मघा श्राद्ध (Magha Shradh) Kya Hai, Date, Shubh Muhurat

मघा श्राद्ध

जानें मघा श्राद्ध क्या है, इसकी तारीख, शुभ मुहूर्त और इसे सही तरीके से करने की विधि


मघा श्राद्ध क्या है? | Magha Shradh Kya Hai

मृतक पितरों की आत्मा की शांति के लिए शास्त्रों में श्राद्ध का विधान है, जो कि हर वर्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में किया जाता है। इस श्राद्ध पक्ष को पितृपक्ष कहते हैं। पितृपक्ष में मघा नक्षत्र पर किए गए श्राद्ध, तर्पण का विशेष महत्व है, क्योंकि पौराणिक मान्यता के अनुसार मघा नक्षत्र के स्वामी स्वयं पितृ होते हैं। कहा जाता है कि जो व्यक्ति मघा नक्षत्र में अपने पितरों का श्राद्ध करता है, उसे श्राद्ध का पुण्य फल शीघ्र प्राप्त होता है, और जातक की कई पीढ़ियों का जीवन सुख संपत्ति से परिपूर्ण होता है।

मघा श्राद्ध कब है? | Magha Shradh Time & Muhurt

  • मघा श्राद्ध 29 सितंबर, रविवार को किया जाएगा।
  • मघा नक्षत्र 29 सितंबर को प्रातः काल 03 बजकर 38 मिनट पर प्रारंभ होगा।
  • मघा नक्षत्र का समापन 30 सितंबर को प्रातः 06 बजकर 19 मिनट पर होगा।
  • कुतुप मुहूर्त दिन में 11 बजकर 24 मिनट से दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।
  • रौहिण मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से 01 बजे तक रहेगा।
  • अपराह्न काल मुहूर्त दोपहर 01 बजे से 03 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।

मघा श्राद्ध कैसे करें? | Magha Shradh Kaise Kare

  • मघा श्राद्ध के दिन स्नान करके पितरों के निमित्त तर्पण करें।
  • इसके बाद किसी ब्राह्मण को बुलाकर पिंडदान और श्राद्धकर्म संपन्न करें।
  • मघा श्राद्ध के दिन गाय, कौवा, कुत्ता, चींटी आदि को भी भोजन का एक-एक अंश दें।
  • इसके बाद आदरपूर्वक ब्राह्मण को भोजन कराएं, और उन्हें दान-दक्षिणा देकर विदा करें।
  • श्राद्ध के दिन जातक को ब्रह्मचर्य नियमों का पालन करना चाहिए।
  • इस दिन भोजन में लहसुन, प्याज जैसी तामसिक चीजों का प्रयोग ना करें, साथ ही मांस-मदिरा का भी सेवन करने से बचें।
  • मघा श्राद्ध के दिन पितरों के निमित्त चंदन की माला, खीर, शहद व केसर का दान करें।
  • श्राद्ध के दिन घर में किसी नई वस्तु की ख़रीददारी व कोई मांगलिक कार्य न करें।
  • इस दिन किसी निर्धन व्यक्ति को अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान दें।
  • श्राद्ध के अंत में पितरों से जाने-अनजाने हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा मांगें, और भगवान से उनके मोक्ष की कामना करें।

मघा श्राद्ध का महत्व | Magha Shradh Ka Mahatav

पितृपक्ष की त्रयोदशी तिथि को मघा नक्षत्र में किए जाने वाले श्राद्ध का विशेष महत्व है। मान्यता है कि मघा नक्षत्र पर स्वयं पितरों का प्रभाव होता है। इस दिन वे श्राद्ध-तर्पण पाने के बाद अपने वंशजों से शीघ्र प्रसन्न होते हैं, और उन्हें पद-प्रतिष्ठा, धन-संपत्ति व वंश वृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

मान्यता है कि मघा श्राद्ध करने से पितृ दोष व पितृ बाधा का भी निवारण होता है। इस दिन किया गया श्राद्ध न केवल श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को शुभ फल प्रदान करता है, बल्कि जिन पितरों के निमित्त यह श्राद्ध किया जाता है, उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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