
नाग पंचमी पर कौन-कौन से नाग पूजे जाते हैं? अनंत, वासुकी, पद्म जैसे 8 महान नागों की पूजा से मिलती है कृपा जानिए इनकी पूरी जानकारी
नाग पंचमी पर नागों की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। श्रद्धालु बेलपत्र, मोरपंख, कुमकुम, धूप और दीप अर्पित कर मनोकामनाएं करते हैं। यह अनुष्ठान सुरक्षा, समृद्धि तथा पारिवारिक सौहार्द्य लाने का प्रतीक है। मूहूर्त में जलाभिषेक किया जाता है।
नाग पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो सावन महीने में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवताओं की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग देवता भगवान शिव के प्रिय हैं और इनकी पूजा करने से धन, समृद्धि और सुख मिलता है। आइए जानते हैं कि नाग पंचमी पर किन आठ नागों की पूजा की जाती है और इनका भोलेनाथ से क्या संबंध है
वासुकि नाग देवताओं के राजा हैं और भगवान शिव के गले में रहने वाले नाग हैं। इनकी पूजा करने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
अनंत नाग भगवान विष्णु के शयनासन के रूप में जाने जाते हैं। इनकी पूजा करने से दीर्घायु और निरोगी काया प्राप्त होती है।
शेषनाग भी भगवान विष्णु के शयनासन हैं। इनकी पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पद्मनाभ नाग भगवान विष्णु के नाभि कमल से उत्पन्न हुए थे। इनकी पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
कालिया नाग को भगवान कृष्ण ने कुश्ती में हराया था। इनकी पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है।
तक्षक नाग पांडवों के शत्रु दुर्योधन के पुत्र लक्ष्मण को डसने के लिए प्रसिद्ध हैं। इनकी पूजा करने से सर्पदंश से रक्षा होती है।
कुलीर नाग को जल का देवता माना जाता है। इनकी पूजा करने से वर्षा होती है और फसल अच्छी होती है।
महापद्म नाग को समुद्र का देवता माना जाता है। इनकी पूजा करने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
नाग देवता भगवान शिव के परम भक्त हैं। भगवान शिव के गले में वासुकि नाग लिपटे हुए हैं। नाग देवता भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई कठोर तपस्या करते हैं। मान्यता है कि नाग देवताओं की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
नाग पंचमी के दिन लोग नाग देवताओं की मूर्ति या चित्र पर दूध, दही, घी, फल और फूल चढ़ाते हैं। साथ ही, नाग मंत्रों का जाप भी करते हैं।
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