बलराम की माता का नाम
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बलराम की माता का नाम

बलराम की माता का नाम और उनकी भूमिका के बारे में जानें।

बलराम की माता के बारे में

भगवान बलराम की माता का नाम देवकी था, लेकिन उनका पालन-पोषण रोहिणी माता ने किया। पौराणिक कथा के अनुसार, कंस के अत्याचारों से देवकी के गर्भ में पल रहे बलराम को योगमाया की शक्ति से रोहिणी के गर्भ में स्थानांतरित कर दिया गया। इस कारण बलराम को रोहिणी नंदन भी कहा जाता है। माता रोहिणी ने उनका पालन-पोषण गोकुल में प्रेम और स्नेह के साथ किया।

बलराम की माता का नाम क्या है?

भगवान बलराम हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं और श्रीकृष्ण के बड़े भाई के रूप में पूजे जाते हैं। बलराम की कथा कई पौराणिक ग्रंथों और पुराणों में वर्णित है। आपको यहां उनके जन्म और जीवन से जुड़ी विस्तृत जानकारियां देंगे। भगवान बलराम की माता का नाम देवकी था। लेकिन उनका पालन-पोषण रोहिणी माता ने किया।

विवरण:

  • बलराम भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई थे।
  • उनका जन्म देवकी और वासुदेव के यहां हुआ था।
  • कंस के भय से, वासुदेव ने बलराम को गोकुल में रोहिणी माता को सौंप दिया, जो वासुदेव की दूसरी पत्नी थीं।
  • इस तरह बलराम को रोहिणी ने पाला और उन्हें रोहिणीनंदन भी कहा जाता है।

बलराम का जन्म और माता-पिता

माता-पिता

  • बलराम का जन्म वासुदेव और देवकी के पुत्र के रूप में हुआ था।
  • कंस के अत्याचार से देवकी के गर्भ से बलराम को गर्भ स्थानांतरण के जरिए रोहिणी के गर्भ में स्थानांतरित कर दिया गया। ये योगमाया की कृपा से संभव हुआ।
  • इस कारण से बलराम को संकर्षण भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है "स्थानांतरित किया गया।"

पालन-पोषण

  • बलराम का पालन-पोषण रोहिणी माता ने किया, जो वासुदेव की दूसरी पत्नी थीं और गोकुल में निवास कर रही थीं।
  • वो नंद बाबा और यशोदा के घर के पास ही गोकुल में पले-बढ़े।

बलराम के अन्य नाम

  • संकर्षण: गर्भ स्थानांतरण के कारण।
  • बलदाऊ: उनकी महान शक्ति के कारण।
  • हलधर या हलायुध: उनके शस्त्र हल (हल plough) और मुसल (गदा) के कारण।
  • दाऊजी: उनके बड़े भाई होने के कारण।

बलराम का व्यक्तित्व और शस्त्र

बल और पराक्रम

  • बलराम अपने असाधारण बल और पराक्रम के लिए प्रसिद्ध हैं।
  • उन्होंने हल और मुसल को अपने प्रमुख शस्त्र के रूप में धारण किया।

बलराम की कथाएं

कृष्ण के साथ राक्षसों का वध

  • बलराम ने श्रीकृष्ण के साथ मिलकर कई राक्षसों का वध किया, जैसे कि
  • प्रलंबासुर: इस राक्षस को बलराम ने अपने बल से मार गिराया।

दुर्योधन और भीम को शिक्षा

  • बलराम ने दुर्योधन और भीम को गदा युद्ध की शिक्षा दी थी।

यमुना को खींचना

  • एक बार यमुना नदी उनकी आज्ञा नहीं मानी, तो बलराम ने हल से उसे खींच लिया।
  • तब यमुना ने उनकी शक्ति को स्वीकार किया।

बलराम का महत्व

  • बलराम धर्म, सत्य और बल के प्रतीक हैं।
  • वो भगवान विष्णु के शेषनाग के अवतार माने जाते हैं।
  • उन्हें कृषि, शक्ति, और समाज की रक्षा करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है।
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Published by Sri Mandir·January 28, 2025

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