108 ब्रह्मा के नाम और मंत्र
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108 ब्रह्मा के नाम और मंत्र

इन मंत्रों का जाप न सिर्फ आध्यात्मिक उन्नति लाता है, बल्कि समृद्धि, ज्ञान और शांति का आशीर्वाद भी प्रदान करता है।

108 ब्रह्मा के नाम और मंत्र के बारे में

ब्रह्मा जी के 108 नाम और मंत्र का जाप व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है। इन नामों और मंत्रों का उच्चारण मानसिक शांति, ज्ञान की प्राप्ति और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है। ब्रह्मा जी के इन मंत्रों से जीवन में समृद्धि, सुख, और समग्र कल्याण की प्राप्ति होती है। यह मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देने में भी मदद करते हैं।

108 ब्रह्मा के नामों का आध्यात्मिक व धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म की त्रिमूर्ति में भगवान ब्रह्मा जी को सृष्टि के सृजनकर्ता के रूप में पूजा जाता है। वह सृष्टि के जन्मदाता हैं, जिन्होंने ब्रह्मांड के हर कण को अस्तित्व प्रदान किया। देवताओं, दानवों और सभी जीवों के पितामाह के रूप में पूजे जाने वाले ब्रह्मा जी के रचनात्मक हाथों से संसार का हर तत्व आकार लेता है, और उनकी ऊर्जा से जीवन का संचार होता है। यह ब्रह्मांड, यह सृष्टि, ऋतुएं, वनस्पति और हर प्राणी, ब्रह्मा जी के अनंत रूपों का हिस्सा हैं।

शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्म वह है जो सत्व, रज और तम—इन तीन गुणों से परे, निराकार और सर्वव्यापी होता है। यही कारण है कि ब्रह्मा को उन गुणों का संचारक और साकार रूप माना जाता है, जिससे सृष्टि का सृजन संभव हो पाता है। इसलिए, उन्हें ब्रह्मा के नाम से पुकारा जाता है।

पुराणों में भगवान ब्रह्मा जी के रूप का विवरण इस प्रकार किया गया है: उनके चार मुख और चार हाथ होते हैं, जिनमें उन्होंने वरमुद्रा, अक्षर सूत्र, वेद और कमण्डल धारण को किया हुआ है।

भगवान ब्रह्मा जी के रूपों की तरह उनके नामों में भी जीवन के गूढ़ अर्थ निहित हैं। इन नामों का उच्चारण मात्र से व्यक्ति को मानसिक शांति, ज्ञान, बुद्धि और आत्मिक बल की प्राप्ति होती है, जो उसे जीवन की कठिन परिस्थितियों में स्थिर और संतुलित रहने की क्षमता प्रदान करते हैं।

भगवान ब्रह्मा की अष्टोत्तर शतनामावली का जाप, बौद्धिक क्षमता और आंतरिक बल को बढ़ाता है। इन 108 पवित्र नामों का उच्चारण करने से व्यक्ति को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। यह मंत्र शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करता है, और ब्रह्मा जी की कृपा से व्यक्तित्व में सकारात्मक परिवर्तन आता है। इस जाप से ज्ञान, धैर्य और विवेक में वृद्धि होती है, जिससे जीवन में समर्पण और संतुलन बनाए रखने में सहायता मिलती है। साथ ही, यह नामावली भक्तों को आत्मज्ञान की ओर मार्गदर्शन करती है।

108 ब्रह्मा के नामों की सूची

S. No      मंत्र
1ॐ ब्रह्मणे नमः।
2ॐ गायत्रीपतये नमः।
3ॐ सावित्रीपतये नमः।
4ॐ सरस्वतिपतये नमः।
5ॐ प्रजापतये नमः।
6ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
7ॐ कमण्डलुधराय नमः।
8ॐ रक्तवर्णाय नमः।
9ॐ ऊर्ध्वलोकपालाय नमः।
10ॐ वरदाय नमः।
11ॐ वनमालिने नमः।
12ॐ सुरश्रेष्ठाय नमः।
13ॐ पितमहाय नमः।
14ॐ वेदगर्भाय नमः।
15ॐ चतुर्मुखाय नमः।
16ॐ सृष्टिकर्त्रे नमः।
17ॐ बृहस्पतये नमः।
18ॐ बालरूपिणे नमः।
19ॐ सुरप्रियाय नमः।
20ॐ चक्रदेवाय नमः।
21ॐ भुवनाधिपाय नमः।
22ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः।
23ॐ पीताक्षाय नमः।
24ॐ विजयाय नमः।
25ॐ पुरुषोत्तमाय नमः।
26ॐ पद्महस्ताय नमः।
27ॐ तमोनुदे नमः।
28ॐ जनानन्दाय नमः।
29ॐ जनप्रियाय नमः।
30ॐ ब्रह्मणे नमः।
31ॐ मुनये नमः।
32ॐ श्रीनिवासाय नमः।
33ॐ शुभङ्कराय नमः।
34ॐ देवकर्त्रे नमः।
35ॐ स्रष्ट्रे नमः।
36ॐ विष्णवे नमः।
37ॐ भार्गवाय नमः।
38ॐ गोनर्दाय नमः।
39ॐ पितामहाय नमः।
40ॐ महादेवाय नमः।
41ॐ राघवाय नमः।
42ॐ विरिञ्चये नमः।
43ॐ वाराहाय नमः।
44ॐ शङ्कराय नमः।
45ॐ सृकाहस्ताय नमः।
46ॐ पद्मनेत्राय नमः।
47ॐ कुशहस्ताय नमः।
48ॐ गोविन्दाय नमः।
49ॐ सुरेन्द्राय नमः।
50ॐ पद्मतनवे नमः।
51ॐ मध्वक्षाय नमः।
52ॐ कनकप्रभाय नमः।
53ॐ अन्नदात्रे नमः।
54ॐ शम्भवे नमः।
55ॐ पौलस्त्याय नमः।
56ॐ हंसवाहनाय नमः।
57ॐ वसिष्ठाय नमः।
58ॐ नारदाय नमः।
59ॐ श्रुतिदात्रे नमः।
60ॐ यजुषां पतये नमः।
61ॐ मधुप्रियाय नमः।
62ॐ नारायणाय नमः।
63ॐ द्विजप्रियाय नमः।
64ॐ ब्रह्मगर्भाय नमः।
65ॐ सुतप्रियाय नमः।
66ॐ महारूपाय नमः।
67ॐ सुरूपाय नमः।
68ॐ विश्वकर्मणे नमः।
69ॐ जनाध्यक्षाय नमः।
70ॐ देवाध्यक्षाय नमः।
71ॐ गङ्गाधराय नमः।
72ॐ जलदाय नमः।
73ॐ त्रिपुरारये नमः।
74ॐ त्रिलोचनाय नमः।
75ॐ वधनाशनाय नमः।
76ॐ शौरये नमः।
77ॐ चक्रधारकाय नमः।
78ॐ विरूपाक्षाय नमः।
79ॐ गौतमाय नमः।
80ॐ माल्यवते नमः।
81ॐ द्विजेन्द्राय नमः।
82ॐ दिवानाथाय नमः।
83ॐ पुरन्दराय नमः।
84ॐ हंसबाहवे नमः।
85ॐ गरुडप्रियाय नमः।
86ॐ महायक्षाय नमः।
87ॐ सुयज्ञाय नमः।
88ॐ शुक्लवर्णाय नमः।
89ॐ पद्मबोधकाय नमः।
90ॐ लिङ्गिने नमः।
91ॐ उमापतये नमः।
92ॐ विनायकाय नमः।
93ॐ धनाधिपाय नमः।
94ॐ वासुकये नमः।
95ॐ युगाध्यक्षाय नमः।
96ॐ स्त्रीराज्याय नमः।
97ॐ सुभोगाय नमः।
98ॐ तक्षकाय नमः।
99ॐ पापहर्त्रे नमः।
100ॐ सुदर्शनाय नमः।
101ॐ महावीराय नमः।
102ॐ दुर्गनाशनाय नमः।
103ॐ पद्मगृहाय नमः।
104ॐ मृगलाञ्छनाय नमः।
105ॐ वेदरूपिणे नमः।
106ॐ अक्षमालाधराय नमः।
107ॐ ब्राह्मणप्रियाय नमः।
108ॐ विधये नमः।

इस प्रकार करें इस नामावली का जाप:

भगवान ब्रह्मा की अष्टोत्तर शतनामावली का जाप करने का तरीका सरल और प्रभावशाली है। सबसे पहले, प्रातःकाल उठकर अपने सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त हो जाएं। फिर घर के मंदिर को गंगा जल से शुद्ध करके वहां दीप प्रज्वलित करें। इसके बाद, शांति से बैठकर मन को एकाग्र करें और पूरी श्रद्धा से ब्रह्मा जी के नामों का उच्चारण करें।

इन मंत्रों का नियमित जाप आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगा और भगवान ब्रह्मा की कृपा से आपके जीवन में समृद्धि और शांति आएगी। हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान सदैव अपनी कृपा दृष्टि आपके परिवार पर बनाए रखें।

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Published by Sri Mandir·December 11, 2024

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