अचल सप्तमी स्नान मुहूर्त 2025
image
ShareWhatsApp

अचल सप्तमी स्नान मुहूर्त 2025

अचल सप्तमी 2025 के दिन स्नान मुहूर्त का सही समय जानकर सूर्य देव की पूजा करें और अपनी ज़िंदगी में सुख, शांति और समृद्धि लाएँ!

अचल सप्तमी स्नान के बारे में

अचल सप्तमी स्नान का विशेष महत्व हिंदू धर्म में है। यह पर्व माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। इसे रथ सप्तमी या सूर्य सप्तमी भी कहते हैं। इस दिन भगवान सूर्य की आराधना और पवित्र नदी में स्नान का विशेष महत्व होता है।

अचल सप्तमी स्नान मुहूर्त 2025

महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्षों में किया जाता है। 2025 में महाकुंभ कामाघ माह की शुक्ल पक्ष सप्तमी को अचला सप्तमी या रथ सप्तमी कहा जाता है। इस बार अचला सप्तमी महाकुंभ के दौरान पड़ रही है, ऐसे में इस दिन किया स्नान विशेष महत्वपूर्ण होगा। रथ सप्तमी स्नान अरुणोदय काल यानी सूर्योदय से डेढ़ घंटे पहले करना चाहिए। स्नान करने के पश्चात सूर्योदय के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर उनका पूजन करना चाहिये। अचला सप्तमी पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रथ सप्तमी के अवसर पर सूर्यदेव की पूजा करने से ज्ञात, अज्ञात, शाब्दिक, शारीरिक, मानसिक, वर्तमान जन्म तथा पूर्व जन्मों में किये हुये ये सभी सात प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं।

अचला सप्तमी स्नान मुहूर्त

  • अचला सप्तमी 04 फरवरी 2025, मंगलवार को है।
  • रथ सप्तमी के दिन स्नान मुहूर्त 04:56 AM से 06:40 AM तक रहेगा।
  • सप्तमी तिथि 04 फरवरी 2025 को 04:37 AM पर प्रारम्भ होगी।
  • सप्तमी तिथि का समापन 05 फरवरी 2025 को 02:30 एम होगा।

इसका आयोजन प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक किया जाएगा। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करके अपना जीवन धन्य करेंगे।

महाकुंभ में किए गए स्नान, दान और पूजा को मोक्ष प्राप्ति का माध्यम माना गया है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। साथ ही, इस दिन किया गया दान-पुण्य भी विशेष फलदायक होता है। मान्यता है कि इस दिन किए गई स्नान दान से सिर्फ ईश्वर ही नहीं, बल्कि पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।

महाकुंभ पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्यकर्म से निवृत्त हो जाएं।
  • अब अपनी आस्था के अनुसार ईश्वर का ध्यान करें और पवित्र नदी को प्रणाम करें।
  • नदी में प्रवेश से पहले गंगा स्तुति या "ॐ गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिंधु कावेरी जलऽस्मिन सन्निधिं कुरु।।" का जाप करें।
  • अब त्रिवेणी संगम में तीन बार डुबकी लगाएं।
  • स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दें।
  • वस्त्र, भोजन, तिल, चावल, आटा आदि का दान करें।
  • इसके बाद संगम तट पर आरती करें, और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।

महाकुंभ में दान का महत्व

महाकुंभ में दान को असंख्य पुण्य प्रदान करने वाला माना गया है। मान्यता है कि इस अवधि में किया गया दान न केवल इस जन्म में, बल्कि अगले जन्म में भी शुभ फल प्रदान करता है। इस दिन किए गए दान से जातक को जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है, पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है, और ग्रह दोष समाप्त होते हैं। ध्यान रहे कि दान हमेशा श्रद्धा और निःस्वार्थ भाव से करें।

महाकुंभ में दान की विधि

  • आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति के लिए चावल का दान करें।
  • दरिद्रता को समाप्त करने के लिए वस्त्र दान करें।
  • पितृ दोष से छुटकारा दिलाने और ग्रह दोषों को शांत करने के लिए तिल का दान करें।
  • अन्न के अभाव से बचने और समृद्धि लाने के लिए आटा का दान करें।

तो यह थी अचला सप्तमी स्नान से जुड़ी विशेष जानकारी। महाकुंभ 2025 के विशेष दिनों के बारे में अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहिए ‘श्री मंदिर’ पर।

divider
Published by Sri Mandir·January 3, 2025

Did you like this article?

आपके लिए लोकप्रिय लेख

और पढ़ेंright_arrow
Card Image

प्रयागराज कुंभ मेले में कैसे पहुंचे 2025 में

प्रयागराज कुंभ मेले में कैसे पहुंचे? यात्रा की जानकारी, मार्गदर्शन, ट्रेन, बस और हवाई यात्रा के विकल्प जानें। कुंभ मेले की पूरी यात्रा योजना बनाएं।

right_arrow
Card Image

कुम्भ मेला की सुरक्षा व्यवस्था कैसी हैं?

कुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था कैसी है? जानिए मेले में पुलिस, स्वास्थ्य सेवाएं, आपातकालीन प्रबंधन और यातायात नियंत्रण से जुड़ी पूरी जानकारी।

right_arrow
Card Image

कुम्भ मेला हेल्प लाइन उपाय/कुम्भ मेला में खो जाएं तो क्या करें?

कुंभ मेले में खो जाएं तो क्या करें? जानें हेल्पलाइन नंबर, गुमशुदा केंद्र और सहायता सेवाओं की जानकारी, ताकि आपकी यात्रा सुरक्षित और सुविधाजनक बने।

right_arrow
srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

Play StoreApp Store

हमे फॉलो करें

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2025 SriMandir, Inc. All rights reserved.