2025 में सावन का तीसरा सोमवार कब है? जानें इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने का सरल तरीका और पूजन विधि।
सावन का तीसरा सोमवार भगवान शिव की आराधना का विशेष दिन होता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, जलाभिषेक करते हैं और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते हैं। यह दिन मनोकामनाओं की पूर्ति का प्रतीक माना जाता है।
सावन मास भगवान शिव की भक्ति का पवित्र महीना होता है। यह महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित है और भक्त इस दौरान उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। सावन के सोमवार का विशेष महत्व है, खासकर तीसरा सोमवार, जो कई मायनों में अनूठा माना जाता है। 2025 में सावन का तीसरा सोमवार कब पड़ेगा, इसकी तारीख और शुभ मुहूर्त जानना भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि वे अपनी पूजा विधियों का ठीक से पालन कर सकें।
वर्ष 2025 में सावन का महीना विशेष फलदायी होगा। सावन का तीसरा सोमवार 28 जुलाई, 2025 को पड़ रहा है। यह दिन भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का अनुपम अवसर होगा।
मुहूर्त की बात करें तो, चूंकि सावन के सोमवार की पूजा पूरे दिन की जाती है, इसलिए भक्त सूर्योदय से सूर्यास्त तक किसी भी शुभ समय में पूजा कर सकते हैं। हालांकि, कुछ विशेष मुहूर्त होते हैं जो पूजा के लिए अधिक फलदायी माने जाते हैं:
तिथि: सावन का तृतीय सोमवार, 28 जुलाई को शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पड़ रहा है।
चतुर्थी तिथि 27 जुलाई, रविवार को रात 10 बजकर 41 मिनट पर प्रारंभ होगी और 28 जुलाई, सोमवार को रात 11 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी।
मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | 04:17 AM से 04:59 AM |
प्रातः सन्ध्या | 04:38 AM से 05:40 AM |
अभिजित मुहूर्त | 2:00 PM से 12:55 PM |
विजय मुहूर्त | 02:43 PM से 03:37 PM |
गोधूलि मुहूर्त | 07:15 PM से 07:36 PM |
सायाह्न सन्ध्या | 07:15 PM से 08:17 PM |
अमृत काल | 10:52 AM से 12:33 PM |
रात्रिकालीन शुभ मुहूर्त | 29 जुलाई को 12:07 AM से 12:49 AM |
रवि योग | 05:40 AM से 05:35 PM |
सावन के तीसरे सोमवार की पूजा विधि अत्यंत सरल और भक्तिपूर्ण होती है। इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और स्वच्छ वस्त्र धारण करते हैं। पूजा के लिए घर के मंदिर या किसी शिवालय में जाते हैं।
सावन के तीसरे सोमवार का विशेष महत्व कई कारणों से है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, इस सोमवार को "पवित्र सोमवार" के रूप में भी जाना जाता है। यह वह समय होता है जब सावन का महीना अपनी चरम सीमा पर होता है और भगवान शिव की ऊर्जा अपने सबसे प्रबल रूप में होती है।
इसके अलावा, कुछ लोककथाओं और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सावन के तीसरे सोमवार को देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी और इसी दिन उनकी तपस्या पूर्ण हुई थी। इसलिए, अविवाहित लड़कियां और लड़के उत्तम जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखते हैं।
विवाहित जोड़े अपने वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि के लिए इस व्रत का पालन करते हैं।
सावन का तीसरा सोमवार विशेष रूप से मनवांछित फल प्राप्त करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन वैवाहिक जीवन में मधुरता लाने, संतान प्राप्ति और रोगों से मुक्ति पाने के लिए भी शुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव अपने भक्तों की सभी प्रार्थनाएं सुनते हैं और उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
सावन के तीसरे सोमवार का व्रत करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
सावन के तीसरे सोमवार के व्रत में सात्विक भोजन का विशेष महत्व होता है।
सावन का तीसरा सोमवार भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर है। इन नियमों का पालन करते हुए और सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करके भक्त अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि ला सकते हैं।
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