🔱 सनातन धर्म में हरि-हर पूजा भगवान विष्णु (हरि) और भगवान शिव (हर) की संयुक्त आराधना है। यह पूजा जीवन में संतुलन, संरक्षण और समृद्धि के लिए प्रसिद्ध है। माना जाता है कि हरि-हर कृपा से कर्म बाधाएँ दूर होती हैं, मन को शांति मिलती है और घर-परिवार में शुभ ऊर्जा का वास बढ़ता है। इस बार काशी के श्री गौरी केदारेश्वर महादेव मंदिर में हरि-हर अष्टोत्तर नामावली पूजा होने जा रही है। यह भगवान विष्णु (हरि) और भगवान शिव (हर) के 108 दिव्य नामों के जप के साथ की जाने वाली पवित्र साधना है। माना जाता है कि हरि-हर के 108 नामों का जप करने से पापों का क्षय होता है, मन में शांति आती है और जीवन में स्थिरता और समृद्धि बढ़ सकती है। 
🔱 इस अनुष्ठान में शामिल कमल गट्टा महायज्ञ, माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाने वाला एक अत्यंत पवित्र अनुष्ठान है। कमल गट्टा माँ लक्ष्मी का प्रिय माना गया है, क्योंकि वे स्वयं कमल पर विराजमान हैं। इस महायज्ञ में कमल गट्टों से अर्घ्य और आहुति अर्पित कर लक्ष्मी बीज मंत्र का जप किया जाता है। माना जाता है कि इससे घर में धन, सौभाग्य और स्थिर समृद्धि का प्रवाह बढ़ता है। यह यज्ञ नकारात्मक ऊर्जा, कर्ज के बोझ और वित्तीय रुकावटों को दूर करने में सहायक माना गया है। श्रद्धा से किया गया कमल गट्टा महायज्ञ जीवन में सुख, शांति और उन्नति प्रदान कर सकता है। 
🔱 शिव-विष्णु जी की संयुक्त पूजा को हरि-हर आराधना कहते हैं, जिसका वर्णन शास्त्रों में विस्तार से किया गया है। यह पूजा सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु और संहारकर्ता भगवान शिव दोनों की एक साथ कृपा पाने का दिव्य माध्यम है। शास्त्रों में वर्णन है कि जहाँ इन दोनों देवों की एक साथ उपासना होती है, वहाँ जीवन की बाधाएँ, मानसिक अशांति और पारिवारिक कलह धीरे-धीरे समाप्त होने लगते हैं। यह पूजा मन और जीवन में बेहतर संतुलन स्थापित कर सकती है। यह अनुष्ठान श्री गौरी-केदारेश्वर महादेव मंदिर में होने जा रहा है, जो अपने आप में धार्मिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण स्थल है। मान्यता है कि यहाँ भगवान शिव ‘केदारेश्वर’ रूप में विराजमान हैं और माता गौरी स्वयं इस धाम की रक्षा करती हैं। 
🌸 आप भी इस मंगलवार श्री मंदिर द्वारा आयोजित हरि-हर अष्टोत्तर नामावली पूजा में भाग लेकर शिव‑विष्णु जी की कृपा का दिव्य अनुभव करें।