परिवार के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए श्राद्ध द्वितीया यमुनोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं यम दंड निवारण पूजा
परिवार के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए श्राद्ध द्वितीया यमुनोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं यम दंड निवारण पूजा
परिवार के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए श्राद्ध द्वितीया यमुनोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं यम दंड निवारण पूजा
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परिवार के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए श्राद्ध द्वितीया यमुनोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं यम दंड निवारण पूजा
श्राद्ध द्वितीया यमुनोत्री धाम विशेष

पितृ दोष शांति महापूजा एवं यम दंड निवारण पूजा

परिवार के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए
temple venue
श्री यमुनोत्री धाम, उत्तरकाशी, उत्तराखंड
pooja date
19 सितम्बर, गुरुवार, श्राद्ध द्वितीया
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
srimandir devotees
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अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

परिवार के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए श्राद्ध द्वितीया यमुनोत्री धाम विशेष पितृ दोष शांति महापूजा एवं यम दंड निवारण पूजा

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए की सबसे शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष की हर तिथि का अपना विशेष महत्व होता है, जिसमें से द्वितिया तिथि एक है। इसे दूज श्राद्ध भी कहा जाता है। इस दिन उन पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं, जिनकी मृत्यु हिंदु पंचांग के अनुसार, द्वितिया तिथि पर हुई हो। पितृ पक्ष का समय पितृ दोष के निवारण के लिए भी शुभ माना जाता है। हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार 'पितृ दोष' पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं और नकारात्मक कर्मों के कारण होता है। इस दोष से पीड़ित जातक के जीवन में आर्थिक परेशानियां, रिश्तों में तनाव एवं विवाद और स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का सिलसिला लगा ही रहता है। माना जाता है कि पितृ दोष शांति महापूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। यदि इस पूजा के साथ यम दंड पूजा की जाए तो यह अत्यंत फलदायी हो सकती है। माना जाता है कि इन अनुष्ठानों को करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

शास्त्रों के अनुसार, यमुना देवी सूर्य देव की पुत्री और देव यमराज (मृत्यु के देवता) की बहन है। पौराणिक कथानुसार, जब यमुना देवी ने एक नदी के रूप में पृथ्वी पर प्रवाह शुरू किया, तब उनके भाई यमराज को मृत्यु लोक का अधिपति बनाया गया। इस अवसर पर यमुना देवी ने अपने भाई यमराज के साथ भाई दूज का पर्व मनाया। यमराज, अपनी बहन की भक्ति और प्रेम से प्रसन्न होकर, उनसे वरदान मांगने का आग्रह किया। यमुना देवी की प्रार्थना सुनकर यमराज ने उन्हें वरदान दिया कि जो भी व्यक्ति यमुना के पवित्र जल में स्नान करेगा या उनके तट पर श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा करेगा, उसे यमलोक का मार्ग नहीं देखना पड़ेगा। क्योंकि यमुना देवी स्वयं मृत्यु के देवता और पितरों के रक्षक यमराज की बहन हैं, इसलिए उनके जल में स्नान करने से मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है और व्यक्ति को मोक्ष प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए, पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध द्वितीया के शुभ अवसर पर श्री यमुनोत्री धाम में पितृ दोष शांति महापूजा और यम दंड निवारण पूजा आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा, पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
परिवार के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए
मान्यता है कि पितृ दोष परिवार के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, जिससे कई प्रकार की कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं। ऐसा माना जाता है कि पितृ दोष शांति महापूजा और यम दंड निवारण पूजा के माध्यम से इन नकारात्मक ऊर्जाओं को शांत किया जा सकता है। कहा जाता है कि इस अनुष्ठान में भाग लेने से परिवार का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
puja benefits
पितरों की आत्मा की शांति के लिए
पितृ दोष के कारण लोगों के जीवन में परेशानियां खत्म होने का नाम ही नहीं लेती हैं। व्यक्ति चाहे कितना भी प्रयास कर ले, कोई भी काम सफल नहीं होता है। पुराणों में पितृ दोष के निवारण के लिए पितृ दोष शांति महापूजा का प्रावधान है। मान्यता है कि श्राद्ध द्वितीया के पावन अवसर पर यम दंड निवारण पूजा के साथ पितृ दोष शांति महापूजा में शामिल होने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।
puja benefits
परिवार में खुशहाली के लिए
कई बार कुछ घरों में बिना किसी स्पष्ट कारण के खुशहाली की कमी या आर्थिक परेशानियां बनी रहती हैं। इसका एक कारण पितृ दोष भी माना जाता है। इसलिए माना जाता है कि श्राद्ध द्वितीया के शुभ अवसर पर पितृ दोष शांति महापूजा और यम दंड निवारण पूजा करने से परिवार को खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है।
puja benefits
पितृ पक्ष विशेष पंच भोग का महादान
पितृ पक्ष के दौरान होने वाले श्राद्ध कर्मों में दान का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस दौरान ब्राह्मण भोज के साथ गाय, कुत्ते, पक्षी और चींटी को भोजन कराना पुण्य माना गया है, जिसे पंच बलि यानि पंच भोग भी कहा जाता है। कहा जाता है अगर पितृ पक्ष में अगर इन्हें भोजन कराया जाता है तो पितृ इनके द्वारा खाए अन्न से तृप्त होते हैं और अपने वंशजों को आशीष देते हैं। इसलिए पूजा को बुक करते समय अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए इस ऑप्शन का चुनाव कर अपने पूर्वजों को तृप्त कर सकते हैं।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

संकल्प के लिए अपना नाम एवं गोत्र भरें।
Number-3

पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

श्री यमुनोत्री धाम, उत्तरकाशी, उत्तराखंड

श्री यमुनोत्री धाम, उत्तरकाशी, उत्तराखंड
यमुनोत्री धाम, पवित्र छोटे चार धाम यात्राओं में से एक है। जिसकी शुरुआत यहां से होती है। यहाँ तीर्थयात्री अपनी यात्रा को सुरक्षित और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए देवी यमुना का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। देवी यमुना को समर्पित यह मंदिर उत्तरकाशी जिले में, यमुना नदी के किनारे स्थित है। यमुनोत्री धाम की एक विशेष और अनोखी रस्म यह है कि यहां सूर्य कुंड नामक गर्म जलकुंड का उपयोग किया जाता है, जो मंदिर के निकट स्थित है। भक्तगण इस कुंड में आलू और चावल पकाते हैं और इन पके हुए सामानों को मंदिर में चढ़ाते हैं और चावल को प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं।

ऐतिहासिक रूप से, माना जाता है कि यमुनोत्री का मूल मंदिर 19वीं शताब्दी में जयपुर की महारानी गुलेरिया द्वारा बनवाया गया था। हालांकि, कुछ अन्य स्रोतों के अनुसार इसका निर्माण टिहरी गढ़वाल के महाराजा प्रताप शाह ने करवाया था। समय-समय पर, प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के कारण इस मंदिर का कई बार जीर्णोद्धार किया गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, ऋषि असित मुनि इस क्षेत्र में निवास करते थे और प्रतिदिन गंगा और यमुना दोनों नदियों में स्नान करते थे। अपनी वृद्धावस्था में, जब वह गंगोत्री तक यात्रा नहीं कर सके, तब उनके लिए यमुनोत्री के निकट गंगा की एक धारा चमत्कारिक रूप से प्रकट हुई, जिससे वे अपने नियमित स्नान को जारी रख सके। इसके अलावा, देवी यमुना को सूर्य देव की पुत्री और मृत्यु के देवता यमराज की बहन माना जाता है। मान्यता है कि जो भक्त यमुना देवी की पूजा करते हैं, उन्हें सूर्य देव और यमराज दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पूजा का चयन करें

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व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

1251

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3001

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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