Navratri Me Kya Nahi Khana Chahiye | नवरात्रि में क्या नहीं खाना चाहिए?

नवरात्रि में क्या नहीं खाना चाहिए?

जानें नवरात्रि व्रत के दौरान किन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए


नवरात्रि में क्या नहीं खाना चाहिए? | Navratri Me Kya Nahi Khana Chahiye

नवरात्रि भक्तों की आस्था के साथ उनके समर्पण एवं संयम का भी प्रतीक होती है। इस दौरान भक्त माता की आराधना में पूर्णतः लीन हो जाते हैं, और अपने भक्तिभाव को प्रकट करने के लिए पूजा एवं व्रत भी करते हैं। व्रत करने वाले लोगों के मन में इस दौरान खाने-पीने को लेकर कई प्रकार की शंकाएं होती हैं, जिन्हें दूर करने के लिए हम आपके लिए यह खास जानकारी लेकर आए हैं।

अगर आप भी नवरात्रि में माता की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखना चाहते हैं, तो उससे पहले यह ज़रूरी है कि आप इन बेहद महत्वपूर्ण बातों को जान लें-

  • व्रत में कितनी बार खाना होता है?
  • कब खाना होता है?
  • क्या खाना होता है और क्या नहीं?
  • खाने के नियम क्या हैं?
  • किन चीज़ों का परहेज करना चाहिए?
  • प्याज़ लहसुन क्यों नहीं खाया जाता है?

नवरात्रि में उपवास में क्या खाना चाहिए? | Navratri Me Kya Khana Chahiye

  • कुछ लोग इस व्रत में एक समय फलाहार और एक समय अन्न ग्रहण कर लेते हैं।
  • कुछ भक्त व्रत में 9 दिनों तक या जितने भी दिन व्रत रख रहे हैं, उसमें केवल फलाहार ग्रहण करते हैं।
  • वहीं कुछ लोग पूरे 9 दिन केवल 1 या 2 जोड़ा लौंग एवं इलायची का सेवन करते हैं और जल पीते हैं। यह विधि सबसे कठिन होती है।

आज हम उस व्रत के बारे में बात करेंगे जिसमें केवल सात्विक भोजन ग्रहण किया जाता है और अनाज का त्याग कर दिया जाता है।

व्रत में कितनी बार भोजन ग्रहण करना चाहिए?

कुछ भक्त व्रत में केवल एक बार खाते हैं, कुछ दो बार और कुछ इससे भी अधिक। लेकिन व्रत आपके आत्म संयम का प्रतीक होता है, इसलिए आपको बार-बार अपना मुंह जूठा नहीं करना चाहिए। आप खाने का समय निर्धारित कर लें और उसी समय फलाहार ग्रहण करें।

व्रत में कब खाना चाहिए?

अगर बात करें कि व्रत में कब खाना चाहिए तो आप सुबह नहाने और पूजा करने के पश्चात् चाय और फलाहार ग्रहण कर सकते हैं और शाम में भी पूजा के बाद फलाहार खा सकते हैं।

क्या खा सकते हैं और क्या नहीं?

व्रत के समय लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है कि व्रत में वह किन चीज़ों का सेवन कर सकते हैं, तो जानते हैं कि आप व्रत में क्या खा सकते हैं और क्या नहीं-

नवरात्रि के 9 दिन केवल सात्विक भोजन ही करना चाहिए। यह भोजन शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इससे हमारा पाचन तंत्र भी ठीक रहता है, साथ ही मन और शरीर भी संतुलित रहता है। नियमित रूप से सात्विक भोजन के सेवन से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।

यह तो हम सभी जानते हैं कि व्रत में सादा नमक नहीं खाया जाता है, व्रत के भोजन में केवल सेंधा नमक का प्रयोग करें। आप व्रत के दौरान फलों का सेवन कर सकते हैं, ताज़े फलों का जूस पी सकते हैं, दूध पी सकते हैं और उससे बनी हुई चीज़ें जैसे दही, छाछ, लस्सी और मावे का सेवन भी कर सकते हैं।

कौन सा आटा और चावल खा सकते हैं?

व्रत में अनाज खाना पूरी तरह वर्जित होता है, इसमें केवल फल से बने आटे जैसे कि सिंघाड़े और कुट्टु के आटे का सेवन किया जा सकता है। आमतौर पर, लोग इसकी पूड़ी या पकोड़ी बनाकर खाते हैं। इसके अलावा समा या सामक के चावल का सेवन किया जाता सकता है, इन्हें उपवास के चावल के नाम से भी जाना जाता है।

कौन सी सब्ज़ियां खा सकते हैं?

व्रत में सात्विक तरह से बनाई गई सब्ज़ियों को भी खा सकते हैं, हालांकि व्रत में केवल कुछ ही सब्ज़ियां खाई जाती हैं। इनमें आलू, शकरकंद, अरबी, गाजर, कच्चा केला, लौकी, टमाटर, ककड़ी, खीरा, हरा धनिया जैसी सब्ज़ियां शामिल हैं। इन्हें खाने से आपको ऊर्जा मिलती है और पाचन भी ठीक रहता है।

खाने में किस तेल का प्रयोग करें?

अगर बात करें, कि व्रत का भोजन बनाने के लिए किस तेल का प्रयोग करना चाहिए तो सबसे बेहतर रहेगा अगर आप खाना शुद्ध घी में बनाएं। अगर ऐसा संभव नहीं है तो सूरजमुखी का तेल, मूंगफली का तेल या नारियल के शुद्ध तेल का प्रयोग भी कर सकते हैं। यह ध्यान रखें कि सरसों के तेल का सेवन बिल्कुल न करें।

कौन से मसाले खाए जा सकते हैं?

मसाले खाने का अभिन्न हिस्सा होते हैं, लेकिन व्रत में सभी मसालों का उपयोग नहीं किया जा सकता। व्रत का खाना बनाते वक्त जीरा, काली मिर्च, काली मिर्च पाउडर, लौंग, इलायची और दालचीनी जैसे मसालों का प्रयोग किया जा सकता है।

चाय और कॉफी का सेवन कर सकते हैं या नहीं?

व्रत में चाय पी जा सकती है, हालांकि कॉफी को लेकर कई लोगों के मन में संदेह होता है, आप कॉफी ले सकते हैं, अगर उसमें केवल 100 प्रतिशत कॉफी बीन्स का इस्तेमाल किया गया है।

और क्या-क्या खा सकते हैं?

  • हल्के नाश्ते के लिए आप मखाने और मूंगफली घी में रोस्ट कर सकते हैं और उसे खा सकते हैं। मखाने सेहत के लिए काफी लाभदायक भी होते हैं।

  • साबूदाना और उससे बनने वाली खीर व खिचड़ी को भी व्रत में खाने के लिए उपयुक्त माना गया है। इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है।

  • इसके अलावा व्रत में सूखे मेवों का सेवन भी काफी फायदेमंद होता है, क्योंकि यह बेहद पौष्टिक होते हैं।

आपको बता दें कि विभिन्न जगहों पर विभिन्न परंपराओं के हिसाब से भी व्रत में खाना खाया जाता है। तो आप उस आधार पर भी यह निर्धारित कर सकते हैं कि आपको व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

व्रत के महत्वपूर्ण नियम:**

यह तो हमने जान लिया कि व्रत में किन-किन चीज़ों का सेवन किया जा सकते हैं, अब इससे जुड़े हुए कुछ नियमों के बारे में भी जान लेते हैं-

  • व्रत में शुद्धता काफी महत्वपूर्ण हाती है, इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए और साफ शुद्ध भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
  • व्रत का भोजन बनाने से पहले किचन को अच्छे से साफ कर लेना चाहिए।
  • व्रत में नहाने और पूजा करने के बाद ही कुछ ग्रहण करना चाहिए। कुछ लोगों को प्रातः उठकर चाय पीने की आदत होती है, व्रत में ऐसा नहीं करना चाहिए।
  • भोजन ग्रहण करने से पहले हाथ जोड़कर देवी जी का ध्यान करना चाहिए।
  • आजकल लोग व्रत में पैकेज्ड जूस और अन्य खाने की चीज़ों का सेवन भी कर लेते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि उसमें कई प्रेज़रवेटिव मिले होते हैं और उनकी शुद्धता की कोई जानकारी हमारे पास उपलब्ध नहीं होती। इसलिए आप कोशिश करें कि व्रत का खाना घर पर ही बनाएं।
  • व्रत में आप खाने के बाद कुल्ला अवश्य करें, जिससे आपका मुंह पूरे दिन जूठा न रहे।

किन चीज़ों का करें परहेज?

तो यह थे व्रत के कुछ नियम, इस दौरान स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना भी काफी महत्वपूर्ण होता है। इसलिए व्रत में ऐसी चीज़ों से परहेज करें, जिससे आपको एसिडिटी या कोई भी अन्य समस्या हो जाए। इसके लिए आप ज़्यादा तली हुई चीज़ें न खाएं। घी, आलू, तेल और सूखे मेवे जैसी चीज़ों का सेवन संतुलित मात्रा में करें। पानी पीते रहे।

क्यों नहीं खाया जाता है प्याज और लहसुन?

इसके अलावा लोगों के मन में यह प्रश्न अक्सर उठता है किसी भी व्रत के प्रसाद या फलाहार में प्याज और लहसुन का प्रयोग क्यों नहीं किया जाता। चलिए इसके बारे में भी जान लेते हैं।

प्याज और लहसुन को राजसिक और तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इनके सेवन से तमस प्रकृति और वासना में वृद्धि होती है और नवरात्रि के व्रत मन की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अहम माना गया है। इस कारण नवरात्रि या किसी भी धार्मिक कार्य में प्याज़ और लहसुन का उपयोग नहीं किया जाता।

तो यह थी व्रत में खाने से जुड़ी हुई महत्वपूर्ण बातें, आशा करते हैं यह जानकारी आपके व्रत में काम आएगी। लगातार हमारी कोशिश आपकी नवरात्रि को अधिक मंगलमय बनाने की है, इसलिए आप हमसे जुड़े रहें।

जय माता दी

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