मानसिक और शारीरिक शक्ति के लिए श्रावण दर्श अमावस्या रुद्रप्रयाग तीर्थ विशेष 10 महाविद्या पूजा, रात्रि तंत्र युक्त सूक्तम और हवन
मानसिक और शारीरिक शक्ति के लिए श्रावण दर्श अमावस्या रुद्रप्रयाग तीर्थ विशेष 10 महाविद्या पूजा, रात्रि तंत्र युक्त सूक्तम और हवन
मानसिक और शारीरिक शक्ति के लिए श्रावण दर्श अमावस्या रुद्रप्रयाग तीर्थ विशेष 10 महाविद्या पूजा, रात्रि तंत्र युक्त सूक्तम और हवन
मानसिक और शारीरिक शक्ति के लिए श्रावण दर्श अमावस्या रुद्रप्रयाग तीर्थ विशेष 10 महाविद्या पूजा, रात्रि तंत्र युक्त सूक्तम और हवन
मानसिक और शारीरिक शक्ति के लिए श्रावण दर्श अमावस्या रुद्रप्रयाग तीर्थ विशेष 10 महाविद्या पूजा, रात्रि तंत्र युक्त सूक्तम और हवन
मानसिक और शारीरिक शक्ति के लिए श्रावण दर्श अमावस्या रुद्रप्रयाग तीर्थ विशेष 10 महाविद्या पूजा, रात्रि तंत्र युक्त सूक्तम और हवन
मानसिक और शारीरिक शक्ति के लिए श्रावण दर्श अमावस्या रुद्रप्रयाग तीर्थ विशेष 10 महाविद्या पूजा, रात्रि तंत्र युक्त सूक्तम और हवन
श्रावण दर्श अमावस्या रुद्रप्रयाग तीर्थ विशेष

10 महाविद्या पूजा, रात्रि तंत्र युक्त सूक्तम और हवन

मानसिक और शारीरिक शक्ति के लिए
temple venue
कालीमठ मंदिर, रूद्रप्रयाग, उत्तराखंड
pooja date
3 अगस्त, शनिवार, श्रावण कृष्ण अमावस्या (03:50 दोपहर से)
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

मानसिक और शारीरिक शक्ति के लिए श्रावण दर्श अमावस्या रुद्रप्रयाग तीर्थ विशेष 10 महाविद्या पूजा, रात्रि तंत्र युक्त सूक्तम और हवन

दस महाविद्याओं को देवी दुर्गा का स्वरूप एवं सभी सिद्धियों की दाता माना जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त इन दस महाविद्याओं की पूजा करते हैं, वे सभी सांसारिक सुखों को प्राप्त करते हैं। दर्श अमावस्या का दिन तांत्रिक साधनाओं में बहुत महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दस महाविद्या की पूजा करने से भक्तों को मानसिक और शारीरिक शक्ति प्राप्त होती है। दस महाविद्या पूजा के साथ-साथ इस दिन रात्रि तंत्र युक्त सूक्त और हवन करना बहुत शुभ माना जाता है। दुर्गा सप्तशती के पहले अध्याय में पाया जाने वाला रात्रि तंत्र युक्त सूक्त भगवान ब्रह्मा द्वारा रचित एक स्तोत्र है जो देवी दुर्गा को समर्पित है। जब दस महाविद्याओं की पूजा के साथ इस सूक्त का पाठ किया जाता है, तो इससे बहुत लाभ होता है। यह व्यक्ति की इच्छाओं को पूरा करने में मदद करता है और लाभकारी परिणाम देता है।

दस महाविद्याओं में से प्रथम महाविद्या मां काली मुख्य रूप से रुद्रप्रयाग में स्थित कालीमठ मंदिर में विराजमान हैं। भगवान शिव को रुद्र देव के नाम से भी जाना जाता है और रुद्रप्रयाग का नाम भगवान शिव के नाम पर ही पड़ा है। यह क्षेत्र उत्तराखंड में चार धाम तीर्थयात्रियों का प्रवेश द्वार है। भगवान शिव के प्रिय माह श्रावण में रुद्रप्रयाग तंत्रपीठ क्षेत्र में दस महाविद्याओं की पूजा करने से भक्तों को मानसिक और शारीरिक शक्ति का आशीर्वाद मिलता है। वहीं शास्त्रों में शनिवार का दिन देवी मां की पूजा के लिए शुभ बताया गया है। कहा जाता है कि जो भक्त दस महाविद्याओं को प्रसन्न करना चाहते हैं उन्हें इस दिन देवी की विशेष पूजा करनी चाहिए। इसलिए तंत्रपीठ कालीमठ मंदिर, रुद्रप्रयाग में शनिवार और श्रावण दर्श अमावस्या के शुभ संयोग पर दस महाविद्या पूजा, रात्रि तंत्र युक्त सूक्त और हवन का आयोजन किया जाएगा

पूजा लाभ

puja benefits
मानसिक और शारीरिक शक्ति प्राप्त करें
10 महाविद्या को शक्ति और बल की देवी भी माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, 10 महाविद्या पूजा, रात्रि तंत्र युक्त सूक्तम और हवन कराने से जातक को जीवन में बाधाओं से तो मुक्ति मिलती ही हैं, साथ ही मानसिक और शारीरिक शक्ति का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इस अनुष्ठान को करने से जातक के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, वहीं इसके अलावा मानसिक स्थिरता एवं स्पष्टता की भावना बढ़ती है।
puja benefits
सभी इच्छाओं की पूर्ति
10 महाविद्या पूजा, रात्रि तंत्र युक्त सूक्तम और हवन करने से जातक की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती है। यह पूजा तंत्रपीठ कालिमठ मंदिर में करने से मनोकामना पूर्ति में आने वाली सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है और साथ ही देवी की कृपा से भक्तों का जीवन संतोषजनक, खुशहाल और शांतिपूर्ण व्यतित होता है।
puja benefits
नकारात्मक शक्तियों का विनाश
दस महाविद्याएँ शक्तिशाली स्त्री ऊर्जा का प्रतीक हैं। मान्यताओं के अनुसार दस महाविद्या पूजा और माँ काली तंत्र युक्त हवन में भाग लेने से नकारात्मक ऊर्जाओं और बाधाओं को दूर किया जा सकता है। माना जाता है कि इस पूजा में भाग लेने से भक्तों को निर्भयता का अनुभव होता है वहीं इसके अलावा उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा की प्रचुरता प्राप्त हो सकती है।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
Number-1

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गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
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हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा का लाइव अपडेट्स प्राप्त करें।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

कालीमठ मंदिर, रूद्रप्रयाग, उत्तराखंड

कालीमठ मंदिर, रूद्रप्रयाग, उत्तराखंड
रुद्रप्रयाग जिले में गुप्तकाशी शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है कालीमठ मंदिर। ये पवित्र मंदिर माँ काली को समर्पित है, जो उग्र देवी के रूप में विराजमान हैं। यहां विराजित मां काली अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उनके जीवन से बुरी शक्तियों का विनाश करती हैं। यह एकमात्र ऐसा स्थान है जहां मां काली अपनी बहनों माता लक्ष्मी और मां सरस्वती के साथ विराजित हैं। इस मंदिर से आठ किलोमीटर की ऊंचाई पर एक दिव्य चट्टान है। इस शीला को कालीशिला के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस स्थान पर शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज राक्षसों से परेशान देवी-देवताओं ने मां भगवती की तपस्या की थी।

तब यहां माँ भगवती 12 वर्ष की बालिका के रूप में प्रकट हुईं, कालीशिला में देवताओं के 64 यंत्र हैं। असुरों के आतंक के बारे में सुनकर माता का शरीर क्रोध से काला पड़ गया और उन्होंने क्रोध का रूप धारण कर लिया। युद्ध में माता ने दोनों राक्षसों का वध कर दिया। इन 64 यंत्रों से मां को मिली थी शक्ति कालीमठ मंदिर की सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसमें कोई मूर्ति नहीं है। कालीमठ मंदिर में एक कुंड है, जो चांदी के बोर्ड/श्रीयंत्र से ढका हुआ है। भक्त मंदिर के अंदर स्थित कुंड की पूजा करते हैं, यह पूरे वर्ष में केवल शारदीय नवरात्र में अष्टमी को खोला जाता है। दिव्य देवी को बाहर निकाला जाता है और पूजा भी आधी रात को ही की जाती है, तब केवल मुख्य पुजारी ही उपस्थित होते हैं।

पूजा का चयन करें

851

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
कालीमठ मंदिर में दस महाविद्याएं को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
कालीमठ मंदिर में दस महाविद्याएं को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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