हनुमान जी का जन्म किस स्थान पर हुआ, उनकी माता-पिता कौन थे, और उनकी जन्म से जुड़ी कथाएं।
पौराणिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस स्थान का भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान है। आइए, अंजनेयाद्री पहाड़ी और इसके आस-पास के क्षेत्र के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कर्नाटक राज्य के हम्पी में स्थित अंजनेयाद्री पहाड़ी को भगवान हनुमान का जन्मस्थल माना जाता है। पौराणिक किष्किंधा क्षेत्र की यह पहाड़ी हनुमानहल्ली नामक स्थान पर स्थित है, जिसका अर्थ है “हनुमान का गांव”।
शेषाचल पर्वतमाला का हिस्सा: अंजनेयाद्री पहाड़ी शेषाचल पर्वतमाला का एक अभिन्न भाग है, जो इसकी भौगोलिक महत्ता को दर्शाता है।
रामायण से संबंध: यह पहाड़ी महाकाव्य रामायण में वर्णित वानर साम्राज्य किष्किंधा से जुड़ी हुई है। किष्किंधा का उल्लेख भगवान राम और हनुमान के बीच पहली भेंट का स्थान होने के कारण प्रसिद्ध है।
ऐनेगुंडी क्षेत्र का केंद्र: अंजनेयाद्री पहाड़ी ऐनेगुंडी क्षेत्र के केंद्र में स्थित है, जो अपने प्राचीन और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है।
गंगावती तालुक में स्थिति: यह पहाड़ी गंगावती तालुक के अंतर्गत आती है, जो इसे स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण बनाती है।
हम्पी, कर्नाटक का एक छोटा और ऐतिहासिक नगर, तुंगभद्रा नदी के किनारे बसा है। यह शहर अपने ऐतिहासिक खंडहरों और सांस्कृतिक धरोहर के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल: हम्पी को 1986 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी गई थी। यहां के खंडहर विजयनगर साम्राज्य की अद्भुत वास्तुकला और सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाते हैं।
तुंगभद्रा नदी: तुंगभद्रा नदी इस क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को और अधिक आकर्षक बनाती है। यह नदी धार्मिक और भौगोलिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
रघुनाथ मंदिर: हम्पी में भगवान राम का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे रघुनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है।
अंजनेयाद्री पहाड़ी और हम्पी भारतीय संस्कृति, इतिहास, और पौराणिक कथाओं का अनमोल खजाना हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व, और ऐतिहासिक धरोहर न केवल भारतीयों के लिए, बल्कि पूरे विश्व के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। यदि आप भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को महसूस करना चाहते हैं, तो अंजनेयाद्री पहाड़ी और हम्पी की यात्रा अवश्य करें।
निष्कर्ष : हालांकि हनुमान जी के जन्म स्थान को लेकर अलग अलग मत हैं, कुछ लोगों का कहना है कि हनुमान जी का जन्म कैथल में हुआ था । सौराष्ट्र के डांग ज़िले के आदिवासियों के अनुसार उनका जन्म अंजनी पर्वत की गुफा में हुआ था। तो दूसरी ओर झारखंड के गुमला के आंजन गांव में भी एक गुफा मौजूद है, जहां भगवान हनुमान का जन्म माना जाता है। इसी के साथ महाराष्ट्र के नासिक में अंजनेरी पहाड़ियों को भी पवन पुत्र का जन्मस्थान माना जाता है। लेकिन रामायण और अन्य शास्त्रों से अगर निर्धारित करें तो कर्नाटक की अंजनाद्री पहाड़ियों को ही उनका सटीक जन्मस्थान माना जा सकता है।
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