशिने स्वाहा। |
643 | ॐ विलासिने स्वाहा। |
644 | ॐ सखीमध्यगाय स्वाहा। |
645 | ॐ शापघ्ने स्वाहा। |
646 | ॐ माधवीशाय स्वाहा। |
647 | ॐ शतवर्षविक्षेपहृते स्वाहा। |
648 | ॐ नन्दपुत्राय स्वाहा। |
649 | ॐ नन्दवक्षोगताय स्वाहा। |
650 | ॐ शीतलांगाय स्वाहा। |
651 | ॐ यशोदाशुचः स्नानकृते स्वाहा। |
652 | ॐ दुःखहन्त्रे स्वाहा। |
653 | ॐ सदागोपिकानेत्रलग्नवज्रेशाय स्वाहा। |
654 | ॐ देवकीरोहिणीस्तुताय स्वाहा। |
655 | ॐ सुरेन्द्राय स्वाहा। |
656 | ॐ रहो गोपिकाज्ञानदाय स्वाहा। |
657 | ॐ मानदाय स्वाहा। |
658 | ॐ पट्टराज्ञीभिः आरासंस्तुताय धनिने स्वाहा। |
659 | ॐ सदालक्ष्मणाप्राणनाथाय स्वाहा। |
660 | ॐ सदाषोडशस्त्रीसहस्रस्तुतांगाय स्वाहा। |
661 | ॐ शुकाय स्वाहा। |
662 | ॐ व्यासदेवाय स्वाहा। |
663 | ॐ सुमन्तवे स्वाहा। |
664 | ॐ सिताय स्वाहा। |
665 | ॐ भरद्वाजकाय स्वाहा। |
666 | ॐ गौतमाय स्वाहा। |
667 | ॐ आसुरये स्वाहा। |
668 | ॐ सद्वशिष्ठाय स्वाहा। |
669 | ॐ शतानन्दाय स्वाहा। |
670 | ॐ आद्यरामाय स्वाहा। |
671 | ॐ पर्वतमुनये स्वाहा। |
672 | ॐ नारदाय स्वाहा। |
673 | ॐ धौम्याय स्वाहा। |
674 | ॐ इन्द्राय स्वाहा। |
675 | ॐ आसिताय स्वाहा। |
676 | ॐ अत्रये स्वाहा। |
677 | ॐ विभाण्डाय स्वाहा। |
678 | ॐ प्रचेतसे स्वाहा। |
679 | ॐ कृपाय स्वाहा। |
680 | ॐ कुमाराय स्वाहा। |
681 | ॐ सनन्दाय स्वाहा। |
682 | ॐ याज्ञवल्क्याय स्वाहा। |
683 | ॐ ऋभवे स्वाहा। |
684 | ॐ अंगिरसे स्वाहा। |
685 | ॐ देवलाय स्वाहा। |
686 | ॐ श्रीमृकण्डाय स्वाहा। |
687 | ॐ मरीचये स्वाहा। |
688 | ॐ क्रतवे स्वाहा। |
689 | ॐ और्वकाय स्वाहा। |
690 | ॐ लोमशाय स्वाहा। |
691 | ॐ पुलस्त्याय स्वाहा। |
692 | ॐ भृगवे स्वाहा। |
693 | ॐ ब्रह्मरातवशिष्ठाय स्वाहा। |
694 | ॐ नरनारायणाय स्वाहा। |
695 | ॐ दत्ताय स्वाहा। |
696 | ॐ पाणिनये स्वाहा। |
697 | ॐ पिंगलाय स्वाहा। |
698 | ॐ भाष्यकाराय स्वाहा। |
699 | ॐ कात्यायनाय स्वाहा। |
700 | ॐ विप्रपातंजलिने स्वाहा। |
701 | ॐ गर्गाय स्वाहा। |
702 | ॐ गुरवे स्वाहा। |
703 | ॐ गीष्पतये स्वाहा। |
704 | ॐ गौतमीशाय स्वाहा। |
705 | ॐ मुनिजाजलिने स्वाहा। |
706 | ॐ कश्यपाय स्वाहा। |
707 | ॐ गालवाय स्वाहा। |
708 | ॐ द्विजसौभरये स्वाहा। |
709 | ॐ ऋष्यश्रृंगाय स्वाहा। |
710 | ॐ कण्वाय स्वाहा। |
711 | ॐ द्विताय स्वाहा। |
712 | ॐ एकताय स्वाहा। |
713 | ॐ जातूद्भवाय स्वाहा। |
714 | ॐ घनाय स्वाहा। |
715 | ॐ कर्दमात्मजाय स्वाहा। |
716 | ॐ कर्दमाय स्वाहा। |
717 | ॐ भार्गवाय स्वाहा। |
718 | ॐ कौत्साय स्वाहा। |
719 | ॐ आरुणये स्वाहा। |
720 | ॐ शुचिपिप्पलादाय स्वाहा। |
721 | ॐ मृकण्डपुत्राय स्वाहा। |
722 | ॐ पैलाय स्वाहा। |
723 | ॐ जैमिनये स्वाहा। |
724 | ॐ सत्सुमन्तवे स्वाहा। |
725 | ॐ वरो गांगलाय स्वाहा। |
726 | ॐ स्फोटगेहफलादाय स्वाहा। |
727 | ॐ सदापूजितब्राह्मणाय स्वाहा। |
728 | ॐ सर्वरूपिणे स्वाहा। |
729 | ॐ महामोहनाशमुनीशाय स्वाहा। |
730 | ॐ प्रागमराय स्वाहा। |
731 | ॐ मुनीशस्तुताय स्वाहा। |
732 | ॐ शौरिविज्ञानदात्रे स्वाहा। |
733 | ॐ महायज्ञकृते स्वाहा। |
734 | ॐ अवभृथस्नानपूज्याय स्वाहा। |
735 | ॐ सदादक्षिणादाय स्वाहा। |
736 | ॐ नृपैः पारिवर्हिषे स्वाहा। |
737 | ॐ व्रजानन्ददाय स्वाहा। |
738 | ॐ द्वारकागेहदर्शिने स्वाहा। |
739 | ॐ महाज्ञानदाय स्वाहा। |
740 | ॐ देवकीपुत्रदाय स्वाहा। |
741 | ॐ असुरैः पूजिताय स्वाहा। |
742 | ॐ इन्द्रसेनादृताय स्वाहा। |
743 | ॐ सदाफाल्गुनप्रीतिकृते स्वाहा। |
744 | ॐ सत्यसुभद्राविवाहद्विपाश्व प्रदाय स्वाहा। |
745 | ॐ मानयानाय स्वाहा। |
746 | ॐ भुवे स्वाहा। |
747 | ॐ मैथिलेन प्रयुक्ताय स्वाहा। |
748 | ॐ आशु ब्राह्मणैः सह राज्ञा स्थित-ब्राह्मणैश्च स्थिताय स्वाहा। |
749 | ॐ मैथिले कृतिने स्वाहा। |
750 | ॐ लोकवेदोपदेशिने स्वाहा। |
751 | ॐ सदावेदवाक्यैः स्तुताय स्वाहा। |
752 | ॐ शेषशायिने स्वाहा। |
753 | ॐ अमरेषु ब्राह्मणैः परीक्षा वृताय स्वाहा। |
754 | ॐ भृगुप्रार्थिताय स्वाहा। |
755 | ॐ दैत्यघ्ने स्वाहा। |
756 | ॐ ईशरक्षिणे स्वाहा। |
757 | ॐ अर्जुनसख्ये स्वाहा। |
758 | ॐ अर्जुनस्यापि मानप्रहारिणे स्वाहा। |
759 | ॐ विप्रपुत्रप्रदाय स्वाहा। |
760 | ॐ धामगन्त्रे स्वाहा। |
761 | ॐ माधवीभिर्विहारस्थिताय स्वाहा। |
762 | ॐ कलांगाय स्वाहा। |
763 | ॐ महामोहदावाग्निदग्धामिरामाय स्वाहा। |
764 | ॐ यदवेउग्रसेननृपाय स्वाहा। |
765 | ॐ अक्रूराय स्वाहा। |
766 | ॐ उद्धवाय स्वाहा। |
767 | ॐ शूरसेनाय स्वाहा। |
768 | ॐ शूराय स्वाहा। |
769 | ॐ हृदीकाय स्वाहा। |
770 | ॐ सत्राजिते स्वाहा। |
771 | ॐ अप्रमेयाय स्वाहा। |
772 | ॐ गदाय स्वाहा। |
773 | ॐ सारणाय स्वाहा। |
774 | ॐ सात्यकये स्वाहा। |
775 | ॐ देवभागाय स्वाहा। |
776 | ॐ मानसाय स्वाहा। |
777 | ॐ संजयाय स्वाहा। |
778 | ॐ श्यामकाय स्वाहा। |
779 | ॐ वृकाय स्वाहा। |
780 | ॐ वत्सकाय स्वाहा। |
781 | ॐ देवकाय स्वाहा। |
782 | ॐ भद्रसेनाय स्वाहा। |
783 | ॐ नृपअजातशत्रवे स्वाहा। |
784 | ॐ जयाय स्वाहा। |
785 | ॐ माद्रीपुत्राय स्वाहा। |
786 | ॐ भीष्माय स्वाहा। |
787 | ॐ कृपाय स्वाहा। |
788 | ॐ बुद्धिचक्षुषे स्वाहा। |
789 | ॐ पाण्डवे स्वाहा। |
790 | ॐ शान्तनवे स्वाहा। |
791 | ॐ देववाह्लीकाय स्वाहा। |
792 | ॐ भूरिश्रवसे स्वाहा। |
793 | ॐ चित्रवीर्याय स्वाहा। |
794 | ॐ विचित्राय स्वाहा। |
795 | ॐ शलाय स्वाहा। |
796 | ॐ दुर्योधनाय स्वाहा। |
797 | ॐ कर्णाय स्वाहा। |
798 | ॐ सुभद्रासुताय स्वाहा। |
799 | ॐ प्रसिद्धविष्णुराताय स्वाहा। |
800 | ॐ जनमेजयाय स्वाहा। |
801 | ॐ पाण्डवाय स्वाहा। |
802 | ॐ कौरवाय स्वाहा। |
803 | ॐ सर्वतेजहरये स्वाहा। |
804 | ॐ सर्वरूपिणे राधयाव्रजं ह्यागताय स्वाहा। |
805 | ॐ पूर्णदेवाय स्वाहा। |
806 | ॐ वराय स्वाहा। |
807 | ॐ रासलीलापराय स्वाहा। |
808 | ॐ दिव्यरूपिणे स्वाहा। |
809 | ॐ रथस्थाय स्वाहा। |
810 | ॐ नवद्वीपखण्डप्रदर्शिने स्वाहा। |
811 | ॐ महामानदाय स्वाहा। |
812 | ॐ गोपजाय स्वाहा। |
813 | ॐ विश्वरूपाय स्वाहा। |
814 | ॐ सनन्दाय स्वाहा। |
815 | ॐ नन्दाय स्वाहा। |
816 | ॐ वृषाय स्वाहा। |
817 | ॐ वल्लवेशाय स्वाहा। |
818 | ॐ सुदाम्ने स्वाहा। |
819 | ॐ अर्जुनाय स्वाहा। |
820 | ॐ सौबलाय स्वाहा। |
821 | ॐ सकृष्णस्तोकाय स्वाहा। |
822 | ॐ अंशुकाय स्वाहा। |
823 | ॐ सद्विशालर्षभाख्याय स्वाहा। |
824 | ॐ सुतेजस्विकाय स्वाहा। |
825 | ॐ कृष्णमित्रबरूथाय स्वाहा। |
826 | ॐ कुशेशाय स्वाहा। |
827 | ॐ वनेशाय स्वाहा। |
828 | ॐ वृन्दावनेशाय स्वाहा। |
829 | ॐ माथुरेशाधिपाय स्वाहा। |
830 | ॐ गोकुलेशाय स्वाहा। |
831 | ॐ सदागोगणाय स्वाहा। |
832 | ॐ गोपतये स्वाहा। |
833 | ॐ गोपिकेशाय स्वाहा। |
834 | ॐ गोवर्धनाय स्वाहा। |
835 | ॐ गोपतये स्वाहा। |
836 | ॐ कन्यकेशाय स्वाहा। |
837 | ॐ अनादये स्वाहा। |
838 | ॐ आत्मने स्वाहा। |
839 | ॐ हरये स्वाहा। |
840 | ॐ परस्मै पुरुषाय स्वाहा। |
841 | ॐ निर्गुणाय स्वाहा। |
842 | ॐ ज्योतिःरूपाय स्वाहा। |
843 | ॐ निरीहाय स्वाहा। |
844 | ॐ सदा निर्विकाराय स्वाहा। |
845 | ॐ प्रपंचात्पराय स्वाहा। |
846 | ॐ ससत्याय स्वाहा। |
847 | ॐ पूर्णाय स्वाहा। |
848 | ॐ परेशाय स्वाहा। |
849 | ॐ सूक्ष्माय स्वाहा। |
850 | ॐ द्वारकायां नृपेण अश्वमेधकर्त्रे स्वाहा। |
851 | ॐ अपि पौत्रेण भूभारहर्त्रे स्वाहा। |
852 | ॐ पुनः श्रीव्रजे राधया रासरंगकर्त्रे हरये स्वाहा। |
853 | ॐ गोपिकानां च भर्ते स्वाहा। |
854 | ॐ सदैकस्मै स्वाहा। |
855 | ॐ अनेकाय स्वाहा। |
856 | ॐ प्रभापूरितांगाय स्वाहा। |
857 | ॐ योगमायाकराय स्वाहा। |
858 | ॐ कालजिते स्वाहा। |
859 | ॐ सुदृष्टये स्वाहा। |
860 | ॐ महत्तत्त्वरूपाय स्वाहा। |
861 | ॐ प्रजाताय स्वाहा। |
862 | ॐ कूटस्थाय स्वाहा। |
863 | ॐ आद्यांकुराय स्वाहा। |
864 | ॐ वृक्षरूपाय स्वाहा। |
865 | ॐ विकारस्थिताय स्वाहा। |
866 | ॐ वैकारिकस्तैजस्तामसश्चाहंकाराय स्वाहा। |
867 | ॐ नभसे स्वाहा। |
868 | ॐ दिशे स्वाहा। |
869 | ॐ समीराय स्वाहा। |
870 | ॐ सूर्याय स्वाहा। |
871 | ॐ प्रचेतोऽश्विह्नये स्वाहा। |
872 | ॐ शक्राय स्वाहा। |
873 | ॐ उपेन्द्राय स्वाहा। |
874 | ॐ मित्राय स्वाहा। |
875 | ॐ श्रुतये स्वाहा। |
876 | ॐ त्वचे स्वाहा। |
877 | ॐ दृग्भ्यां स्वाहा। |
878 | ॐ घ्राणाय स्वाहा। |
879 | ॐ जिह्वायै स्वाहा। |
880 | ॐ गिरे स्वाहा। |
881 | ॐ भुजाभ्यां स्वाहा। |
882 | ॐ मेढरकाय स्वाहा। |
883 | ॐ पायवे स्वाहा। |
884 | ॐ अंघ्रये स्वाहा। |
885 | ॐ सचेष्टाय स्वाहा। |
886 | ॐ धरायै स्वाहा। |
887 | ॐ व्यो स्वाहा। |
888 | ॐ वारे स्वाहा। |
889 | ॐ मारुताय स्वाहा। |
890 | ॐ तेजसे स्वाहा। |
891 | ॐ रूपाय स्वाहा। |
892 | ॐ रसाय स्वाहा। |
893 | ॐ गन्धाय स्वाहा। |
894 | ॐ शब्दाय स्वाहा। |
895 | ॐ स्पर्शाय स्वाहा। |
896 | ॐ सचित्ताय स्वाहा। |
897 | ॐ बुद्ध्यै स्वाहा। |
898 | ॐ विराजे स्वाहा। |
899 | ॐ कालरूपाय स्वाहा। |
900 | ॐ वासुदेवाय स्वाहा। |
901 | ॐ जगत्कृते स्वाहा। |
902 | ॐ अण्डेशयानाय स्वाहा। |
903 | ॐ सशेषाय स्वाहा। |
904 | ॐ सहस्रस्वरूपाय स्वाहा। |
905 | ॐ रमानाथाय स्वाहा। |
906 | ॐ आद्योऽवताराय स्वाहा। |
907 | ॐ सदासर्गकृते स्वाहा। |
908 | ॐ पद्मजाय स्वाहा। |
909 | ॐ कर्मकर्त्रे स्वाहा। |
910 | ॐ नाभिपद्मोद्भवाय स्वाहा। |
911 | ॐ दिव्यवर्णाय स्वाहा। |
912 | ॐ कवये स्वाहा। |
913 | ॐ लोककृते स्वाहा। |
914 | ॐ कालकृते स्वाहा। |
915 | ॐ सूर्यरूपाय स्वाहा। |
916 | ॐ अनिमेषाय स्वाहा। |
917 | ॐ अभवाय स्वाहा। |
918 | ॐ वत्सरान्ताय स्वाहा। |
919 | ॐ महीयसे स्वाहा। |
920 | ॐ तिथिभ्यो स्वाहा। |
921 | ॐ वारेभ्यो स्वाहा। |
922 | ॐ नक्षत्रेभ्यो स्वाहा। |
923 | ॐ योगेभ्यो स्वाहा। |
924 | ॐ लग्नेभ्यो स्वाहा। |
925 | ॐ मासेभ्यो स्वाहा। |
926 | ॐ घटीभ्यो स्वाहा। |
927 | ॐ क्षणेभ्यो स्वाहा। |
928 | ॐ काष्ठिकाभ्यो स्वाहा। |
929 | ॐ मुहूर्त्तेभ्यो स्वाहा। |
930 | ॐ यामेभ्यो स्वाहा। |
931 | ॐ ग्रहेभ्यो स्वाहा। |
932 | ॐ यामिनीभ्यो स्वाहा। |
933 | ॐ दिनेभ्यो स्वाहा। |
934 | ॐ ऋक्षमालागताय स्वाहा। |
935 | ॐ देवपुत्राय स्वाहा। |
936 | ॐ कृतेभ्यो स्वाहा। |
937 | ॐ त्रेताभ्यो स्वाहा। |
938 | ॐ द्वापरेभ्यो स्वाहा। |
939 | ॐ असौकलये स्वाहा। |
940 | ॐ युगानां सहस्राय स्वाहा। |
941 | ॐ मन्वन्तरेभ्यो स्वाहा। |
942 | ॐ लयाय स्वाहा। |
943 | ॐ पालनाय स्वाहा। |
944 | ॐ सत्कृतये स्वाहा। |
945 | ॐ परार्द्धाभ्यां स्वाहा। |
946 | ॐ सदोत्पत्तिकृते स्वाहा। |
947 | ॐ द्व्यक्षरब्रह्मरूपाय स्वाहा। |
948 | ॐ रुद्रसर्गाय स्वाहा। |
949 | ॐ कौमारसर्गाय स्वाहा। |
950 | ॐ मुनेः सर्गकृते स्वाहा। |
951 | ॐ देवकृते स्वाहा। |
952 | ॐ प्राकृताय स्वाहा। |
953 | ॐ श्रुतिभ्यो स्वाहा। |
954 | ॐ स्मृतिभ्यो स्वाहा। |
955 | ॐ स्तोत्रेभ्यो स्वाहा। |
956 | ॐ पुराणेभ्यो स्वाहा। |
957 | ॐ धनुर्वेदाय स्वाहा। |
958 | ॐ इज्जायै स्वाहा। |
959 | ॐ गान्धर्ववेदाय स्वाहा। |
960 | ॐ विधात्रे स्वाहा। |
961 | ॐ नारायणाय स्वाहा। |
962 | ॐ सनत्कुमाराय स्वाहा। |
963 | ॐ वराह-नारदाभ्यां स्वाहा। |
964 | ॐ धर्मपुत्राय स्वाहा। |
965 | ॐ मुनिकर्दमस्यात्मजाय स्वाहा। |
966 | ॐ स यज्ञदत्ताय स्वाहा। |
967 | ॐ अमराय नाभिजाय स्वाहा। |
968 | ॐ श्रीपृथवे स्वाहा। |
969 | ॐ सुमत्स्याय स्वाहा। |
970 | ॐ कूर्माय स्वाहा। |
971 | ॐ धन्वन्तरये स्वाहा। |
972 | ॐ मोहिन्यै स्वाहा। |
973 | ॐ प्रतनारसिंहाय स्वाहा। |
974 | ॐ द्विजवामनाय स्वाहा। |
975 | ॐ रेणुकापुत्ररूपाय स्वाहा। |
976 | ॐ श्रुतिस्तोत्रमुनिव्यासदेवाय स्वाहा। |
977 | ॐ धनुर्वेदभाग्-रामचन्द्रावताराय स्वाहा। |
978 | ॐ सीतापतये स्वाहा। |
979 | ॐ भारहृते स्वाहा। |
980 | ॐ रावणारये स्वाहा। |
981 | ॐ नृपसेतुकृते स्वाहा। |
982 | ॐ वानरेन्द्रप्रहारिणे स्वाहा। |
983 | ॐ महायज्ञकृते स्वाहा। |
984 | ॐ प्रचण्डराघवेन्द्राय स्वाहा। |
985 | ॐ बलाय कृष्णचन्द्राय स्वाहा। |
986 | ॐ कल्किकलेशाय स्वाहा। |
987 | ॐ प्रसिद्धबुद्धाय स्वाहा। |
988 | ॐ हंसाय स्वाहा। |
989 | ॐ अश्वाय स्वाहा। |
990 | ॐ ऋषीन्द्रोऽजिताय स्वाहा। |
991 | ॐ देववैकुण्ठनाथाय स्वाहा। |
992 | ॐ अमूर्त्तये स्वाहा। |
993 | ॐ मन्वन्तरस्यावताराय स्वाहा। |
994 | ॐ गजोद्धारणाय स्वाहा। |
995 | ॐ ब्रह्मपुत्रश्रीमनवे स्वाहा। |
996 | ॐ दानशीलाय स्वाहा। |
997 | ॐ दुष्यन्तजायनृपेन्द्राय स्वाहा। |
998 | ॐ संदृष्टायश्रुताय भूताय भविष्यद्भवते स्वाहा। |
999 | ॐ स्थावरजंगमाय स्वाहा। |
1000 | ॐ अल्पमहते स्वाहा। |
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