नवरात्रि में माता को प्रसन्न कैसे करें: उपाय और विधि

नवरात्रि में माता को प्रसन्न कैसे करें?

जानें सच्चे मन से पूजा, व्रत, मंत्र जप, और भक्ति से माता दुर्गा की कृपा पाने के सरल और प्रभावी उपाय


नवरात्रि में माता को प्रसन्न करने के 9 उपाय

नवरात्र माँ आदिशक्ति को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा अवसर है और हम नहीं चाहते कि आप किसी भी तरह से इस अवसर को अपने हाथ से जाने दें। इसीलिए इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कैसे सिर्फ 9 सरल उपायों के द्वारा आप माता रानी को प्रसन्न करके अपना जीवन सुखमय बना सकते हैं। यह लेख अंत तक अवश्य पढ़ें और पाएं माँ अम्बे का आशीर्वाद।

इस शारदीय नवरात्र में आप माँ दुर्गा की सम्पूर्ण कृपा के भागी बनें, इसी आशा के साथ श्रीमंदिर आपके समक्ष यह लेख लेकर आया है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे नौ कार्य, जिनके द्वारा आप शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर माँ भगवती को प्रसन्न कर सकते हैं। तो चलिए माँ का नाम लेकर शुरू करते हैं - बोल अम्बे मात की जय!

आप सभी भक्तगण इस बात से भलीभांति परिचित हैं, कि एक माँ को प्रसन्न करने के लिए उनकी निःस्वार्थ भाव से की गई सेवा ही काफी है। और माँ दुर्गा तो समस्त सृष्टि की माता है। वे जननी हैं, शक्ति हैं, और निराकार रूप से हम सभी में विद्यमान हैं। इसीलिए माँ दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए जो नौ प्रयत्न आपको करने है उनमें आपकी पूर्ण श्रद्धा और आस्था निहित होनी चाहिए। आइये आगे बढ़ते हैं -

नवरात्रि में माता को प्रसन्न कैसे करें

1. दैनिक व्रत - नवरात्र में माता की साधना का सबसे अच्छा उपाय नौ दिनों तक किया गया दैनिक व्रत है। यह व्रत आपको नौ दिनों तक माँ दुर्गा का अनायास ही स्मरण करवाएगा। चूँकि व्रत खुद पर संयम रखने का श्रेष्ठ तरीका है, इसीलिए नवरात्र में आप अपनी क्षमतानुसार एक समय भोजन कर सकते हैं। एक समय किये गए भोजन में भी बिना लहसुन और प्याज का सादा भोजन ग्रहण करें। यह माता के प्रति आपके समर्पण को दर्शाता है।

2. नित्य दीप प्रज्जवलन - व्यस्तता से भरें इस जीवन में हो सकता है कि आप नौ दिनों के लिए माता के समक्ष अखंड ज्योत की स्थापना न कर पाएं। तब भी सुबह-साफ अपने तन-मन को स्वच्छ करके माँ के सामने एक घी का दीपक जरूर जलाएं और अपनी हर त्रुटि के लिए माँ से क्षमा से मांगे।

3. दैनिक पूजा - आप शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन अपने तन-मन की शुद्धि के बाद माता की पूजा और आराधना को नियमानुसार पूरा करें। साथ ही नौ दिनों तक दैनिक पूजा को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें।

4. माता को प्रिय सामग्री चढ़ाएं - मातारानी को लाल रंग अतिप्रिय है। एक ओर जहाँ लाल रंग प्रेम का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर लाल रंग शक्ति और क्रोध का भी द्योतक है। माँ आदिशक्ति में भी यही सब भाव समाहित है। इसीलिए नवरात्र के दौरान माता को लाल पुष्प, लाल चुनरी, लाल श्रृंगार समर्पित करें। यदि आप अपने घर में धन-समृद्धि लाने के रास्तों को खोलना चाहते हैं, तो माँ दुर्गा को कौड़ी और कमल का फूल अर्पित करें। यह देवी को प्रसन्न करने का अचूक उपाय है।

5. दुर्गा सप्तशती का पाठ - दुर्गा सप्तशती में चमत्कारिक शक्तियां हैं, जो आपको माता के सबसे करीब रखती हैं। इसका पाठ आपके तन-मन को पवित्र और एकाग्र करता है और इससे माँ दुर्गा का अनन्य आशीष आपको प्राप्त होता है। नवरात्र के नौ दिनों में आप अपनी सहूलियत के हिसाब से कम से कम एक बार दुर्गा सप्तशती का पाठ एक ही स्थान पर बैठकर एक बार में ही अवश्य पूर्ण करें।

6. मंत्रोच्चारण - नवरात्र में नित्य पूजा के साथ नर्वाण मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ का जाप भी बहुत फलदायी होता है। प्रातः काल, नित्यकर्म से निवृत्त होकर, स्नानादि के बाद पूजा करें और ऑंखें बंद करके यह जाप शुरू करें। वेदों के अनुसार इस मन्त्र के हर एक अक्षर में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों का वास है। इसीलिए इस नर्वाण मन्त्र का 108 बार उच्चारण करने से आप माता से पूर्णतः जुड़ कर माता की प्रसन्नता प्राप्त कर सकते हैं।

7. कन्या पूजन - शारदीय नवरात्र में कन्या पूजन अवश्य करें। मान्यताओं के अनुसार नौ कन्याएं नौ देवियों के समान होती हैं। और इन्हें भोग लगाना साक्षात् माता को भोग लगाने जैसा है। इसीलिए कन्या या कंजक पूजन करके क्षमता के अनुसार इन्हें भेंट देकर विदा करें।

8. सात्विक आचार- अगर आप पूजा पाठ न कर पा रहे हों, तो माता के लिए अपने आचरण में बदलाव लाएं और उस बदलाव को माता जी को समर्पण करें, इन नौ दिनों में अपने मन के सभी तामसिक भावों को छोड़कर सिर्फ शुद्ध विचारों को अपने मन में जगह दें। किसी का दिल न दुखाएं। काम-क्रोध-लोभ जैसे भावों को मन में ना आने दें। झूठ ना बोलें और मांस-मदिरा का सेवन भी इन नौ दिनों में बिल्कुल ना करें। अनजाने में यदि आपसे यह भूल हो जाती है तो उस व्यक्ति से और माता से अपनी भूल की क्षमा मांगे।

9. दान है महत्वपूर्ण - इन नौ दिनों में गाय, कुत्ता, पक्षी, भिक्षुक आदि जीवों को भोजन जरूर कराएं। चूँकि हर दीन में, हर बच्चे में, और हर जीव में माता का वास है। इसीलिए किसी भी जरूरतमंद को दान जरूर दें। कपड़े, कम्बल और भोजन का दान करने से माता प्रसन्न होती हैं, और आपको संतोष और वृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

शारदीय नवरात्र के शुभ अवसर पर हम सभी अपने व्यस्ततम जीवन में से कुछ समय निकाल कर पूर्ण रूप से माता को समर्पित होना चाहते हैं, फिर भी अगर हर उपाय आपके लिए संभव न हों तो आप अपनी क्षमता से इनमें से कुछ उपाय पूरी श्रद्धा से करके भी माता को प्रसन्न कर सकते हैं, क्योंकि माता के दरबार में सबसे ज्यादा मोल आपकी सेवा-भाव, श्रद्धा और आस्था का है।

ये कुछ ऐसे प्रयत्न है जिनसे माँ दुर्गा आपसे जरूर प्रसन्न होंगी और इस नवरात्र में आपको आरोग्य और ऐश्वर्य फलस्वरूप प्राप्त होगा। ऐसी ही और जानकारियों के लिए श्रीमंदिर से जुड़े रहिये।

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