जीवन की समस्याओं से राहत पाने की सबसे फलदायी तिथि
जब जीवन में बार-बार रुकावटें आएं, मन भ्रमित रहे और सही-गलत का निर्णय कठिन हो जाए तो यह राहु दोष का प्रभाव हो सकता है। शास्त्रों में राहु को भ्रम और मायाजाल का कारक माना गया है, जो व्यक्ति को गलत दिशा में ले जाता है और सफलता के रास्ते में अड़चनें पैदा करता है। इसका एक प्रभावी और दिव्य समाधान है, जो शास्त्रों में विधि-विधान से बताया गया है।
देवउठनी एकादशी का शुभ अवसर, जब भगवान श्री विष्णु 4 महीने के विश्राम के बाद पुनः जागृत होते हैं, तब श्री नारायण और माँ बगलामुखी के संयुक्त आशीर्वाद से जीवन में खुशहाली की दिशा पाई जा सकती है। साथ ही इस तिथि पर 18,000 मूल मंत्रों की शक्ति से राहु दोष के प्रभाव भी शांत हो सकते हैं। यह दिन नकारात्मक शक्तियों को रोकने और जीवन में स्पष्टता लाने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
🕉️ दिव्य कथा और शक्ति
राहु की कथा समुद्र मंथन से जुड़ी है। जब अमृत निकला, तब स्वर्भानु ने छल से अमृत पीने का प्रयास किया। तब भगवान श्री विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर राहु के भ्रम को तोड़ा और उसका सिर अलग कर दिया। यह घटना बताती है कि राहु के भ्रम को श्री नारायण ही समाप्त कर सकते हैं। वहीं, माँ बगलामुखी को स्तंभन शक्ति की अधिष्ठात्री माना गया है। वे नकारात्मक शक्तियों, शत्रुओं और बुरी नज़र को रोकती हैं। उनके आशीर्वाद से मन स्थिर होता है, निर्णय क्षमता मजबूत होती है और बाधाएं थम सकती हैं।
उज्जैन में दिव्य अनुष्ठान:
उज्जैन के दो पवित्र मंदिरों में यह विशेष नारायण–बगलामुखी महायज्ञ और 18,000 राहु मूल मंत्र जाप किया जाएगा:
पहले, भगवान नारायण की पूजा और प्रार्थना की जाती है, ताकि ज्ञान, साहस और मन की स्पष्टता मिले।
फिर, माँ बगलामुखी महायज्ञ से एक दिव्य रक्षा कवच तैयार होता है, जो नकारात्मक प्रभाव और बाधाओं को रोक सकता है।
अंत में, 18,000 राहु मूल मंत्र जप से राहुदेव शांत होकर बाधाओं को अवसरों में बदलने की शक्ति दे सकते हैं।
🔱 श्री मंदिर के माध्यम से इस अनुष्ठान में भाग लेकर आप मानसिक शांति, निर्णय की स्पष्टता, आत्मविश्वास और जीवन में नई प्रगति का आशीर्वाद पा सकते हैं। 🔱