क्या आप मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति पाना चाहते हैं? 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से तनाव कम होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है। जानिए इसका दिव्य रहस्य!
5 मुखी रुद्राक्ष आपके लिए एक दिव्य वरदान साबित हो सकता है! इसे स्वयं भगवान शिव का आशीर्वाद माना जाता है, जो धारण करने वाले को मानसिक शांति, तनावमुक्त जीवन और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। चलिए इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानते हैं 5 मुखी रुद्राक्ष के महत्व और उसके लाभ के बारे में।
5 मुखी रुद्राक्ष (पंचमुखी रुद्राक्ष) भगवान शिव के पंचमुखी स्वरूप का प्रतीक माना जाता है। इसे सबसे पवित्र और शक्तिशाली रुद्राक्षों में से एक माना जाता है, जिसे धारण करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
5 मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के पंचमुखी स्वरूप (पांच मुख वाले शिव) से जोड़ा जाता है। शिव पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ है। इसमें शिव का आशीर्वाद समाहित होता है, और इसे धारण करने वाला व्यक्ति शिव कृपा का भागी बनता है।
रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना जाता है, और यह माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। इसलिए, रुद्राक्ष को धारण करना भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक शक्तिशाली तरीका माना जाता है।
भगवान शिव के पांच मुख (पंचमुखी शिव) इस ब्रह्मांड की पांच शक्तियों के प्रतीक हैं-
1. सद्योजात – पश्चिम दिशा का स्वामी, सृजन (Creation) का प्रतीक।
2. वामदेव – उत्तर दिशा का स्वामी, संरक्षण (Preservation) का प्रतीक।
3. अघोर – दक्षिण दिशा का स्वामी, विनाश (Destruction) और पुनर्जन्म का प्रतीक।
4. तत्पुरुष – पूर्व दिशा का स्वामी, तपस्या और ध्यान का प्रतीक।
5. ईशान – ऊपर (आकाश) का स्वामी, मोक्ष और आत्मज्ञान का प्रतीक।
· यह भगवान शिव के पंचमुखी स्वरूप की ऊर्जा को धारण करता है।
· इसे धारण करने से व्यक्ति को शिव तत्व (शांति, संतुलन, ज्ञान और भक्ति) प्राप्त होता है।
· यह पंच महाभूतों (पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश) का संतुलन बनाए रखता है।
· इसे कालाग्नि रुद्र का स्वरूप भी माना जाता है, जो आत्मा की शुद्धि और कर्मों के बंधन से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
इसे धारण करने से पहले या प्रतिदिन इसकी ऊर्जा को जागृत करने के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप किया जाता है-
· "ॐ ह्रीं नमः" – यह 5 मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र है।
· "ॐ नमः शिवाय" – भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला महामंत्र।
· "ॐ कालाग्नि रुद्राय नमः" – इस रुद्राक्ष की विशेष शक्ति को जाग्रत करने के लिए।
5 मुखी रुद्राक्ष सबसे आम और आसानी से उपलब्ध रुद्राक्षों में से एक है। इसे भगवान शिव के रूप कालाग्नि का प्रतीक माना जाता है। पंचमुखी रुद्राक्ष को पंचदेवों का प्रतीक माना जाता है। पंचदेवों में भगवान गणेश, भगवान शिव, शक्ति (देवी) भगवान विष्णु और सूर्य देव शामिल हैं। यह रुद्राक्ष गुरु ग्रह का भी प्रतिनिधित्व करता है, जो ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है।
· शांति और संतुलन – इसे धारण करने से मन को शांति और स्थिरता मिलती है।
· स्वास्थ्य लाभ – यह हृदय, रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों में लाभदायक माना जाता है।
· शिक्षा में सहायता – विद्यार्थियों के लिए यह रुद्राक्ष बुद्धि और स्मरण शक्ति बढ़ाने में सहायक होता है।
· आध्यात्मिक उन्नति – यह व्यक्ति को ध्यान और साधना में सहायता करता है।
· नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा – यह बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करता है।
5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसकी शुद्धि और मंत्र जाप करना आवश्यक होता है ताकि इसका पूर्ण लाभ प्राप्त किया जा सके। नीचे सही विधि दी गई है-
1. सही दिन और समय
· सोमवार या गुरुवार को इसे धारण करना शुभ माना जाता है।
· सुभह ब्रह्म मुहूर्त (4-6 बजे) या शिव पूजा के समय धारण करना श्रेष्ठ होता है।
2. रुद्राक्ष की शुद्धि और सिद्धि (प्राण प्रतिष्ठा)
रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसे शुद्ध और सक्रिय (ऊर्जावान) करने के लिए ये प्रक्रिया करें-
· गंगाजल या कच्चे दूध में रुद्राक्ष को कुछ देर भिगोकर शुद्ध करें।
· साफ जल से इसे धोकर किसी शिवलिंग या पूजा स्थान पर रखें।
· भगवान शिव का ध्यान करें और रुद्राक्ष पर गंगाजल, कुमकुम, चंदन और अक्षत (चावल) चढ़ाएं।
· धूप-दीप जलाकर शिवजी की पूजा करें।
मंत्र जाप करें-
· "ॐ ह्रीं नमः" (108 बार)
· "ॐ नमः शिवाय" (कम से कम 11 बार)
3. धारण करने की विधि
· सोने, चांदी, तांबे, या लाल/पीले धागे में इसे पिरोकर धारण करें।
· इसे गले में या दाहिने हाथ की कलाई में पहना जा सकता है।
· धारण करते समय "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।
· इसे हमेशा शरीर से स्पर्श कराकर पहनें ताकि इसकी ऊर्जा सक्रिय रहे।
4. रुद्राक्ष धारण करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
क्या करें:
· प्रतिदिन "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
· इसे नियमित रूप से साफ करने के लिए गंगाजल या दूध से धोएं।
· इसे कभी भी किसी और को न पहनाएं।
क्या न करें-
· रुद्राक्ष पहनकर मांसाहार और मदिरा सेवन न करें।
· स्नान के समय इसे अस्थायी रूप से उतार सकते हैं, लेकिन टॉयलेट में जाने से पहले इसे उतार देना चाहिए।
· इसे जमीन पर न रखें और अपने पूजा स्थान में रखें।
अगर आप 5 मुखी रुद्राक्ष खरीदना चाहते हैं, तो इसकी शुद्धता और वास्तविकता की पहचान करना बेहद जरूरी है। कई बार नकली या केमिकल-ट्रीटेड रुद्राक्ष बाजार में बेचे जाते हैं, जो कोई आध्यात्मिक लाभ नहीं देते।
वास्तविक 5 मुखी रुद्राक्ष की पहचान करने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करें-
· 5 मुखी रुद्राक्ष में स्पष्ट रूप से 5 प्राकृतिक रेखाएँ (मुख) होनी चाहिए, जो ऊपरी से निचले भाग तक पूरी तरह चलती हों।
· ये रेखाएं प्राकृतिक और गहरी होनी चाहिए, न कि कृत्रिम रूप से बनाई गई।
· असली रुद्राक्ष पानी में डूब सकता है या धीरे-धीरे नीचे बैठता है।
· नकली रुद्राक्ष (जो प्लास्टिक, रसायनों, या लकड़ी से बने होते हैं) पानी में तैर सकते हैं।
· लेकिन यह टेस्ट हमेशा सटीक नहीं होता क्योंकि कुछ असली रुद्राक्ष हल्के भी हो सकते हैं।
· एक अच्छे लेंस या माइक्रोस्कोप से देखने पर आपको प्राकृतिक बनावट और ऊतक संरचना दिखेगी।
· नकली रुद्राक्षों में मशीन से बनाई गई धारियां होती हैं।
· असली रुद्राक्ष जलाने पर जल्दी जलता नहीं है और कोयले की तरह धीरे-धीरे जलता है।
· नकली रुद्राक्ष (प्लास्टिक या पॉलिश किए गए) तुरंत जलने लगते हैं।
· असली 5 मुखी रुद्राक्ष को दूध में डालने पर दूध खराब नहीं होता।
· नकली या केमिकल-ट्रीटेड रुद्राक्ष से दूध जल्दी खराब हो सकता है।
प्रामाणिक विक्रेता से ही खरीदें-
हमेशा विश्वसनीय आध्यात्मिक संस्थानों, रुद्राक्ष विक्रेताओं, या सरकारी प्रमाणित दुकानों से खरीदें।
ऑनलाइन खरीदने पर सर्टिफिकेट ऑफ ऑथेंटिसिटी जरूर मांगें।
उत्पत्ति स्थान की जानकारी लें-
· नेपाल, इंडोनेशिया और भारत (हरिद्वार, वाराणसी, काठमांडू) से प्राप्त रुद्राक्ष सबसे प्रामाणिक होते हैं।
· नेपाल के रुद्राक्ष अधिक प्रभावशाली और बड़े आकार के होते हैं।
केमिकल-फ्री रुद्राक्ष लें-
· कुछ विक्रेता रुद्राक्ष को चमकदार बनाने के लिए उस पर पॉलिश या केमिकल ट्रीटमेंट कर देते हैं।
· असली रुद्राक्ष हल्का खुरदुरा और प्राकृतिक रंग-रूप का होना चाहिए।
सर्टिफिकेट लें-
· किसी प्रमाणित प्रयोगशाला से जाँच किया हुआ रुद्राक्ष ही खरीदें।
· कई अच्छे विक्रेता अपने उत्पाद के साथ गवर्नमेंट-प्रमाणित लैब टेस्ट सर्टिफिकेट देते हैं।
ऑफलाइन खरीदारी के लिए-
· हरिद्वार, वाराणसी, काठमांडू (नेपाल), और दक्षिण भारत के आध्यात्मिक केंद्रों में प्रामाणिक रुद्राक्ष मिलते हैं।
· रुद्राक्ष अनुसंधान केंद्र (Rudraksha Research Center), काशी रुद्राक्ष केंद्र और ISKCON जैसी जगहों से खरीदना सही रहेगा।
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