शारीरिक और मानसिक कल्याण का आशीष प्राप्ति के लिए श्रावण प्रथम सोमवार काशी विशेष महाभिषेक पूजा
शारीरिक और मानसिक कल्याण का आशीष प्राप्ति के लिए श्रावण प्रथम सोमवार काशी विशेष महाभिषेक पूजा
शारीरिक और मानसिक कल्याण का आशीष प्राप्ति के लिए श्रावण प्रथम सोमवार काशी विशेष महाभिषेक पूजा
शारीरिक और मानसिक कल्याण का आशीष प्राप्ति के लिए श्रावण प्रथम सोमवार काशी विशेष महाभिषेक पूजा
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शारीरिक और मानसिक कल्याण का आशीष प्राप्ति के लिए श्रावण प्रथम सोमवार काशी विशेष महाभिषेक पूजा
श्रावण प्रथम सोमवार काशी विशेष

4 प्रहर काशी विशेष महाभिषेक पूजा

शारीरिक और मानसिक कल्याण का आशीष प्राप्ति के लिए
temple venue
श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
pooja date
5 अगस्त, सोमवार, श्रावण शुक्ल प्रतिपदा (शाम 06:03 बजे तक)
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

शारीरिक और मानसिक कल्याण का आशीष प्राप्ति के लिए श्रावण प्रथम सोमवार काशी विशेष महाभिषेक पूजा

भारत वर्ष में दो तरह के पंचांग का अनुसरण किया जाता है, जिसमें उत्तर भारत के पंचांग में पूर्णिमा के बाद महीने की शुरूआत होती है जबकि दक्षिण भारत के पंचांग में अमावस्या के बाद माह का आरंभ होता है, यही कारण है कि इन दोनों पंचांगों में 15 दिन का अंतर देखने को मिलता है। दक्षिण भारत के पंचांगानुसार श्रावण का पवित्र महीना अमावस्या के अगले दिन से शुरू होता है, जो इस वर्ष 5 अगस्त को है।

श्रावण के पहले सोमवार के 4 प्रहर काल, दुख, दरिद्रता और पीड़ा को दूर करने के लिए काफी शक्तिशाली माने जाते हैं। सनातन धर्म के अनुसार, ये चार प्रहर धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के प्रतीक हैं। हिंदू धर्म में श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है। इस माह में भगवान शिव की पूजा करने से वो अत्यंत शीघ्र प्रसन्न होते हैं। भगवान भोलेनाथ की पूजा कई प्रकार से की जाती है, जिनमें रुद्राभिषेक अत्यंत ही शुभ एवं फलदायी माना गया है। कहा जाता है कि रुद्राभिषेक से शिव को प्रसन्न करने से असंभव को भी संभव करने की शक्ति प्राप्त होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण माह में सोमवार को भगवान शिव का अभिषेक करने से जो पुण्य मिलता है, वह पूरे साल भगवान शिव की पूजा करने से मिलने वाले पुण्य के बराबर होता है। इस साल श्रावण माह में यह शुभ संयोग बन रहा है कि इसकी शुरुआत सोमवार से हो रही है और समापन भी सोमवार को ही हो रहा है। इसलिए श्रावण के पहले सोमवार पर चार प्रहर की पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इन चार प्रहर में भोलेनाथ का महाभिषेक करने से भक्तों को अच्छे स्वास्थ्य, वैवाहिक सुख, आर्थिक समृद्धि और पापों से मुक्ति का आशीर्वाद मिलता है। ये चार प्रहर धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के प्रतीक हैं।

👉पहला प्रहर, जिसे प्रदोष काल के नाम से जाना जाता है। यह शाम 6:00 बजे शुरू होता है और रात 8:00 बजे खत्म होता है। इस दौरान भगवान शिव का भस्म और गंगाजल से विशेष अभिषेक किया जाएगा।

👉दूसरा प्रहर, रात 9:00 बजे शुरू होता है और रात 11:00 बजे तक है। जिस दौरान भगवान शिव का दूध और भांग से विशेष अभिषेक किया जाएगा।

👉तीसरा प्रहर, रात 1:00 बजे लेकर सुबह 3:00 बजे तक है, इस दौरान विशेष अभिषेक के लिए गन्ने के रस और शहद का इस्तेमाल किया जाएगा।

👉वहीं चौथे और अंतिम प्रहर की पूजा सुबह 3:30 बजे से सुबह 5:30 बजे तक है, हिंदू शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त का समय सबसे शुभ समय होता है, जिसमें भगवान शिव के महाभिषेक पूजा 11 फलों के रस और पंचामृत यानी दूध, दही, शहद, चीनी और घी के मिश्रण से षोडशोपचार अभिषेक के साथ पूरी कि जाएगी।

भगवान शिव की नगरी काशी में श्रावण के प्रथम सोमवार पर पहली बार यह 4 प्रहर महाभिषेक पूजा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और भगवान शिव की कृपा से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का आशीष पाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
आंतरिक शांति एवं पापों से मुक्ति के आशीष के लिए
भगवान शिव की पूजा में भस्म का काफी महत्व है। भस्म सृजन और अपरिहार्य अंत दोनों का प्रतीक है। भस्म से अभिषेक करने से आत्मा की शुद्धि होती है, पापों एवं नकारात्मक कर्मों से मुक्ति मिलती है। वहीं, मान्यता है कि गंगाजल से रुद्राभिषेक करने से आंतरिक शांति और ऊर्जा बढ़ती है। इसके अलावा, शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि गंगाजल से रुद्राभिषेक करने से घर के क्लेश दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
puja benefits
सभी इच्छाओं की पूर्ति एवं बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए
मान्यता है कि श्रावण सोमवार के शुभ दिन पर शिवलिंग पर दूध से रुद्राभिषेक करने से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती है। यह मानसिक तनाव को कम करता है एवं चिंताओं को कम करता है। इसके अलावा, भांग से रुद्राभिषेक करने से मानसिक तनाव कम होता है एवं आत्मा को शांति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि इस अनुष्ठान से भगवान शिव की असीम कृपा मिलती है और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य का आशीर्वाद मिलता है।
puja benefits
अच्छी सेहत और धन का आशीर्वाद प्राप्त करें
मान्यता है कि शहद से शिवलिंग का अभिषेक करने से अच्छी सेहत का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा, गन्ने के रस से अभिषेक करने से भगवान शिव के आशीर्वाद के साथ देवी लक्ष्मी की कृपा भी मिलती है। ऐसी मान्यता है कि इस अनुष्ठान से भक्तों को वित्तीय समस्याओं और कर्ज से मुक्ति मिलती है, साथ ही व्यापार में होने वाले नुकसान से भी सुरक्षा मिलती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव और देवी लक्ष्मी अपने भक्तों को अपार धन का आशीष प्रदान करते हैं।
puja benefits
पांच दोषों का नाश और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा
श्रावण सोमवार के शुभ दिन पर षोडशोपचार अभिषेक के साथ पंचामृत शिव अभिषेक करने से पांच दोष खत्म होते हैं: काम (वासना), क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार जिससे मन शुद्ध होता है। मान्यता है कि यह अभ्यास सभी प्रकार के पापों को नष्ट करता है और व्यक्ति के प्रयासों में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करता है। इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि भगवान शिव का पंचामृत अभिषेक करने से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे बुरी और नकारात्मक ऊर्जाएं एवं बुरे प्रभाव दूर रहते हैं।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
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3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश

श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
भोलेनाथ की नगरी काशी में स्थित ओंकारेश्वर महादेव मंदिर, भगवान शिव को समर्पित प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। भगवान शिव के इस अति प्राचीन मंदिर को लेकर कई कथाएं प्रचलित है। काशी खंड के 86वें अध्याय में इस मंदिर का जिक्र किया गया है। इतना ही नहीं शिव महापुराण में ओंकारेश्वर के प्राकट्य और महात्म्य की कथा दी गई है। बताया जाता है कि यहां पर शिव पंचायत के पांच प्रतीक मौजूद थे, लेकिन वर्तमान में 3 शिवलिंग जिनमें अकारेश्वर, ओंकारेश्वर और मकरेश्वर स्थापित हैं।

मान्यता है कि यहां दर्शन कर लेने से ब्रह्मांड के सभी शिव मंदिरों के दर्शन के बराबर फल प्राप्त होता है। बताया जाता है कि स्वयं ब्रह्मा जी ने यहां बैठकर तपस्या की थी। श्रृष्टि के निर्माण के बाद उन्होंने भगवान शिव से अनुरोध किया था जिसके बाद भोलेनाथ इस स्थान ओंकारेश्वर रूप में प्रकट हुए थे। भगवान शिव के आशीर्वाद की कामना करने वाले भक्तों के लिए ये मंदिर प्रमुख केंद्र माना जाता है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से जातक को आध्यात्मिक ज्ञान और जन्म- मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।

पूजा का चयन करें

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व्यक्तिगत पूजा

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पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पार्टनर पूजा

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पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
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आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री ओंकारेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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