108 बटुक भैरव मंत्र
बटुक भैरव भगवान शिव के क्रोध और शक्ति का उग्र रूप माने जाते हैं। वे समस्त भूत-प्रेत, दुष्ट आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने वाले देवता हैं। इनका स्मरण आपको भयमुक्त करता है और अद्भुत आत्मविश्वास देता है।
108 बटुक भैरव मंत्रों का जाप आप आत्मिक उन्नति, मनोबल, और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कर सकते हैं। ये मंत्र साधना भक्ति, श्रद्धा और नियम के साथ की जाती है। इन मंत्रों का जप खासतौर पर अष्टमी, चतुर्दशी, अमावस्या या रविवार को अत्यधिक फलदायी माना जाता है।
इन मंत्रों के जाप से नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं से मुक्ति मिलती है, रोग, शत्रु और भय से रक्षा होती है, आध्यात्मिक उन्नति और मन की शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार होता है इन मंत्रों के साथ बटुक भैरव का ध्यान, पूजा और आराधना करने से आपकी सभी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति स्थापित होती है। मंत्र साधना में धैर्य और नियम का पालन आवश्यक है।
बटुक भैरव मंत्र
- ॐ भैरवाय नमः।
- ॐ भूतनाथाय नमः।
- ॐ भूतात्मने नमः।
- ॐ भूतभावनाय नमः।
- ॐ क्षेत्रज्ञाय नमः।
- ॐ क्षेत्रपालाय नमः।
- ॐ क्षेत्रदाय नमः।
- ॐ क्षत्रियाय नमः।
- ॐ विराजे नमः।
- ॐ श्मशानवासिने नमः।
- ॐ मांसाशिने नमः।
- ॐ खर्पराशिने नमः।
- ॐ स्मरान्तकाय नमः।
- ॐ रक्तपाय नमः।
- ॐ पानपाय नमः।
- ॐ सिद्धाय नमः।
- ॐ सिद्धिदाय नमः।
- ॐ सिद्धिसेविताय नमः।
- ॐ कङ्कालाय नमः।
- ॐ कालशमनाय नमः।
- ॐ कलाकाष्ठातनवे नमः।
- ॐ कवये नमः।
- ॐ त्रिनेत्राय नमः।
- ॐ बहुनेत्राय नमः।
- ॐ पिङ्गललोचनाय नमः।
- ॐ शूलपाणये नमः।
- ॐ खड्गपाणये नमः।
- ॐ कङ्कालिने नमः।
- ॐ धूम्रलोचनाय नमः।
- ॐ अभीरवे नमः।
- ॐ भैरवीनाथाय नमः।
- ॐ भूतपाय नमः।
- ॐ योगिनीपतये नमः।
- ॐ धनदाय नमः।
- ॐ धनहारिणे नमः।
- ॐ धनवते नमः।
- ॐ प्रतिभानवते नमः।
- ॐ नागहाराय नमः।
- ॐ नागकेशाय नमः।
- ॐ व्योमकेशाय नमः।
- ॐ कपालभृते नमः।
- ॐ कालाय नमः।
- ॐ कपालमालिने नमः।
- ॐ कमनीयाय नमः।
- ॐ कलानिधये नमः।
- ॐ त्रिलोचनाय नमः।
- ॐ ज्वलन्नेत्राय नमः।
- ॐ त्रिशिखिने नमः।
- ॐ त्रिलोकपाय नमः।
- ॐ त्रिनेत्रतनयाय नमः।
- ॐ डिम्भाय नमः।
- ॐ शान्ताय नमः।
- ॐ शान्तजनप्रियाय नमः।
- ॐ बटुकाय नमः।
- ॐ बहुवेषाय नमः।
- ॐ खट्वाङ्गवरधारकाय नमः।
- ॐ भूताध्यक्षाय नमः।
- ॐ पशुपतये नमः।
- ॐ भिक्षुकाय नमः।
- ॐ परिचारकाय नमः।
- ॐ धूर्ताय नमः।
- ॐ दिगम्बराय नमः।
- ॐ शौरिणे नमः।
- ॐ हरिणाय नमः।
- ॐ पाण्डुलोचनाय नमः।
- ॐ प्रशान्ताय नमः।
- ॐ शान्तिदाय नमः।
- ॐ सिद्धाय नमः।
- ॐ शङ्करप्रियबान्धवाय नमः।
- ॐ अष्टमूर्तये नमः।
- ॐ निधीशाय नमः।
- ॐ ज्ञानचक्षुषे नमः।
- ॐ तपोमयाय नमः।
- ॐ अष्टाधाराय नमः।
- ॐ षडाधाराय नमः।
- ॐ सर्पयुक्ताय नमः।
- ॐ शिखीसख्ये नमः।
- ॐ भूधराय नमः।
- ॐ भूधराधीशाय नमः।
- ॐ भूपतये नमः।
- ॐ भूधरात्मजाय नमः।
- ॐ कङ्कालधारिणे नमः।
- ॐ मुण्डिने नमः।
- ॐ नागयज्ञोपवीतकाय नमः।
- ॐ जृम्भणाय नमः।
- ॐ मोहनाय नमः।
- ॐ स्तम्भिने नमः।
- ॐ मारणाय नमः।
- ॐ क्षोभणाय नमः।
- ॐ शुद्धाय नमः।
- ॐ नीलाञ्जनप्रख्याय नमः।
- ॐ दैत्यघ्ने नमः।
- ॐ मुण्डभूषिताय नमः।
- ॐ बलिभुजे नमः।
- ॐ बलिभुङ्नाथाय नमः।
- ॐ बालाय नमः।
- ॐ बालपराक्रमाय नमः।
- ॐ सर्वापत्तारणाय नमः।
- ॐ दुर्गाय नमः।
- ॐ दुष्टभूतनिषेविताय नमः।
- ॐ कामिने नमः।
- ॐ कलानिधये नमः।
- ॐ कान्ताय नमः।
- ॐ कामिनीवशकृद्वशिने नमः।
- ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः।
- ॐ वैद्याय नमः।
- ॐ प्रभवे नमः।
- ॐ विष्णवे नमः।