माँ कूष्मांडा की आरती | Maa Kushmanda Aarti Lyrics in Hindi

माँ कूष्मांडा की आरती

माँ कूष्मांडा को ब्रह्मांड की सृजनकर्ता माना जाता है। उनकी आरती करने से भक्तों को मानसिक शांति, सुख और आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है


माँ कूष्मांडा की आरती | Maa Kushmanda Aarti

मां दुर्गा का चौथा रूप मां कुष्मांडा का है जो कि शक्ति को प्रदर्शित करता है इसलिए उन्हें आदिशक्ति और आदि स्वरूपा के नाम से भी जाना जाता है। कथाओं के अनुसार अपनी मंद मुस्कान से देवी कुष्मांडा ने इस ब्रह्मांड को रचा था। मां कुष्मांडा अपने भक्तों के सभी दुखों को हरती हैं तथा उनके जीवन में सुख समृद्धि का वास करती हैं। कहा जाता है कि दुखों को दूर करने के लिए मां कुष्मांडा की आरती अवश्य करना चाहिए।

कूष्मांडा माँ की आरती | Kushmanda Maa Aarti Lyrics

ॐ जय कूष्मांडा माँ
मैया जय कूष्मांडा माँ
शरण तिहारी आए
शरण तिहारी आए
कर दो माता दया
जय जय कूष्मांडा माँ

ॐ जय कूष्मांडा माँ
मैया जय कूष्मांडा माँ
शरण तिहारी आए
शरण तिहारी आए
कर दो माता दया
ॐ जय कूष्मांडा माँ

अष्टभुजा जय देवी
आदिशक्ति तुम माँ
मैया आदिशक्ति तुम माँ
आदि स्वरूपा मैया
आदि स्वरूपा मैया
जग तुमसे चलता
ॐ जय कूष्मांडा माँ

चतुर्थ नवरात्रों में
भक्त करे गुणगान
मैया भक्त करे गुणगान
स्थिर मन से माँ की
स्थिर मन से माँ की
करो पूजा और ध्यान
ॐ जय कूष्मांडा माँ

सच्चे मन से जो भी
करे स्तुति गुणगान
मैया करे स्तुति गुणगान
सुख समृद्धि पावे
सुख समृद्धि पावे
माँ करे भक्ति दान
ॐ जय कूष्मांडा माँ

शेर है माँ की सवारी
कमंडल अति न्यारा
मैया कमंडल अति न्यारा
चक्र पुष्प गले माला
चक्र पुष्प गले माला
माँ से उजियारा
ॐ जय कूष्मांडा माँ

ब्रह्माण्ड निवासिनी
ब्रह्मा वेद कहे
मैया ब्रह्मा वेद कहे
दास बनी है दुनिया
दास बनी है दुनिया
माँ से करुणा बहे
ॐ जय कूष्मांडा माँ

पाप ताप मिटता है
दोष ना रह जाता
मैया दोष ना रह जाता
जो माता में रमता
जो माता में रमता
निश्चित फल पाता
ॐ जय कूष्मांडा माँ

अष्ट सिद्धियां माता
भक्तों को दान करें
मैया भक्तों को दान करें
व्याधि मैया हरती
व्याधि मैया हरती
सुखों से पूर्ण करे
ॐ जय कूष्मांडा माँ

कुष्मांडा माता की
आरती नित गाओ
आरती नित गाओ
माँ करेगी सब संभव
माँ करेगी सब संभव
चरण सदा ध्याओ
ॐ जय कूष्मांडा माँ

ॐ जय कूष्मांडा माँ
मैया जय कूष्मांडा माँ
शरण तिहारी आए
शरण तिहारी आए
कर दो माता दया
जय जय कूष्मांडा माँ

ॐ जय कूष्मांडा माँ
मैया जय कूष्मांडा माँ
शरण तिहारी आए
शरण तिहारी आए
कर दो माता दया
जय जय कूष्मांडा माँ

ॐ जय कूष्मांडा माँ
मैया जय कूष्मांडा माँ
शरण तिहारी आए
शरण तिहारी आए
कर दो माता दया
जय जय कूष्मांडा माँ

मां कुष्मांडा का स्वरूप तेज से परिपूर्ण है, उनके हाथ में कमल, माला, धनुष, बाण, गदा, चक्र, मंडल और अमृत है। कहा जाता है, कि मां कुष्मांडा की पूजा करते समय आरती, मंत्र,‌ कथा और भोग पर अवश्य ध्यान देना चाहिए।

मां कूष्मांडा की आरती से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQs)

प्रश्न: माँ कूष्मांडा कौन हैं?

उत्तर: दुर्गा माँ के सोलह रूपों में से ही एक रूप माँ कूष्मांडा का है। माँ कूष्मांडा को ब्रह्मांड की सृजनकर्ता के रूप में जाना जाता है। माँ कूष्मांडा की पूजा करने से भक्तों को ज्ञान, सौभाग्य, स्वास्थ्य और सुरक्षा की प्राप्त होती है।

प्रश्न: माँ कूष्मांडा की आरती कब और कैसे की जाती है?

उत्तर: नवरात्रि के दौरान माँ कूष्मांडा की आरती विशेष रूप से चौथे दिन की जाती है। सुबह व शाम के समय पूजा के दौरान पूजा स्थल पर दीप, अगरबत्ती, फूल और नैवेद्य के साथ आरती गाई जाती है। भक्त सच्चे और साफ मन से आरती करने के दौरान दीपक घुमाकर देवी की महिमा का गुणगान भी करते हैं।

प्रश्न: माँ कूष्मांडा की आरती के लिए क्या विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है?

उत्तर: नवरात्रि के दौरान भक्त व्रत या उपवास करते हैं और पूजा का आयोजन करते हैं। ध्यान रखें कि माँ कूष्मांडा की आरती के लिए दीपक, अगरबत्ती, फूल, नैवेद्य, लाल वस्त्र, और प्रसाद की आवश्यकता होती है। साथ ही माँ कूष्मांडा की मूर्ति या तस्वीर और आरती की थाली अवश्य रखें।

प्रश्न: क्या माँ कूष्मांडा की आरती करने के अन्य तरीके भी हैं?

उत्तर: अगर आप अपने दैनिक कार्यों में बहुत व्यस्त है तो भी आप कई अन्य तरह से माँ कूष्मांडा की आरती कर सकते हैं। वैसे तो भक्तों को अपने घर पर ही पूजा स्थल स्थापित करके या मंदिर में जाकर आरती करना चाहिए लेकिन इसके अलावा भी आप, ऑनलाइन आरती के वीडियो या ऑडियो माध्यम से भी आरती का अनुसरण कर सकते हैं।

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