जया पार्वती व्रत करने से मिलता है अखंड सौभाग्य और गृहस्थ जीवन में सुख-शांति! जानें व्रत की कथा, पूजन विधि और लाभ।
क्या आप जानते है? जया पार्वती व्रत की कहानी, अगर नहीं तो आज हम आपको जया पार्वती व्रत कथा सुनाने जा रहे हैं। इस कथा के श्रवण मात्र से व्यक्ति को माता पार्वती का आशीष प्राप्त होता है। जया-पार्वती पर्व पर पार्वती माता की पूजा के समय इस कथा को सुनने का विशेष महत्व है। चलिए जानते हैं जया पार्वती व्रत कथा से जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में।
एक समय की बात है, कौडिन्य नगर में वामन नामक ब्राह्मण, अपनी पत्नी सत्या के साथ रहता था। उनके घर में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी , इस बात से दोनों अत्यंत दुखी रहते थे।
एक दिन भ्रमण करते हुए नारद जी उनके घर पर आए। उन्होंने नारद जी का सेवा-सत्कार किया और अपनी समस्या का समाधान पूछा। यह सुनकर नारद जी ने उन्हें बताया कि तुम्हारे नगर के बाहर जो वन है। उसके दक्षिणी भाग में बिल्व वृक्ष के नीचे भगवान शिव माता पार्वती के साथ लिंग रूप में विराजित हैं। तुम दोनों उनकी श्रद्धा पूर्वक पूजा करो। ऐसा करने से तुम्हारी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।
ब्राह्मण दंपत्ति ने बिल्व वृक्ष के नीचे शिवलिंग को ढूंढ़ लिया और उसकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना प्रारंभ कर दी। इस प्रकार 5 वर्षों तक वह दोनों नियमित रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते रहे। एक दिन जब वह ब्राह्मण पूजा के लिए फूल तोड़ रहा था, तभी उसे सांप ने काट लिया और उसकी मृत्यु हो गई। ब्राह्मण जब काफी देर तक घर नहीं लौटा तो उसकी पत्नी चिंतित हो गई और उसे ढूंढते हुए वन में पहुंच गई। अपने पति को इस अवस्था में देखकर सत्या विलाप करने लगी और माता पार्वती का स्मरण करने लगी।
ब्राह्मणी की पुकार सुनकर, माता पार्वती प्रकट हुईं और ब्राह्मणी का कष्ट देखकर देवी ने ब्राह्मण के मुख में अमृत डाल दिया, जिससे ब्राह्मण पुनः जीवित हो गया। यह देखकर ब्राह्मणी अत्यंत प्रसन्न हुई और ब्राह्मण दंपत्ति ने माता पार्वती का पूजन किया। माता पार्वती ने उनकी पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें वर मांगने के लिए कहा। तब दोनों ने माता पार्वती से संतान प्राप्ति का वरदान मांगा। माता पार्वती ने दंपत्ति से कहा कि, तुम दोनों जया पार्वती का व्रत श्रद्धापूर्वक करो, इससे तुम्हारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
उन दोनों ने माँ पार्वती की आज्ञा का पालन करते हुए विधिपूर्वक जया पार्वती का व्रत किया। इसके फलस्वरूप उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई और उनका परिवार पूरा हो गया।तो यह थी जया-पार्वती व्रत की कथा, अगर आप जानना चाहते हैं कि इस दिन विधि-विधान से पूजन किस प्रकार करें तो श्री मंदिर ऐप पर अवश्य जाएं। मैं अब आपसे लेती हूँ विदा। धन्यवाद!
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