हिंदू धर्म में पूर्णिमा के दिन का विशेष महत्व होता है। इस दिन, भगवान विष्णु और भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस वर्ष भाद्रपद पूर्णिमा के दिन शिव वास योग भी बन रहा है, जिससे यह दिन भगवान शिव की पूजा के लिए और भी अधिक शुभ हो जाता है। इस दिन भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कई अनुष्ठान करते हैं, जिसमें से एक है एकादश शिव रुद्र मंत्र जाप। पौराणिक कथानुसार, एक बार असुरों ने मिलकर सभी देवताओं को परास्त कर, इंद्रलोक पर कब्जा कर लिया। पराजित होने के बाद इंद्र देव सहायता के लिए अपने पिता ऋषि कश्यप के पास गए और उनसे मदद मांगी। तब ऋषि कश्यप ने घोर तपस्या से भगवान शिव को प्रसन्न किया और 11 रुद्रों को अपने पुत्र के रूप में प्राप्त किया। इन रुद्र अवतारों ने सभी असुरों का संहार किया और देवताओं को विजय दिलाई। शिव पुराण में इन 11 रुद्र अवतारों को - कपाली, पिंगल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपदा, अहिर्बुध्न्य, शम्भु, चण्ड और भव के नाम से जाना जाता है। पुराणों में इन 11 रुद्र अवतारों की पूजा के लिए मंत्र समर्पित है। माना जाता है कि इन एकादश (11) शिव रुद्र अवतारों को समर्पित मंत्र का जाप करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति और बेहतर स्वास्थ्य का आशीष प्राप्त होता है।
यदि इस शुभ दिन पर एकादश शिव रुद्र मंत्र जाप के साथ रुद्राभिषेक भी किया जाए तो इस पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। रुद्राभिषेक का अर्थ है रुद्र रूपी शिवलिंग का मंत्रोच्चार के साथ पवित्र जल, दूध, शहद और अन्य सामग्रियों से स्नान कराना। माना जाता है कि रुद्र रुप में प्रतिष्ठित शिव मनुष्य के दुखों को शीघ्र ही समाप्त कर देते हैं। वहीं यह पूजा अगर महाकाल की नगरी उज्जैन में की जाए तो यह अत्यंत फलदायी हो सकती है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सबसे प्रमुख महाकाल बाबा मध्यप्रदेश के उज्जैन में विराजमान हैं। इसलिए इसे महाकाल की नगरी उज्जैन कहा जाता है। यहां विराजित प्राचीन पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में भगवान पशुपतिनाथ की आठ मुख वाली दिव्य मूर्ति है, जिसे दुर्लभ और पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इस प्राचीन मंदिर में पूजा करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक संतुष्टि मिलती है। इसलिए पूर्णिमा तिथि और शिव योग के शुभ अवसर पर महाकाल की नगरी उज्जैन के पशुपतिनाथ मंदिर में 1008 एकादश शिव रुद्र मंत्र जाप एवं रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान शिव द्वारा अच्छे स्वास्थ्य और सभी इच्छाओं की पूर्ति एवं बेहतर स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त करें।