दिवंगत आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध तृतीया मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा
दिवंगत आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध तृतीया मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा
दिवंगत आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध तृतीया मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा
दिवंगत आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध तृतीया मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा
दिवंगत आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध तृतीया मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा
दिवंगत आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध तृतीया मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा
दिवंगत आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध तृतीया मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा
दिवंगत आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध तृतीया मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा
श्राद्ध तृतीया मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष

नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा

दिवंगत आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
temple venue
अस्सी घाट, गंगा घाट, धर्मारण्य वेदी, काशी, हरिद्वार, गया
pooja date
20 सितम्बर, शुक्रवार, श्राद्ध तृतीया
पूजा बुकिंग बंद होने में शेष समय:
Day
Hour
Min
Sec
slideslideslide
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
अब तक2,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

दिवंगत आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्राद्ध तृतीया मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए की सबसे शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष की हर तिथि का अपना विशेष महत्व होता है, जिसमें से तृतीया तिथि एक है। पितृ पक्ष का समय पितृ दोष के निवारण के लिए भी शुभ माना जाता है। हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार 'पितृ दोष' पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं और नकारात्मक कर्मों के कारण होता है। इस दोष से पीड़ित जातक के जीवन में आर्थिक परेशानियां, रिश्तों में तनाव एवं विवाद और स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का सिलसिला लगा ही रहता है। माना जाता है कि तृतीया तिथि पर बाल्यावस्था में मृत हुए पूर्वजों के लिए नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा करना लाभदायक होता है, क्योंकि इस अनुष्ठान से उनकी आत्माओं को शांति मिलती है और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्राप्त होती है।

हिंदू धर्म में काशी के अस्सी घाट, हरिद्वार के गंगा घाट और गया की धर्मारण्य वेदी पर नारायण बलि, नाग बलि, और पितृ शांति महापूजा जैसे अनुष्ठानों का गहन आध्यात्मिक महत्व माना जाता है। मान्यता है कि ये अनुष्ठान दिवंगत आत्माओं की शांति, पैतृक दोष से मुक्ति और जीवन में आ रही विभिन्न कठिनाइयों का निवारण करने में सहायक होते हैं। पवित्र नदियों के तट पर इन पूजाओं को करने से इन अनुष्ठानों का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि नदियों के पवित्र जल से कर्म ऋण समाप्त हो जाते हैं। इसलिए पितृ पक्ष की श्राद्ध तृतीया तिथि के शुभ अवसर पर काशी के अस्सी घाट हरिद्वार के गंगा घाट और धर्मारण्य वेदी पर नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस संयुक्त पूजा में भाग लें और दिवंगत आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा, पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए
पितृ दोष के कारण जीवन में लगातार समस्याओं का सिलसिला लगा रहता है। पितृ दोष से ग्रसित जातक को मेहनत करने के बावजूद सफलता नहीं मिलती है। मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध तृतीया तिथि पर अस्सी घाट, गंगा घाट और धर्मारण्य वेदी पर नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।
puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध तृतीया तिथि पर अस्सी घाट, गंगा घाट और धर्मारण्य वेदी पर नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा करने से नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा मिलती है। शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष का समय पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किए गए सभी अनुष्ठानों के लिए सबसे शुभ होता है। इसलिए माना जाता है कि नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा मिलती है।
puja benefits
पारिवारिक विवादों को सुलझाने के लिए
कई बार कुछ घरों में पारिवारिक विवादों का कोई ठोस कारण नहीं होता, लेकिन हमेशा तनाव का माहौल बना रहता है। घर में विवादों का एक कारण पितृ दोष भी माना जाता है, इसलिए मान्यता है कि पितृ पक्ष की श्राद्ध तृतीया तिथि पर नारायण बलि, नाग बलि और पितृ शांति महापूजा करने से पारिवारिक विवादों से मुक्ति का वरदान मिलता है।
puja benefits
पितृ पक्ष विशेष पंच भोग का महादान
पितृ पक्ष के दौरान होने वाले श्राद्ध कर्मों में दान का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस दौरान ब्राह्मण भोज के साथ गाय, कुत्ते, पक्षी और चींटी को भोजन कराना पुण्य माना गया है, जिसे पंच बलि यानि पंच भोग भी कहा जाता है। कहा जाता है अगर पितृ पक्ष में अगर इन्हें भोजन कराया जाता है तो पितृ इनके द्वारा खाए अन्न से तृप्त होते हैं और अपने वंशजों को आशीष देते हैं। इसलिए पूजा को बुक करते समय अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए इस ऑप्शन का चुनाव कर अपने पूर्वजों को तृप्त कर सकते हैं।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

संकल्प के लिए अपना नाम एवं गोत्र भरें।
Number-3

पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

अस्सी घाट, गंगा घाट, धर्मारण्य वेदी, काशी, हरिद्वार, गया

अस्सी घाट, गंगा घाट, धर्मारण्य वेदी, काशी, हरिद्वार, गया
सनातन धर्म में मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान मोक्ष स्थली पर पितृ दोष पूजा करना लाभदायक होता है। इसलिए इस वर्ष पितृ पक्ष के दौरान काशी के अस्सी घाट, हरिद्वार के गंगा घाट और गया में स्थित धर्मारण्य वेदी जैसे मोक्ष तीर्थों पर संयुक्त महापूजा का आयोजन किया जा रहा है। यह महापूजा भक्तों को गहन आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करेगी।

काशी में अस्सी घाट गंगा नदी के तट पर स्थित है। काशी को भगवान शिव की नगरी भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त या विशेष धार्मिक दिनों में यहां पर कोई भी अनुष्ठान करने या गंगा में पवित्र स्नान करने से अपार आशीर्वाद मिलता है और आध्यात्मिक मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। इस पवित्र स्थान पर नारायण बलि करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और आत्माओं को मुक्ति मिलती है।

हरिद्वार में गंगा घाट को इसलिए पवित्र माना जाता है क्योंकि यहां गंगा नदी पहाड़ों से मैदानों में उतरती है। इस स्थल पर नाग बलि करने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस घाट पर नाग बलि देने से दिवंगत आत्माओं को शांति मिलती है। गया में धर्मारण्य वेदी पितृ दोष के निवारण के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। यहां श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। यह स्थान भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ है, इसलिए यहां की गई पितृ पूजा से पितरों को शांति मिलती है।

पूजा का चयन करें

1501

व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

2151

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

2851

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

3501

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं

पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

कैसा रहा श्री मंदिर पूजा सेवा का अनुभव?

क्या कहते हैं श्रद्धालु?
User review
User Image

जय राज यादव

दिल्ली
User review
User Image

रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
User review
User Image

अपर्णा मॉल

पुरी
User review
User Image

शिवराज डोभी

आगरा
User review
User Image

मुकुल राज

लखनऊ

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों