अच्छे स्वास्थ्य एवं पापों से मुक्ति का आशीष पाने के लिए श्रावण महा सोमवार गंगोत्री धाम विशेष शिव-गंगा पूजन और गंगा दूध अभिषेक
अच्छे स्वास्थ्य एवं पापों से मुक्ति का आशीष पाने के लिए श्रावण महा सोमवार गंगोत्री धाम विशेष शिव-गंगा पूजन और गंगा दूध अभिषेक
अच्छे स्वास्थ्य एवं पापों से मुक्ति का आशीष पाने के लिए श्रावण महा सोमवार गंगोत्री धाम विशेष शिव-गंगा पूजन और गंगा दूध अभिषेक
अच्छे स्वास्थ्य एवं पापों से मुक्ति का आशीष पाने के लिए श्रावण महा सोमवार गंगोत्री धाम विशेष शिव-गंगा पूजन और गंगा दूध अभिषेक
अच्छे स्वास्थ्य एवं पापों से मुक्ति का आशीष पाने के लिए श्रावण महा सोमवार गंगोत्री धाम विशेष शिव-गंगा पूजन और गंगा दूध अभिषेक
अच्छे स्वास्थ्य एवं पापों से मुक्ति का आशीष पाने के लिए श्रावण महा सोमवार गंगोत्री धाम विशेष शिव-गंगा पूजन और गंगा दूध अभिषेक
श्रावण महा सोमवार गंगोत्री धाम विशेष

शिव-गंगा पूजन और गंगा दूध अभिषेक

अच्छे स्वास्थ्य एवं पापों से मुक्ति का आशीष पाने के लिए
temple venue
गंगा घाट, गंगोत्री धाम
pooja date
5 अगस्त, सोमवार, श्रावण शुक्ल प्रतिपदा (शाम 06:03 बजे तक)
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

अच्छे स्वास्थ्य एवं पापों से मुक्ति का आशीष पाने के लिए श्रावण महा सोमवार गंगोत्री धाम विशेष शिव-गंगा पूजन और गंगा दूध अभिषेक

भगवान शिव को “देवों के देव महादेव” भी कहा जाता है। शास्त्रों और पुराणों के अनुसार श्रावण माह भगवान शिव को समर्पित है और इस माह में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है। धार्मिक दृष्टिकोण से पवित्र श्रावण मास में भगवान शिव के साथ मां गंगा की पूजा करना भी काफी लाभदायक माना गया है। भगवान शिव और मां गंगा की एक साथ पूजा करने के पीछे एक पौराणिक कथा है। कथा के अनुसार उत्तराखंड के चार धामों में से एक, गंगोत्री धाम वह स्थान है जहां मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं थीं। यह वह स्थान है जहां रघुवंश के महान राजा भगीरथ ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव यहां प्रकट हुए और मां गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया ताकि उनके प्रवाह को शांत किया जा सके। इसलिए गंगोत्री धाम में भगवान शिव के साथ मां गंगा की पूजा का विशेष महत्व है। श्रावण मास में सोमवार के दिन यहां भक्त भगवान शिव के साथ मां गंगा की पूजा करके अच्छे स्वास्थ्य और पापों से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

श्रावण मास में भक्त महादेव को प्रसन्न करने के लिए कई अनुष्ठान करते हैं। इनमें से एक अनुष्ठान रुद्राभिषेक है। रुद्राभिषेक से जुड़ी एक मान्यता है कि जो भी भक्त किसी विशेष इच्छा को मन में रखकर भगवान शिव का अभिषेक करता है, उसकी इच्छा भगवान पूरी करते हैं। श्रावण मास के दौरान सोमवार को पवित्र गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करना विशेष महत्व रखता है। माना जाता है कि भगवान शिव का गंगा जल से जलाभिषेक करने से कई गुना अधिक पुण्य मिलता है और मां गंगा का दूध से अभिषेक करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसलिए श्रावण सोमवार के शुभ दिन पर गंगोत्री धाम में शिव-गंगा पूजन और गंगा दूध अभिषेक का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान शिव के साथ मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
अच्छे स्वास्थ्य के आशीर्वाद के लिए
मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास में सोमवार के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा, गंगा दूध अभिषेक करने से भक्तों को नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस अनुष्ठान से भगवान शिव और मां गंगा का दिव्य आशीष प्राप्त होता है और शांति की भावना जागृत होती है साथ ही शारीरिक और भावनात्मक संतुलन बनता है।
puja benefits
सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिए
माना जाता है कि श्रावण सोमवार के शुभ दिन पर भगवान शिव और मां गंगा की पूजा करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। चार धामों में से एक, गंगोत्री धाम में विशेष रूप से यह पूजा करने से कई गुना लाभ मिलने की मान्यता है।
puja benefits
पापों से मुक्ति के लिए
गंगोत्री धाम में श्रावण सोमवार को शिव-गंगा पूजन और गंगा दूध अभिषेक करने से भक्तों को उनके पापों से मुक्ति मिलती है। माना जाता है कि यह पवित्र अनुष्ठान आत्मा को शुद्ध करता है और भक्तों को पिछली गलतियों और नकारात्मक कर्मों से मुक्त करता है। भगवान शिव की पूजा करके और पवित्र गंगा जल से अभिषेक करके, भक्त आध्यात्मिक रूप से खुद को शुद्ध करना चाहते हैं।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा चयन करें

4 विभिन्न पूजा पैकेज ऑप्शन से चयन करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

अपनी पूजा के साथ गौ सेवा, वस्त्र दान, दीप दान भी करें। पूजा के लिए भुगतान करें।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

अपना नाम और गोत्र दर्ज करें।
Number-3

पूजा दिन

अनुभवी पंडितों द्वारा वैदिक प्रक्रिया के अनुसार पूजा होगी। आपको अपने WhatsApp नंबर पर अपडेट्स मिलेंगे।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

अपने पंजीकृत WhatsApp नंबर पर पूजा के 4-5 दिनों में पूजा वीडियो एबं आपके दिए गए पते पर 8-10 दिनों बाद तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें ।

गंगा घाट,गंगोत्री धाम

गंगा घाट,गंगोत्री धाम
उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। इस दिव्य भूमि पर पवित्र चार धाम यात्रा की जाती है। इस पवित्र भूमि पर स्थित पवित्र स्थानों में से एक गंगोत्री है। चार धाम यात्रा के दूसरे नंबर में गंगोत्री की यात्रा की जाती है। गंगोत्री गंगा नदी का उद्गम स्थल है, माना जाता है कि इस स्थान पर मां गंगा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगीरथ ने अपने पूर्वजों को मोक्ष प्राप्ति के लिए यहां तपस्या की थी और उनके अथक प्रयासों के बाद मां गंगा धरती पर आईं, लेकिन मां गंगा का वेग इतना तेज था कि अगर वह सीधे धरती पर गिरतीं तो धरती नष्ट हो जाती। प्रलय की स्थिति बन जाती और वह पाताल लोक चली जातीं। भक्तों की प्रार्थना पर भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में समेट लिया और उसके बाद मां गंगा कैलाश होते हुए धरती पर पहुंचीं और भगीरथ के पूर्वजों का उद्धार किया।

भगीरथ के प्रयासों के कारण ही गोमुख से बहने वाली गंगा को भागीरथी के नाम से भी जाना जाता है। कुछ दूर बहने के बाद जब यह देवप्रयाग में अलकनंदा नदी में मिल जाती है, तो इसे गंगा के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि राजा भगीरथ ने जिस पत्थर पर ध्यान लगाया था, वह आज भी यहाँ मौजूद है और इसे भगीरथ शिला के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि जो भी गंगा दशहरा के शुभ दिन गंगोत्री धाम में गंगा घाट पर पूजा करता है, उसे माँ गंगा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वह उन्हें पवित्रता, समृद्धि, पापों से मुक्ति और उनकी आध्यात्मिक यात्रा के लिए दिव्य कृपा प्रदान करती हैं।

पूजा का चयन करें

851

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पूजा-संकल्प में पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे।
आपके नाम-संकल्प से संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ शेयर किया जायेगा एवं तीर्थ-प्रसाद आपके दिए गए पते पर भेजा जायेगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे
आपके नाम-संकल्प के साथ संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ साझा किया जाएगा, और तीर्थ प्रसाद आपके द्वारा दिए गए पते पर भेजा जाएगा।

2001

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे
आपके नाम-संकल्प के साथ संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ साझा किया जाएगा, और तीर्थ प्रसाद आपके द्वारा दिए गए पते पर भेजा जाएगा।
पूजा के अंत में आपके नाम एवं गोत्र से गंगा जी का दुग्ध अभिषेक किया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पूजा संकल्प के दौरान पंडित जी आपके नाम और गोत्र का उच्चारण करेंगे
आपके नाम-संकल्प के साथ संपन्न हुई पूजा का वीडियो आपके साथ साझा किया जाएगा और तीर्थ प्रसाद आपके द्वारा दिए गए पते पर भेजा जाएगा।
पूजा के अंत में आपके नाम एवं गोत्र से गंगा जी का दुग्ध अभिषेक किया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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