शमी का पौधा कहां लगाएं ताकि घर में आए सुख-शांति? जानिए इस पौधे के सही दिशा से जुड़ी वास्तु की महत्वपूर्ण बातें।
शमी एक पवित्र एवं औषधीय पौधा है, जिसे हिंदू धर्म में विशेष मान्यता प्राप्त है। इसे भगवान शिव और शनि देव से जोड़ा जाता है। दशहरे के दिन शमी पत्र का आदान-प्रदान शुभ माना जाता है।
शमी का पौधा भारतीय संस्कृति और वास्तु शास्त्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है। यह पौधा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से पवित्र है, बल्कि इसके वैज्ञानिक और आध्यात्मिक लाभ भी हैं। हिंदू धर्म में शमी का पौधा भगवान शिव और शनि देव से जुड़ा हुआ है। यदि इसे सही दिशा में लगाया जाए, तो यह घर और परिवार के लिए शुभ फलदायक होता है। आइए जानते हैं कि शमी का पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए और इसके पीछे वास्तु शास्त्र की मान्यताएं क्या कहती हैं।
शमी का पौधा एक सजीव ऊर्जा का प्रतीक है। इसे शनि ग्रह से जुड़ा हुआ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यह पौधा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसके अलावा, यह शनि की कृपा प्राप्त करने और शनि दोष को कम करने में सहायक होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि शमी का पौधा सही दिशा में लगाया जाए, तो यह धन, सुख, और समृद्धि लाने में मदद करता है। वहीं, गलत दिशा में लगाने पर यह बाधाओं और समस्याओं का कारण बन सकता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, शमी का पौधा लगाने के लिए पश्चिम दिशा या उत्तर-पश्चिम दिशा (वायव्य कोण) को सबसे शुभ माना गया है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:
अन्य पौधों से दूरी: शमी के पौधे को अन्य पौधों से थोड़ी दूरी पर लगाएं। यह पौधा स्वतंत्र रूप से पनपता है और इसकी ऊर्जा अन्य पौधों के साथ मिलाने से प्रभावित हो सकती है।
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