Skanda Sashti Vrat Katha 2024 | स्कंद षष्ठी व्रत कथा

स्कंद षष्ठी व्रत कथा

जानिए स्कंद षष्ठी व्रत कथा 2024 में भगवान कार्तिकेय के जन्म की पूरी कहानी, जो पुराणों में वर्णित है।


स्कंद षष्ठी व्रत कथा | Skanda Sashti Vrat Katha

प्रिय साथियों आज हम आपको स्कन्द षष्ठी की व्रत कथा सुनाएंगे। कुमार कार्तिकेय के जन्म का वर्णन हमें पुराणों में ही मिलता है। जब देवलोक में असुरों ने आतंक मचाया हुआ था, तब देवताओं को पराजय का सामना करना पड़ा था।
लगातार हो रहे राक्षसों के आतंक से सभी देवतागण परेशान थे। ऐसे में देवताओं ने भगवान ब्रह्मा से मदद की गुहार मांगी। देवताओं ने अपनी समस्या का पूरा वृतांत ब्रह्मा जी को बताया। जिसपर ब्रह्मा जी ने कहा कि भगवान शिव के पुत्र द्वारा ही इन असुरों का नाश होगा, लेकिन उस काल चक्र में माता सती के वियोग में भगवान शिव समाधि में लीन थे।

स्कन्द षष्ठी पौराणिक कहानी

ऐसे में इंद्र और सभी देवताओं ने भगवान शिव को समाधि से जगाने के लिए भगवान कामदेव की मदद मांगी। जिसके बाद कामदेव ने खुद भस्म होकर भगवान भोलेनाथ की तपस्या को भंग कर दिया। और फिर आखिरकार भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया। विवाह के बाद वो दोनों देवदारु वन में एकांतवास के लिए चले गए।

उस वक्त भगवान शिव और माता पार्वती एक गुफा में निवास कर रहे थे। उस वक्त एक कबूतर गुफा में चला गया और उसने भगवान शिव के वीर्य का पान कर लिया परंतु वह इसे सहन नहीं कर पाया और भागीरथी को सौंप दिया।

गंगा की लहरों के कारण वीर्य 6 भागों में विभक्त हो गया और इससे 6 बालकों का जन्म हुआ। यह 6 बालक मिलकर 6 सिर वाले बालक बन गए। इस प्रकार कार्तिकेय का जन्म हुआ।

तो ये थी स्कन्द षष्ठी की व्रत कथा के बारे में संपूर्ण जानकारी। ऐसे ही अन्य व्रत कथा जानने के लिए श्री मंदिर पर उपलब्ध पौराणिक कथाओं को भी अवश्य पढ़ें।

श्री मंदिर द्वारा आयोजित आने वाली पूजाएँ

देखें आज का पंचांग

slide
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?

Download Sri Mandir app now !!

Connect to your beloved God, anytime, anywhere!

Play StoreApp Store
srimandir devotees
digital Indiastartup Indiaazadi

© 2024 SriMandir, Inc. All rights reserved.