माँ कालरात्रि की आरती

माँ कालरात्रि की आरती

नवरात्रि सातवां दिन


माँ कालरात्रि की आरती

माँ दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। दुर्गापूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। देवी कालात्रि को व्यापक रूप से माता देवी - काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृित्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई रूपों में से एक माना जाता है। माता की आरती करने पर काल पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है। यहां माता कालरात्रि की आरती दी गई है।

ॐ जय जय कालरात्रि
मैया ॐ जय जय कालरात्रि
दुष्टों की संहारिणी
दुष्टों की संहारिणी
सुखों की माँ दात्री
ॐ जय जय कालरात्रि

ॐ जय जय कालरात्रि
मैया ॐ जय जय कालरात्रि
दुष्टों की संहारिणी
दुष्टों की संहारिणी
सुखों की माँ दात्री
ॐ जय जय कालरात्रि

रूप भयंकर माँ का
दुष्ट सदा काँपे
मैया दुष्ट सदा काँपे
भक्त सदा हर्षावे
भक्त सदा हर्षावे
रिद्धि सिद्धि पाते
ॐ जय जय कालरात्रि

महामाई हो जग की
दयामयी हो माँ
मैया दयामयी हो माँ
भैरवी भद्रकाली
भैरवी भद्रकाली
चामुंडा कई नाम
ॐ जय जय कालरात्रि

सप्तम नवराते में
साधक करता ध्यान
मैया साधक करता ध्यान
सिद्धियाँ भक्ता पावे
सिद्धियाँ भक्ता पावे
मिटता हर अज्ञान
ॐ जय जय कालरात्रि

खड्गधारिणी मैया
वरमुद्राधारी
मैया वरमुद्राधारी
सृष्टि करे नित आरती
सृष्टि करे नित आरती
गुण गावे नर नारी
ॐ जय जय कालरात्रि

सर्वजगत हे मैया
तुमसे प्रकाशित है
मैया तुमसे प्रकाशित है
कर दो कृपा हे मैया
कर दो कृपा हे मैया
हम सब याचक हैं
ॐ जय जय कालरात्रि

भूत प्रेत डर जावे
जब तुम हो आती
मैया जब तुम हो आती
शत्रु डर न सतावे
शत्रु डर न सतावे
करुणा माँ बरसाती
ॐ जय जय कालरात्रि

गर्द्भव सवारी साजे
दू दुख दूर करें
मैया दू दुख दूर करें
निर्बल शक्ति पावे
निर्बल शक्ति पावे
भय से मुक्त करें
ॐ जय जय कालरात्रि

मातु कालरात्रि की
आरती जो गावे
मैया आरती जो गावे
शक्ति भक्ति नित पावे
शक्ति भक्ति नित पावे
डर न निकट आवे
ॐ जय जय कालरात्रि

ॐ जय जय कालरात्रि
मैया ॐ जय जय कालरात्रि
दुष्टों की संहारिणी
दुष्टों की संहारिणी
सुखों की माँ दात्री
ॐ जय जय कालरात्रि

ॐ जय जय कालरात्रि
मैया ॐ जय जय कालरात्रि
दुष्टों की संहारिणी
दुष्टों की संहारिणी
सुखों की माँ दात्री
ॐ जय जय कालरात्रि

नवरात्रि के सातवें दिन मां के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना की जाती है। मां के बाल लंबे और बिखरे हुए हैं। मां के गले में माला है जो बिजली की तरह चमकते रहती है। मां कालरात्रि के चार हाथ हैं। मां के हाथों में खड्ग, लौह शस्त्र, वरमुद्रा और अभय मुद्रा है। बोलो माता कालरात्रि की जय।

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