माँ महागौरी की आरती का पाठ करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम माता महागौरी है। दुर्गापूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है। माता की आरती से भक्तों को सभी पाप धुल जाते हैं, पूर्वसंचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं। भविष्य में पाप-संताप, दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं जाते।
ॐ जय जय महागौरी
मैया ॐ जय जय महागौरी
निशदिन ध्यावत तुमको
निशदिन ध्यावत तुमको
ऋषि मुनि नर शिव जी
ॐ जय जय महागौरी
ॐ जय जय महागौरी
मैया ॐ जय जय महागौरी
निशदिन ध्यावत तुमको
निशदिन ध्यावत तुमको
ऋषि मुनि नर शिव जी
ॐ जय जय महागौरी
डमरू त्रिशूलधारिणी
पापों का नाश करें
मैया पापों का नाश करें
वृषभ वाहन पे विराजे
वृषभ वाहन पे विराजे
माँ कल्याण करे
ॐ जय जय महागौरी
श्वेत वस्त्र माता का
छवि है मनभावन
मैया छवि है मनभावन
सांचे मन से पुकारो
सांचे मन से पुकारो
माँ देगी दर्शन
ॐ जय जय महागौरी
गौर वर्ण मैया का
साधक रहे प्रसन्न
मैया साधक रहे प्रसन्न
श्रद्धा पुष्प चढ़ाओ
श्रद्धा पुष्प चढ़ाओ
पावन कर लो मन
ॐ जय जय महागौरी
अष्टमी नवराते में
पूजा माँ की करो
पूजा माँ की करो
माँ विपदा है मिटाती
माँ विपदा है मिटाती
माँ का ध्यान धरो
ॐ जय जय महागौरी
अवतार लियो दक्ष ग्रीह
लीला निराली की
मैया लीला निराली की
शिव वैरागी खोये
शिव वैरागी खोये
मोहिनी थी डारी
ॐ जय जय महागौरी
शरणागत की रक्षक
मात भवानी तुम
माता भवानी तुम
सुन लो माता अरज तुम
सुन लो माता अरज तुम
द्वार आये तेरे हम
ॐ जय जय महागौरी
मंदिर में माँ तेरे
सदा ही सुख बरसे
मैया सदा ही सुख बरसे
अन्न धन सब माँ पावे
अन्न धन सब माँ पावे
अपूर्ण नर न रहे
ॐ जय जय महागौरी
माँ महागौरी की आरती
जो नर नित गावे
मैया जो नर नित गावे
भाव सिंधु से तरे वो
भाव सिंधु से तरे वो
व्याधि मिट जावे
ॐ जय जय महागौरी
ॐ जय जय महागौरी
मैया ॐ जय जय महागौरी
निशदिन ध्यावत तुमको
निशदिन ध्यावत तुमको
ऋषि मुनि नर शिव जी
ॐ जय जय महागौरी
ॐ जय जय महागौरी
मैया ॐ जय जय महागौरी
निशदिन ध्यावत तुमको
निशदिन ध्यावत तुमको
ऋषि मुनि नर शिव जी
ॐ जय जय महागौरी
नवरात्रि की अष्टमी को मां महागौरी की आरती की जाती है। मान्यता है कि मां महागौरी की विधि-विधान से आरती करने वाले भक्तों के बिगड़े काम बन जाते हैं। माता महागौरी की पूजा में आरती और मंत्र का विशेष महत्व है।
उत्तर: नवरात्रि के आठवें दिन माँ महागौरी की आरती विशेष रूप से की जाती है, लेकिन उपासक इस आरती को किसी भी समय माँ की कृपा पाने के लिए कर सकते हैं।
उत्तर: माँ महागौरी की आरती अगर कोई उपासक सच्चे मन से करता है तो उपासक को सुख, समृद्धि, शांति, और कष्टों से मुक्ति मिलती है साथ ही इस आरती के पाठ से जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है
उत्तर: माँ महागौरी की विधिवत पूजा करते समय आपको सफेद फूल, नारियल, कुमकुम, हल्दी, और चंदन की ज़रुरत होती है। आरती के दौरान दीपक और अगरबत्ती जलाने की भी परंपरा है।
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अम्बे गौरी की आरती एक भक्तिपूर्ण स्तुति है, जो देवी दुर्गा के शक्ति स्वरूप को समर्पित है। यह आरती देवी गौरी (माँ पार्वती) की महिमा का गुणगान करती है और उनके भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है।
शैलपुत्री माता की आरती: देवी दुर्गा के प्रथम स्वरूप की आराधना के लिए विशेष आरती का पाठ करें। शैलपुत्री माता का आशीर्वाद पाकर पाएं सुख, समृद्धि और शांति।
माँ ब्रह्मचारिणी देवी नवरात्रि के दूसरे दिन की अधिष्ठात्री हैं, जो तप और धैर्य का प्रतीक मानी जाती हैं। उनकी पूजा से साधक को संयम, साहस, और दृढ़ संकल्प की प्राप्ति होती है। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से व्यक्ति को आत्मशक्ति और सफलता का आशीर्वाद मिलता है।