सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए की सबसे शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष की हर तिथि का अपना विशेष महत्व होता है, जिसमें से एक है नवमी तिथि। इस दिन उन लोगों का श्राद्ध या पूजा की जाती है, जिनका निधन किसी भी माह की नवमी तिथि को हुआ हो। पितृ पक्ष का समय पितृ दोष के निवारण के लिए भी शुभ माना जाता है। हिंदु धर्मग्रंथों के अनुसार, 'पितृ दोष' हमारे पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं और नकारात्मक कर्मों के कारण होता है। इस दोष के कारण आर्थिक परेशानियां, रिश्तों में तनाव एवं विवाद और स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का सिलसिला लगा ही रहता है। गरुड़ पुराण के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान भगवान विष्णु की पूजा करने से पितृ दोष से राहत मिलती है। भगवान विष्णु ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जो सृष्टि का पालन करते हैं और मृत्यु के बाद मनुष्य को मोक्ष प्रदान करते हैं। भगवान विष्णु को पितरों का अधिपति कहा जाता है।
मान्यता है कि श्राद्ध नवमी पर भगवान विष्णु को समर्पित श्री द्वादशाक्षरी मंत्र का जाप करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में खुशहाली आती है। मथुरा में स्थित दीर्घ विष्णु मंदिर भगवान विष्णु की पूजा के लिए सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। दीर्घ विष्णु मंदिर का उल्लेख वराह पुराण, नारद पुराण और श्रीमद्भगवद्गीता में भी मिलता है। वराह पुराण के अनुसार भगवान विष्णु कहते हैं कि मथुरा से बढ़कर उन्हें धरती, आकाश या पाताल में कोई स्थान प्रिय नहीं है। इसलिए पितृ पक्ष की श्राद्ध नवमी पर मथुरा के दीर्घ विष्णु मंदिर में 11,000 पितृ आदिपति विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान विष्णु के साथ-साथ अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।