विकट नृसिंह कवच
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

विकट नृसिंह कवच

क्या आप जानते हैं विकट नृसिंह कवच का पाठ नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है और भय को दूर करता है? जानें इसकी प्रभावशाली पाठ विधि और लाभ।

विकट नृसिंह कवच के बारे में

जब जीवन के चारों ओर संकट गहराने लगें, दुश्मनों की चालें तीव्र हो जाएं और आत्मबल डगमगाने लगे — तब एकमात्र सहारा होता है भगवान नृसिंह का दिव्य संरक्षण। विकट नृसिंह कवच कोई साधारण स्तुति नहीं, बल्कि यह वह आध्यात्मिक कवच है जो दैवीय शक्ति से आपकी आत्मा, शरीर और मन की रक्षा करता है। चलिए जानते हैं विकट नृसिंह कवच के फायदों के बारे में।

विकट नृसिंह कवच

विकट नृसिंह कवच भगवान नृसिंह देव का एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जो साधक को भय, नकारात्मक शक्तियों, शत्रुओं और सभी प्रकार के संकटों से बचाने में सहायक होता है। यह कवच विशेष रूप से तांत्रिक बाधाओं, अनिष्ट शक्तियों और आकस्मिक दुर्घटनाओं से रक्षा करता है।

विकट नृसिंह कवच श्लोक

॥'नृसिंह कवच'॥

नृसिंह कवचम वक्ष्येऽ प्रह्लादनोदितं पुरा ।

सर्वरक्षाकरं पुण्यं सर्वोपद्रवनाशनं ॥

सर्वसंपत्करं चैव स्वर्गमोक्षप्रदायकम ।

ध्यात्वा नृसिंहं देवेशं हेमसिंहासनस्थितं॥

विवृतास्यं त्रिनयनं शरदिंदुसमप्रभं ।

लक्ष्म्यालिंगितवामांगम विभूतिभिरुपाश्रितं ॥

चतुर्भुजं कोमलांगम स्वर्णकुण्डलशोभितं ।

ऊरोजशोभितोरस्कं रत्नकेयूरमुद्रितं ॥

तप्तकांचनसंकाशं पीतनिर्मलवासनं ।

इंद्रादिसुरमौलिस्थस्फुरन्माणिक्यदीप्तिभि: ॥

विराजितपदद्वंद्वं शंखचक्रादिहेतिभि:।

गरुत्मता च विनयात स्तूयमानं मुदान्वितं ॥

स्वहृतकमलसंवासम कृत्वा तु कवचम पठेत

नृसिंहो मे शिर: पातु लोकरक्षात्मसंभव:।

सर्वगोऽपि स्तंभवास: फालं मे रक्षतु ध्वनन ।

नरसिंहो मे दृशौ पातु सोमसूर्याग्निलोचन: ॥

शृती मे पातु नरहरिर्मुनिवर्यस्तुतिप्रिय: ।

नासां मे सिंहनासास्तु मुखं लक्ष्मिमुखप्रिय: ॥

सर्वविद्याधिप: पातु नृसिंहो रसनां मम ।

वक्त्रं पात्विंदुवदन: सदा प्रह्लादवंदित:॥

नृसिंह: पातु मे कण्ठं स्कंधौ भूभरणांतकृत ।

दिव्यास्त्रशोभितभुजो नृसिंह: पातु मे भुजौ ॥

करौ मे देववरदो नृसिंह: पातु सर्वत: ।

हृदयं योगिसाध्यश्च निवासं पातु मे हरि: ॥

मध्यं पातु हिरण्याक्षवक्ष:कुक्षिविदारण: ।

नाभिं मे पातु नृहरि: स्वनाभिब्रह्मसंस्तुत: ॥

ब्रह्माण्डकोटय: कट्यां यस्यासौ पातु मे कटिं ।

गुह्यं मे पातु गुह्यानां मंत्राणां गुह्यरुपधृत ॥

ऊरु मनोभव: पातु जानुनी नररूपधृत ।

जंघे पातु धराभारहर्ता योऽसौ नृकेसरी ॥

सुरराज्यप्रद: पातु पादौ मे नृहरीश्वर: ।

सहस्रशीर्षा पुरुष: पातु मे सर्वशस्तनुं ॥

महोग्र: पूर्वत: पातु महावीराग्रजोऽग्नित:।

महाविष्णुर्दक्षिणे तु महाज्वालस्तु निर्रुतौ ॥

पश्चिमे पातु सर्वेशो दिशि मे सर्वतोमुख: ।

नृसिंह: पातु वायव्यां सौम्यां भूषणविग्रह: ॥

ईशान्यां पातु भद्रो मे सर्वमंगलदायक: ।

संसारभयद: पातु मृत्यूर्मृत्युर्नृकेसरी ॥

इदं नृसिंहकवचं प्रह्लादमुखमंडितं ।

भक्तिमान्य: पठेन्नित्यं सर्वपापै: प्रमुच्यते ॥

पुत्रवान धनवान लोके दीर्घायुर्उपजायते ।

यंयं कामयते कामं तंतं प्रप्नोत्यसंशयं ॥

सर्वत्र जयवाप्नोति सर्वत्र विजयी भवेत ।

भुम्यंतरिक्षदिवानां ग्रहाणां विनिवारणं ॥

वृश्चिकोरगसंभूतविषापहरणं परं ।

ब्रह्मराक्षसयक्षाणां दूरोत्सारणकारणं ॥

भूर्जे वा तालपत्रे वा कवचं लिखितं शुभं ।

करमूले धृतं येन सिद्ध्येयु: कर्मसिद्धय: ॥

देवासुरमनुष्येशु स्वं स्वमेव जयं लभेत ।

एकसंध्यं त्रिसंध्यं वा य: पठेन्नियतो नर: ॥

सर्वमंगलमांगल्यंभुक्तिं मुक्तिं च विंदति ।

द्वात्रिंशतिसहस्राणि पाठाच्छुद्धात्मभिर्नृभि: ।

कवचस्यास्य मंत्रस्य मंत्रसिद्धि: प्रजायते।

आनेन मंत्रराजेन कृत्वा भस्माभिमंत्रणम ॥

तिलकं बिभृयाद्यस्तु तस्य गृहभयं हरेत।

त्रिवारं जपमानस्तु दत्तं वार्यभिमंत्र्य च ॥

प्राशयेद्यं नरं मंत्रं नृसिंहध्यानमाचरेत ।

तस्य रोगा: प्रणश्यंति ये च स्यु: कुक्षिसंभवा: ॥

किमत्र बहुनोक्तेन नृसिंहसदृशो भवेत ।

मनसा चिंतितं यस्तु स तच्चाऽप्नोत्यसंशयं ॥

गर्जंतं गर्जयंतं निजभुजपटलं स्फोटयंतं

हरंतं दीप्यंतं तापयंतं दिवि भुवि दितिजं क्षेपयंतं रसंतं ।

कृंदंतं रोषयंतं दिशिदिशि सततं संभरंतं हरंतं ।

विक्षंतं घूर्णयंतं करनिकरशतैर्दिव्यसिंहं नमामि ॥

॥ इति प्रह्लादप्रोक्तं नरसिंहकवचं संपूर्णंम ॥

विकट नृसिंह कवच का पाठ करने के लाभ

1.  शत्रु नाशक और सुरक्षा कवच

·        यदि जीवन में शत्रुओं से परेशानी हो, तो यह कवच आपको सुरक्षित रखता है।

·        नृसिंह देव की कृपा से शत्रुओं की बुरी योजनाएँ विफल हो जाती हैं।

·        कोर्ट केस, मुकदमे और कानूनी विवादों में विजय प्राप्त होती है।

2.  भय, नकारात्मक ऊर्जा और तंत्र-मंत्र से रक्षा

·        यह कवच भूत-प्रेत बाधाओं, नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी दृष्टि से बचाव करता है।

·        किसी ने यदि तांत्रिक क्रिया, काला जादू, वशीकरण, मोहन या मारण प्रयोग किया हो, तो यह कवच उसे निष्फल कर देता है।

3.  रोग, दुर्घटनाओं और अकाल मृत्यु से रक्षा

·        गंभीर बीमारियों से बचाव करता है और स्वास्थ्य में सुधार लाता है।

·        अकाल मृत्यु, दुर्घटना, जहर, सर्पदंश, आग और जल से रक्षा करता है।

·        मानसिक तनाव, भय और चिंता को दूर करके आत्मबल बढ़ाता है।

4.  धन, ऐश्वर्य और समृद्धि का मार्ग खोलता है

·        आर्थिक संकट, धन हानि और व्यापार में बाधाओं को दूर करता है।

·        नौकरी और व्यवसाय में तरक्की दिलाता है।

·        नृसिंह देव की कृपा से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

5.  आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष प्राप्ति

·        जो व्यक्ति इस कवच का नित्य पाठ करता है, उसे भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

·        साधना और भक्ति में आने वाली बाधाओं को दूर करता है।

·        यह कवच मुक्ति (मोक्ष) के मार्ग को प्रशस्त करता है।

6. भूमि, संपत्ति और गृह दोष निवारण

·        घर, भूमि या मकान से जुड़े विवादों में सफलता मिलती है।

·        वास्तु दोष और गृह क्लेश को दूर करता है।

·        यदि घर में नकारात्मक ऊर्जा या किसी प्रकार का डर बना रहता है, तो इस कवच का पाठ लाभकारी होता है।

विकट नृसिंह कवच पाठ विधि

1. स्थान और समय का चयन

·        प्रातः ब्रह्ममुहूर्त (4-6 AM) या संध्या समय (6-8 PM) श्रेष्ठ होता है।

·        यदि संभव हो तो किसी शांत, पवित्र और स्वच्छ स्थान पर बैठें।

·        घर के मंदिर या किसी विशेष पूजा स्थल में पाठ करना उत्तम होता है।

·        यदि किसी विशेष अनुष्ठान या सिद्धि के लिए कर रहे हैं तो एकांत स्थान में बैठकर करें।

2. स्नान और शुद्धता

·        पाठ से पहले स्नान करें और स्वच्छ, हल्के (सफेद, पीले या भगवा) वस्त्र पहनें।

·        मन, वचन और शरीर की पवित्रता बनाए रखें।

·        यदि संभव हो तो आसन पर बैठकर पाठ करें (कुश, ऊन या रेशम का आसन उत्तम है)।

3. पूजन सामग्री

·        भगवान नृसिंह की मूर्ति या चित्र

·        दीपक (घी का हो तो उत्तम)

·        धूप/अगरबत्ती

·        पुष्प और अक्षत (चावल)

·        नैवेद्य (मिष्ठान, फल या पंचामृत)

·        जल से भरा हुआ कलश

·        तुलसी पत्र (भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय)

divider
Published by Sri Mandir·April 14, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

Address:

Firstprinciple AppsForBharat Private Limited 435, 1st Floor 17th Cross, 19th Main Rd, above Axis Bank, Sector 4, HSR Layout, Bengaluru, Karnataka 560102

Play StoreApp Store

हमे फॉलो करें

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2025 SriMandir, Inc. All rights reserved.