108 राहू के नाम और मंत्र
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108 राहू के नाम और मंत्र

जानिए 108 राहु के दिव्य नाम और मंत्र, जो आपकी कुंडली से राहु दोष को शांत कर जीवन में सफलता, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं

108 राहू के नाम और मंत्र के बारे में

108 राहु के नाम और मंत्र का जाप कुंडली में राहु के अशुभ प्रभाव को शांत करता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर व्यक्ति को मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इन मंत्रों का नियमित जाप करियर में रुकावटें दूर होती हैं, आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन में सफलता के नए मार्ग खुलते हैं

राहु ग्रह का ज्योतिष और पौराणिक दृष्टिकोण

राहु का उल्लेख ज्योतिष में महत्वपूर्ण रूप से किया जाता है। इसे एक छाया ग्रहमाना जाता है जबकि पौराणिक दृष्टिकोण में भी राहु का विशिष्ट स्थान है। राहु को "तामसिक" ग्रह माना जाता है, जिसे प्रभाव मानसिक तनाव, भ्रम, वासना, भय, छल, और नकारात्मक भावनाओं से जोड़ा गया है। यह व्यक्ति को भौतिक जीवन की इच्छाओं और सांसारिक सुखों की ओर प्रवृत्त करता है, जिससे उनकी आत्मिक शांति के भांग हो सकती है। साथ ही उच्च का राहु आत्म-संवेदन और विश्व के अदृश्य पहलुओं को समझने का मार्ग भी दिखाता है। यह व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर विकास की चुनौती देता है।

राहु का प्रभाव

राहु के प्रभाव से व्यक्ति में नकारात्मक सोच, और भ्रमित निर्णय लेने की प्रवृत्ति हो सकती हैं। इन निर्णयों के कारण जीवन में संकट भी पैदा हो सकता है। वहीं राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति में विलक्षण बुद्धि, विश्लेषणात्मक क्षमता, और उन्नति के लिए अवसर मिल सकते हैं। यह व्यक्ति को नए और अनापेक्षित क्षेत्रों में सफलता दिला सकता है। साथ ही किसी भी जातक की कुंडली के अनुसार राहुदशा के दौरान, जीवन में अप्रत्याशित चुनौतियाँ भी आ सकती है।

राहु के उपाय

राहु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए कुछ प्रभावशाली एवं सरल ज्योतिषीय उपाय हैं, जैसे कि- चांदी के बर्तन में पानी पीना, हनुमान जी की पूजा, और विशेष मंत्रों का जाप जैसे "ॐ रां राहवे नमः। इसके साथ साथ राहु के 108 नामों का जाप करने से भी राहु के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।

राहू के 108 मंत्र

S. No.

मंत्र

1

ॐ राहवे नमः।

2

ॐ सैंहिकेयाय नमः।

3

ॐ विधुन्तुदाय नमः।

4

ॐ सुरशत्रवे नमः।

5

ॐ तमसे नमः।

6

ॐ फणिने नमः।

7

ॐ गार्ग्यनयाय नमः।

8

ॐ सुरापिने नमः।

9

ॐ नीलजीमूतसङ्काशाय नमः।

10

ॐ चतुर्भुजाय नमः।

11

ॐ खङ्गखेटकधारिणे नमः।

12

ॐ वरदायकहस्तकाय नमः।

13

ॐ शूलायुधाय नमः।

14

ॐ मेघवर्णाय नमः।

15

ॐ कृष्णध्वजपताकावते नमः।

16

ॐ दक्षिणाशामुखरथाय नमः।

17

ॐ तीक्ष्णदंष्ट्रकरालकाय नमः।

18

ॐ शूर्पाकारसंस्थाय नमः।

19

ॐ गोमेदाभरणप्रियाय नमः।

20

ॐ माषप्रियाय नमः।

21

ॐ कश्यपर्षिनन्दनाय नमः।

22

ॐ भुजगेश्वराय नमः।

23

ॐ उल्कापातयित्रे नमः।

24

ॐ शूलिने नमः।

25

ॐ निधिपाय नमः।

26

ॐ कृष्णसर्पराजे नमः।

27

ॐ विषज्वलावृतास्याय अर्धशरीराय नमः।

28

ॐ शात्रवप्रदाय नमः।

29

ॐ रवीन्दुभीकराय नमः।

30

ॐ छायास्वरूपिणे नमः।

31

ॐ कठिनाङ्गकाय नमः।

32

ॐ द्विषच्चक्रच्छेदकाय नमः।

33

ॐ करालास्याय नमः।

34

ॐ भयङ्कराय नमः।

35

ॐ क्रूरकर्मणे नमः।

36

ॐ तमोरूपाय नमः।

37

ॐ श्यामात्मने नमः।

38

ॐ नीललोहिताय नमः।

39

ॐ किरीटिणे नमः।

40

ॐ नीलवसनाय नमः।

41

ॐ शनिसमान्तवर्त्मगाय नमः।

42

ॐ चाण्डालवर्णाय नमः।

43

ॐ अश्व्यर्क्षभवाय नमः।

44

ॐ मेषभवाय नमः।

45

ॐ शनिवत्फलदाय नमः।

46

ॐ शूराय नमः।

47

ॐ अपसव्यगतये नमः।

48

ॐ उपरागकराय नमः।

49

ॐ सोमसूर्यच्छविविमर्दकाय नमः।

50

ॐ नीलपुष्पविहाराय नमः।

51

ॐ ग्रहश्रेष्ठाय नमः।

52

ॐ अष्टमग्रहाय नमः।

53

ॐ कबन्धमात्रदेहाय नमः।

54

ॐ यातुधानकुलोद्भवाय नमः।

55

ॐ गोविन्दवरपात्राय नमः।

56

ॐ देवजातिप्रविष्टकाय नमः।

57

ॐ क्रूराय नमः।

58

ॐ घोराय नमः।

59

ॐ शनेर्मित्राय नमः।

60

ॐ शुक्रमित्राय नमः।

61

ॐ अगोचराय नमः।

62

ॐ माने गङ्गास्नानदात्रे नमः।

63

ॐ स्वगृहे प्रबलाढ्यदाय नमः।

64

ॐ सद्गृहेऽन्यबलधृते नमः।

65

ॐ चतुर्थे मातृनाशकाय नमः।

66

ॐ चन्द्रयुक्ते चण्डालजन्मसूचकाय नमः।

67

ॐ सिंहजन्मने नमः।

68

ॐ राज्यदात्रे नमः।

69

ॐ महाकायाय नमः।

70

ॐ जन्मकर्त्रे नमः।

71

ॐ विधुरिपवे नमः।

72

ॐ मादकज्ञानदाय नमः।

73

ॐ जन्मकन्याराज्यदात्रे नमः।

74

ॐ जन्महानिदाय नमः।

75

ॐ नवमे पितृहन्त्रे नमः।

76

ॐ पञ्चमे शोकदायकाय नमः।

77

ॐ द्यूने कलत्रहन्त्रे नमः।

78

ॐ सप्तमे कलहप्रदाय नमः।

79

ॐ षष्ठे वित्तदात्रे नमः।

80

ॐ चतुर्थे वैरदायकाय नमः।

81

ॐ नवमे पापदात्रे नमः।

82

ॐ दशमे शोकदायकाय नमः।

83

ॐ आदौ यशः प्रदात्रे नमः।

84

ॐ अन्ते वैरप्रदायकाय नमः।

85

ॐ कालात्मने नमः।

86

ॐ गोचराचाराय नमः।

87

ॐ धने ककुत्प्रदाय नमः।

88

ॐ पञ्चमे धिशणाशृङ्गदाय नमः।

89

ॐ स्वर्भानवे नमः।

90

ॐ बलिने नमः।

91

ॐ महासौख्यप्रदायिने नमः।

92

ॐ चन्द्रवैरिणे नमः।

93

ॐ शाश्वताय नमः।

94

ॐ सुरशत्रवे नमः।

95

ॐ पापग्रहाय नमः।

96

ॐ शाम्भवाय नमः।

97

ॐ पूज्यकाय नमः।

98

ॐ पाटीरपूरणाय नमः।

99

ॐ पैठीनसकुलोद्भवाय नमः।

100

ॐ भक्तरक्षाय नमः।

101

ॐ राहुमूर्तये नमः।

102

ॐ सर्वाभीष्टफलप्रदाय नमः।

103

ॐ दीर्घाय नमः।

104

ॐ कृष्णाय नमः।

105

ॐ अतनवे नमः।

106

ॐ विष्णुनेत्रारये नमः।

107

ॐ देवाय नमः।

108

ॐ दानवाय नमः।

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Published by Sri Mandir·December 18, 2024

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