क्या आप ढूंढ रहे हैं विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं और कोट्स? यहाँ पाएँ खास संदेश जो आपके प्रियजनों तक आशीर्वाद और समृद्धि पहुँचाएँ।
इस लेख में आपको विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाओं के बारे में जानकारी मिलेगी। यहां आप जान पाएंगे कि किस तरह शुभकामनाएं व्यक्त करें और अपने परिवार, मित्रों तथा सहकर्मियों को इस पर्व पर संदेश भेजें।
विश्वकर्मा पूजा हिंदू धर्म में बहुत खास मानी जाती है। यह दिन भगवान विश्वकर्मा को समर्पित होता है, जिन्हें देवताओं का वास्तुकार और श्रेष्ठ शिल्पकार कहा जाता है। माना जाता है कि उन्होंने स्वर्ग, इंद्रपुरी और कई दिव्य अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण किया था। हर साल यह पूजा आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल एकादशी तिथि 17 सितंबर को रात 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और उसी दिन रात 11 बजकर 39 मिनट तक रहेगी। पंचांग के अनुसार, विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को ही की जाएगी।
विश्वकर्मा पूजा का महत्व केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि यह समाज में श्रम और कारीगरी के सम्मान को भी दर्शाता है। यह दिन हमें सिखाता है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता और हर कार्य का अपना महत्व होता है। इसी कारण बड़े-बड़े कारखानों से लेकर छोटे वर्कशॉप और दफ्तरों तक यह पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है। हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, उन्होंने देवताओं के लिए महल, रथ और अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण किया। स्वर्ग लोक, द्वारका नगरी, इंद्र का वज्र, भगवान शिव का त्रिशूल और भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र उनकी ही अद्भुत रचनाओं में गिने जाते हैं। इसी कारण उन्हें सृष्टि का प्रथम वास्तुकार और शिल्पकार कहा गया है।
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