पितृ दोष निवारण मंत्र (Pitra Dosh Nivaran Mantra)
पितृ दोष हिंदू धर्म में एक ऐसी मान्यता है, जिसके अनुसार पूर्वजों के अपराधों या असंतोष के कारण व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पितृ दोष निवारण के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं, जिनमें मंत्र जाप भी एक महत्वपूर्ण उपाय है।
पितृ दोष मुक्ति के 3 प्रभावशाली मंत्र
पितृ दोष निवारण मंत्र 'ॐ श्री सर्व पितृ देवताभ्यो नमो नम:', ॐ प्रथम पितृ नारायणाय नम:, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, ये सभी मंत्र आपको पितृ दोष से मुक्ति दिलाने में मदद करते हैं और अगर आप इन मंत्रों का विधि-विधान से जाप करते हैं तो पितरों को मोक्ष मिलता है और उनका आशीर्वाद मिलता है।
इस मंत्र का जाप 108 बार करना बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन अगर आप नियमित रूप से इस मंत्र का 11 बार जाप करते हैं तो आपको पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है।
अन्य प्रमुख मंत्र
ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
यह मंत्र पितृ देवताओं को समर्पित है और उनका आशीर्वाद पाने के लिए इसका जाप किया जाता है।
ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।
यह मंत्र देवताओं, पितरों और महायोगियों को समर्पित है। इसका जाप करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।
यह मंत्र पितरों को शिव और शक्ति के स्वरूप में देखकर उनका आवाहन करता है।
मंत्रों का जाप करते समय इन बातों का रखें ध्यान
- मंत्र जाप करते समय शरीर और मन को शुद्ध रखना आवश्यक है।
- सुबह के समय मंत्र जाप करना अधिक फलदायी होता है।
- मंत्र को 108 बार या अधिक बार जाप करना चाहिए।
- मंत्र जाप करते समय एकाग्रचित होकर बैठना चाहिए।
- मंत्र जाप की विधि के बारे में किसी विद्वान ब्राह्मण से मार्गदर्शन लेना चाहिए।
पितृ दोष निवारण के अन्य उपाय
- पितृदोष निवारण के लिए श्राद्ध कर्म करना।
- पितरों का श्राद्ध करने के लिए पंडित को बुलाना।
- पितरों को जल देना।
- गाय को गुड़ खिलाना।
- ब्राह्मणों को भोजन कराना।