इस लेख में आप जानेंगे द्वापर युग के भगवान के बारे में, जिन्होंने सत्य और धर्म की विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
द्वापर युग के भगवान भगवान श्रीकृष्ण माने जाते हैं। वे विष्णु के आठवें अवतार थे और उन्होंने धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश के लिए कई लीलाएं रचीं। महाभारत युद्ध में अर्जुन को भगवद गीता का ज्ञान देकर उन्होंने धर्म, कर्म और मोक्ष का मार्ग दिखाया।
द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया था। द्वापर युग हिंदू धर्म के चार युगों में से तीसरा युग था। यह सत्युग और त्रेता युग के बाद और कलियुग से पहले आता है। भगवान कृष्ण का अवतार धर्म की स्थापना, अधर्म का नाश और भक्तों की रक्षा के लिए हुआ था। इस युग में महाभारत का युद्ध हुआ था, जिसमें भगवान कृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था।
व्यास अवतार : महर्षि वेदव्यास को भी विष्णु का अवतार माना जाता है, जिन्होंने वेदों को विभाजित किया और महाभारत की रचना की।
दत्तात्रेय अवतार : वेदों और आध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार के लिए भगवान विष्णु ने यह अवतार लिया।
भगवान शिव : द्वापर युग में भगवान शिव भी कई बार प्रकट हुए, जैसे अर्जुन को पाशुपत अस्त्र प्रदान करना।
माता दुर्गा : श्रीकृष्ण और पांडवों ने देवी दुर्गा की आराधना की थी।
इंद्रदेव : महाभारत में कई बार इंद्र की भूमिका उल्लेखनीय रही।
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