द्वापर युग के भगवान
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

द्वापर युग के भगवान

इस लेख में आप जानेंगे द्वापर युग के भगवान के बारे में, जिन्होंने सत्य और धर्म की विजय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

द्वापर युग के भगवान के बारे में

द्वापर युग के भगवान भगवान श्रीकृष्ण माने जाते हैं। वे विष्णु के आठवें अवतार थे और उन्होंने धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश के लिए कई लीलाएं रचीं। महाभारत युद्ध में अर्जुन को भगवद गीता का ज्ञान देकर उन्होंने धर्म, कर्म और मोक्ष का मार्ग दिखाया।

द्वापर युग के भगवान

द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया था। द्वापर युग हिंदू धर्म के चार युगों में से तीसरा युग था। यह सत्युग और त्रेता युग के बाद और कलियुग से पहले आता है। भगवान कृष्ण का अवतार धर्म की स्थापना, अधर्म का नाश और भक्तों की रक्षा के लिए हुआ था। इस युग में महाभारत का युद्ध हुआ था, जिसमें भगवान कृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था।

भगवान श्रीकृष्ण (मुख्य अवतार)

  • श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे।
  • उन्होंने अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना के लिए अवतार लिया था।
  • महाभारत युद्ध में उन्होंने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया।
  • उन्होंने मथुरा के अत्याचारी राजा कंस का वध किया और धर्म की पुनर्स्थापना की।
  • उन्होंने यदुवंश को नेतृत्व प्रदान किया और द्वारका नगरी बसाई।

भगवान बलराम

  • बलराम शेषनाग के अवतार माने जाते हैं और वे श्रीकृष्ण के बड़े भाई थे।
  • वे कृषि, बल और धर्म के प्रतीक हैं।
  • उन्होंने कई असुरों का नाश किया और धर्म का पालन किया।

भगवान विष्णु के अन्य अवतार

व्यास अवतार : महर्षि वेदव्यास को भी विष्णु का अवतार माना जाता है, जिन्होंने वेदों को विभाजित किया और महाभारत की रचना की।

दत्तात्रेय अवतार : वेदों और आध्यात्मिक ज्ञान के प्रचार के लिए भगवान विष्णु ने यह अवतार लिया।

अन्य देवता जो द्वापर युग में पूजे गए

भगवान शिव : द्वापर युग में भगवान शिव भी कई बार प्रकट हुए, जैसे अर्जुन को पाशुपत अस्त्र प्रदान करना।

माता दुर्गा : श्रीकृष्ण और पांडवों ने देवी दुर्गा की आराधना की थी।

इंद्रदेव : महाभारत में कई बार इंद्र की भूमिका उल्लेखनीय रही।

द्वापर युग की विशेषताएं

  • इस युग में धर्म के चारों स्तंभों में से केवल दो स्तंभ बचे थे – सत्य और दया।
  • मनुष्य की औसत आयु 200 से 400 वर्ष मानी जाती थी।
  • इस युग में महाभारत युद्ध हुआ, जिसने धर्म और अधर्म के बीच अंतर स्पष्ट किया।
  • भगवान श्रीकृष्ण ने इस युग में धर्म और भक्ति मार्ग को पुनर्स्थापित किया।
divider
Published by Sri Mandir·February 14, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

Address:

Firstprinciple AppsForBharat Private Limited 435, 1st Floor 17th Cross, 19th Main Rd, above Axis Bank, Sector 4, HSR Layout, Bengaluru, Karnataka 560102

Play StoreApp Store

हमे फॉलो करें

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2025 SriMandir, Inc. All rights reserved.