2025 में होने वाले चंद्र ग्रहण की तिथियाँ, समय और उनका धार्मिक महत्व।
चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा पर सूर्य की किरणें नहीं पहुंच पातीं। यह घटना पूर्णिमा के दिन होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण के समय शुभ कार्य वर्जित होते हैं। ग्रहण के दौरान मंत्र जप और ध्यान को शुभ माना जाता है।
चंद्र ग्रहण हर साल लगता है, ये तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में आ जाते हैं, और पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है। इस प्रक्रिया में पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे चंद्रमा का पूरा या आंशिक भाग अंधेरे में हो जाता है। ये एक खगोलीय घटना है और इसका धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक महत्व है। चलिए आपको चंद्र ग्रहण से जुड़ी कुछ जानकारियों के साथ इस साल कब-कब चंद्र ग्रहण लगने वाला है ये बताते हैं।
जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा को पूरी तरह ढक लेती है।
जब चंद्रमा का कुछ भाग पृथ्वी की छाया में आ जाता है।
जब चंद्रमा पृथ्वी की हल्की छाया (पेनुम्ब्रा) में प्रवेश करता है। ये आमतौर पर कम स्पष्ट होता है।
अब जानते हैं इस साल यानी की साल 2025 में कब-कब चंद्र ग्रहण लगने वाला है और इसका असर कैसा होगा:
तारीख: 14 मार्च 2025
ग्रहण का प्रकार: आंशिक चंद्र ग्रहण समय: सुबह 9:29 बजे से दोपहर 3:29 बजे तक भारत में दृश्यता: ये ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। सूतक काल: भारत में ये ग्रहण अदृश्य होने के कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा।
तारीख: 7 सितंबर 2025
ग्रहण का प्रकार: पूर्ण चंद्र ग्रहण समय: रात 9:57 बजे से 12:23 बजे तक भारत में दृश्यता: ये ग्रहण भारत में साफ-साफ दिखाई देगा। सूतक काल: सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले, यानी 7 सितंबर की सुबह 12:57 बजे से प्रारंभ होगा।
चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है और इसका धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक महत्व है। जिसे जानना बेहद जरूरी है।
नोट: चंद्र ग्रहण देखने से कोई शारीरिक हानि नहीं होती, लेकिन धार्मिक परंपराओं में इसे लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं।
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