माँ चंद्रघंटा की आरती का पाठ करने से जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति की प्राप्ति होती है।
माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम माता चंद्रघंटा है। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि आरती करने से व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं और व्यक्ति को सुखों की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि मां चंद्रघंटा पापों का नाश और राक्षसों का वध करती हैं। यहां पढ़ें माता चंद्रघंटा की आरती।
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
मैया जय चंद्रघंटा माँ
सर्वजगत की स्वामिनी
सर्वजगत की स्वामिनी
कृपा सदा करना
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
अर्ध-चंद्रमा माथे पर
रूप अति सुन्दर
मैया रूप अति सुन्दर
गृह गृह तुम्हारी पूजा
गृह गृह तुम्हारी पूजा
पूजत नारी नर
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
तृतीय नव रातों में
माँ का ध्यान करो
मैया माँ का ध्यान करो
माँ से ममता पाओ
माँ से ममता पाओ
जय जयकारा करो
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
दस भुज धारिणी मैया
असुरों का नाश करे
मैया असुरों का नाश करे
मोक्ष भक्त को दे माँ
मोक्ष भक्त को दे माँ
विपदा नित माँ हरे
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
खड्ग खप्पर धारिणी
जगजननी है माँ
जगजननी है माँ
दिव्य करे साधक को
दिव्य करे साधक को
देती माँ करुणा
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
कल्याणकारिणी मैया
दुखों का नाश करे
मैया दुखों का नाश करे
मंगल मंगल नित हो
मंगल मंगल नित हो
माँ की जो पूजा करे
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
अनुपम रूप माँ
धर्म सदा ही बढे
मैया धर्म सदा ही बढे
काज सफल करो माता
काज सफल करो माता
द्वारे तेरे खड़े
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
श्रद्धा पुष्प माता को
नित अर्पण करो
मैया नित अर्पण करो
माँ के ध्यान में रमकर
माँ के ध्यान में रमकर
जीवन सफल करो
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
चंद्रघंटा माता की
आरती नित गाओ
आरती नित गाओ
कामना पूरी होगी
कामना पूरी होगी
माँ की शरण आओ
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
मैया जय चंद्रघंटा माँ
सर्वजगत की स्वामिनी
सर्वजगत की स्वामिनी
कृपा सदा करना
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
मैया जय चंद्रघंटा माँ
सर्वजगत की स्वामिनी
सर्वजगत की स्वामिनी
कृपा सदा करना
ॐ जय चंद्रघंटा माँ
चंद्रघंटा माता की आरती जय माँ चन्द्रघण्टा हृदय में भक्ति भाव जगाने वाली तथा माता को प्रसन्न करने वाली है। मां दुष्टों का दमन और उन्हें नष्ट करने के लिए हमेशा तैयार हैं। साथ ही वे सदैव अपने भक्तों की रक्षा में भी तत्पर हैं।
उत्तर: नवरात्रि के दौरान यदि उपासक सच्चे मन से माँ चंद्रघंटा की आरती करता है तो उपासक को माँ की कृपा से साहस, शांति, और मानसिक शक्ति प्राप्त होती है। इस आरती के पाठ से उपासक का डर दूर होता है, शत्रुओं और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
उत्तर: सच्चे मन से भगवान की आराधना करने से भक्त को सदैव लाभ मिलता है। माँ चंद्रघंटा की आरती करने से भक्त को सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भक्त की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
उत्तर: कई बार भक्त अपने देवी देवताओं की पूजा करते हैं लेकिन उन्हें उसका उचित फल नहीं मिलता है। इसका प्रमुख कारण है पूजा सही तरीके से न करना। इसलिए भक्त को पूजा और आरती का सही तरीका पता होना चाहिए। माँ चंद्रघंटा की आरती करते समय भी एक दीपक या मोमबत्ती जलाकर, मां चंद्रघंटा की तस्वीर के सामने खड़े होकर प्रेम और भक्ति से इस आरती का पाठ करें।
उत्तर: भक्त को माँ की आरती के बाद, माँ के चरणों में प्रणाम करना चाहिए और भोग लगाये हुए प्रसाद का वितरण करना चाहिए। दान दक्षिणा जैसे काम भी संभव हो तो ज़रूर करें।
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