माता कात्यायनी की आरती
माता दुर्गा का छठा स्वरूप मां कात्यायनी का होता है। पुराणों के अनुसार इनके पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है व दुश्मनों का संहार करने में ये सक्षम बनाती हैं। इनकी आरती गोधूलि बेला में करना अधिक लाभदायक मानी गई है।
ॐ जय कात्यायनी माँ…
मैया ॐ जय कात्यायनी माँ
पूजन माँ तेरे करते
पूजन माँ तेरे करते
दया माँ नित करना
ॐ जय कात्यायनी माँ
उमा, पार्वती, गौरी
दुर्गा तुम ही हो माँ
दुर्गा तुम ही हो माँ
चार भुजाधारी माँ
चार भुजाधारी माँ
गावें जन महिमा
ॐ जय कात्यायनी माँ
महिषासुर को मारा
देवों का अभय दिया
मैया देवों का अभय दिया
आया जो तुम्हरी शरण माँ
आया जो तुम्हरी शरण माँ
कष्टों से मुक्त हुआ
ॐ जय कात्यायनी माँ
शेर सवारी तुम्हारी
कमल खड्ग सोहे
मैया कमल खड्ग सोहे
अभयदान माँ देती
अभयदान माँ देती
छवि अति मन मोहे
ॐ जय कात्यायनी माँ
ब्रह्म स्वरूप माता
दोषों से मुक्त करो
मैया दोषों से मुक्त करो
दुर्गुण हर लो माता
दुर्गुण हर दो माता
भक्तों पे कृपा करो
ॐ जय कात्यायनी माँ
छठवें नवराते में
पूजे जन माता
मैया पूजे जन माता
गोधूलि बेला जे पावन
गोधूलि बेला जे पावन
ध्यावे जे सुख पाता
ॐ जय कात्यायनी माँ
हम अज्ञानी मैया
ज्ञान प्रदान करो
मैया ज्ञान प्रदान करो
कब से तुम्हें पुकारें
कब से तुम्हें पुकारें
माता दर्शन दो
ॐ जय कात्यायनी माँ
सर्व देव तुम्हें ध्याते
नमन करे सृष्टि
मैया नमन करे सृष्टि
हम भी करें गुणगान
हम भी करें गुणगान
कर दो माँ सुख वृष्टि
ॐ जय कात्यायनी माँ
कात्यायनी मैया की
आरती नित गाओ
आरती नित गाओ
भरेगी माँ भंडारे
भरेगी माँ भंडारे
चरणों में नित आओ
ॐ जय कात्यायनी माँ
ॐ जय कात्यायनी माँ
मैया जय कात्यायनी माँ
पूजन माँ तेरे करते
पूजन माँ तेरे करते
दया माँ नित करना
ॐ जय कात्यायनी माँ
नवरात्रि के दिनों में माता की विशेष रूप से आरती करने से इंसान को धन लाभ, वैभव, शांति और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है और इंसान को ज्ञान की भी प्राप्ति होती है, जो कि सफलता का आधार है। बोलो माता कात्यायनी की जय।