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राम जी के वंशज

इस लेख में आपको राम जी के वंशजों की प्रेरक और रहस्यमयी जीवन यात्रा के बारे में पता चलेगा, जो आपको हमेशा याद रहेगी!

राम जी के वंशजों के बारे में

इस वंश में एक से एक दिग्गजों ने भारत भूमि पर अपनी वीरता, पराक्रम और न्यायप्रियता के झंडे गाड़े। आइए इस लेख में जानते हैं देश के सबसे महान वंश रघुंवंश की वंशावली

राम जी के वंशज

रघुवंश भारत का एक प्रतिष्ठित राजवंश है, जिसे सूर्यवंशी क्षत्रियों की प्रमुख शाखा माना जाता है। इस वंश का उल्लेख वेदों, पुराणों और महाकवि कालिदास के ‘रघुवंशम्’ महाकाव्य में मिलता है। इस वंश के शासक अपने धर्म, न्याय, पराक्रम और लोकहितकारी शासन के लिए प्रसिद्ध रहे हैं।

रघुवंश की उत्पत्ति एवं वंशावली

प्राचीन वंशावली

  • ब्रह्मा – सृष्टि के रचयिता।
  • मरीचि – ब्रह्मा के पुत्र।
  • कश्यप – मरीचि के पुत्र।
  • विवस्वान – कश्यप के पुत्र, जिन्हें सूर्य देव के रूप में जाना जाता है।
  • वैवस्वत मनु – विवस्वान के पुत्र, जिन्हें मानव जाति का प्रणेता माना जाता है।
  • इक्ष्वाकु – वैवस्वत मनु के पुत्र, जिन्होंने अयोध्या में सूर्यवंशी राजवंश की स्थापना की।

इक्ष्वाकु वंश के राजा

  • कुक्षि के बेटे विकुक्षि
  • विकुक्षि के बेटे बाण
  • बाण के बेटे अनरण्य
  • अनरण्य के बेटे पृथु
  • पृथु के बेटे त्रिशंकु
  • त्रिशंकु के बेटे धुंधुमार
  • धुंधुमार के बेटे युवनाश्व
  • युवनाश्व के बेटे मान्धाता (मान्धाता – महान सम्राट, जिन्होंने पूरी पृथ्वी पर शासन किया)
  • मान्धाता के पुत्र सुसंधि
  • सुसंधि के दो बेटे ध्रुवसंधि और प्रसेनजित
  • ध्रुवसंधि के बेटे भरत – (इनके नाम पर भारतवर्ष का नाम पड़ा)
  • भरत के बेटे असित
  • असित के बेटे सगर – जिन्होंने 60,000 पुत्रों के साथ गंगा को पृथ्वी पर लाने की कथा से जुड़े हैं।
  • सगर के बेटे असमंज
  • असमंज के बेटे अंशुमान
  • अंशुमान के बेटे दिलीप
  • दिलीप के बेटे भगीरथ – जिन्होंने गंगा को स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित किया।
  • भगीरथ के बेटे ककुत्स्थ
  • ककुत्स्थ के बेटे रघु – महान सम्राट, जिनके नाम पर रघुवंश प्रसिद्ध हुआ।
  • रघु के बेटे प्रवृद्ध
  • प्रवृद्ध के बेटे शंखण
  • शंखण के बेटे सुदर्शन
  • सुदर्शन के बेटे अग्निवर्ण
  • अग्निवर्ण के बेटे शीघ्रग
  • शीघ्रग के बेटे मरु
  • मरु के बेटे प्रशुश्रुक
  • प्रशुश्रुक के बेटे अम्बरीष
  • अम्बरीष के बेटे नहुष
  • नहुष के बेटे ययाति
  • ययाति के बेटे नाभाग
  • नाभाग के बेटे अज – भगवान राम के दादा।
  • अज के बेटे दशरथ – श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के पिता।
  • दशरथ के बेटे भगवान श्रीराम – विष्णु के सातवें अवतार, जिन्होंने अधर्म पर धर्म की विजय स्थापित की।
  • भगवान राम के बाद के वंशज
  • लव और कुश – भगवान राम के पुत्र।
  • कुश के बेटे अतिथि
  • अतिथि के बेटे निष्ठा
  • निष्ठा के बेटे नभ
  • नभ के बेटे पुंडरिक
  • पुंडरिक के बेटे क्षेमंधवा
  • क्षेमंधवा के बेटे देवानिका
  • देवानिका के बेटे अहीनक
  • अहीनक के बेटे रुरू
  • रुरू के बेटे परियात्र
  • परियात्र के बेटे दल
  • दल के बेटे छल
  • छल के बेटे वज्रनाभ
  • वज्रनाभ के बेटे गण
  • गण के बेटे वुषितस्व
  • वुषितस्व के बेटे विश्वसः
  • विश्वसः के बेटे हिरण्यनाभ
  • हिरण्यनाभ के बेटे पुष्य
  • पुष्य के बेटे ध्रुवसंधि
  • ध्रुवसंधि के बेटे सुदर्शन
  • सुदर्शन के बेटे अग्रिवर्ण
  • अग्रिवर्ण के बेटे पद्मवर्ण
  • पद्मवर्ण के बेटे आदि
  • आदि के बेटे मरु
  • मरु के बेटे प्रयूश्रुत
  • प्रयूश्रुत के बेटे उदावसु
  • उदावसु के बेटे नंदीवर्धन
  • नंदीवर्धन के बेटे विशेष्टु
  • विशेष्टु के बेटे देवरात
  • देवरात के बेटे बृहदुक्था
  • बृहदुक्था के बेटे महावीर्य
  • महावीर्य के बेटे सुधृति
  • सुधृति के बेटे धृष्टकेतु
  • धृष्टकेतु के बेटे हरयाव
  • हरयाव के बेटे मरु
  • मरु के बेटे प्रतिधानक
  • प्रतिधानक के बेटे कुतिरथ
  • कुतिरथ के बेटे देवमीधा
  • देवमीधा के बेटे विबुध
  • विबुध के बेटे महाधृति
  • महाधृति के बेटे कीर्तिरत
  • कीर्तिरत के बेटे महरोम
  • महरोम के बेटे स्वर्णरोम
  • स्वर्णरोम के बेटे हरस्वरोम
  • हरस्वरोम के बेटे सिरध्वज

रघुवंश की विरासत और प्रभाव

रघुवंश केवल एक राजवंश नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा है। इस वंश ने धर्म, न्याय और आदर्श शासन की नींव रखी। इसके प्रमुख योगदान इस प्रकार हैं:

धर्म पर आधारित शासन – श्रीराम के रामराज्य को आदर्श शासन प्रणाली माना जाता है। अश्वमेध यज्ञ और दिग्विजय अभियान – इस वंश के कई राजाओं ने यज्ञ और विजय अभियानों का नेतृत्व किया। गंगा का अवतरण – राजा भगीरथ की तपस्या से गंगा धरती पर आई। रामायण की कथा – यह कथा संपूर्ण भारत और विश्व में धार्मिक व सांस्कृतिक प्रेरणा का स्रोत बनी।

रघुवंश की समकालीन पहचान

रघुवंश का प्रभाव आज भी भारतीय समाज में गहराई से स्थापित है। भगवान राम का जीवन और उनका आदर्श शासन प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। सूर्यवंश से ही कुशवाहा, मौर्य, शाक्य और अन्य क्षत्रिय वंशों का विस्तार माना जाता। यह वंश केवल इतिहास का हिस्सा नहीं, बल्कि धर्म, सत्य और न्याय का प्रतीक है। इसलिए यह अनंत काल तक स्मरण किया जाता रहेगा।

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Published by Sri Mandir·February 14, 2025

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