सोम प्रदोष वह पावन संध्या है जब भगवान शिव की उपासना विशेष फलदायी मानी गई है।
सोमवार और प्रदोष का शुभ संयोग शिव कृपा, स्वास्थ्य, शांति और परिवारिक कल्याण का आशीर्वाद देता है। इस समय शिवजी का जलाभिषेक, दीपदान और महामृत्युंजय जप अत्यंत शुभ माना जाता है। इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए श्री मंदिर द्वारा 3 ज्योतिर्लिंगों में एक साथ रुद्राभिषेक और रुद्र हवन होने जा रहा है। सोमवार-प्रदोष काल में इस अनुष्ठान से जीवन में बेहतर स्वास्थ्य, सुरक्षा और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग पाया जा सकता है।
सोम प्रदोष पर देवों के देव महादेव का आशीर्वाद लेना अत्यधिक लाभकारी माना गया है। इस ख़ास दिन भक्त व्रत रखकर उन्हें प्रसन्न करने की कामना रखते हैं। इस ख़ास अवसर पर श्री मंदिर द्वारा त्र्यंबकेश्वर, ओंकारेश्वर और घृष्णेश्वर जैसे शिव धामों में रुद्राभिषेक और रुद्र हवन किया जाएगा। रुद्राभिषेक शिवजी की पूजा का सबसे प्रभावी तरीका माना गया है, जिसमें शिवजी को जल, दूध, शहद, दही और घी जैसे पदार्थों से अभिषेक किया जाता है।
🔱 त्र्यंबकेश्वर मंदिर गोदावरी नदी के किनारे है, जो ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी की मिली-जुली ऊर्जा का केंद्र है। यहां पूजा करने से शंका, भय और कर्म बाधाएं दूर हो सकती हैं।
🔱 ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश में है, जहां नदी ओंकार के रूप में बहती है। यह स्थान शिव और पार्वती की दिव्य उपस्थिति से जुड़ा है और मानसिक स्थिरता को बढ़ाता है।
🔱 घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग वह स्थान है, जहां शिवजी ने घुष्मा की भक्ति से प्रसन्न होकर दिव्यता प्रदान की थी। यह धाम निस्वार्थ भक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
इन तीनों ज्योतिर्लिंग में सोम प्रदोष के शुभ अवसर पर भाग लेकर श्री मंदिर के माध्यम से महादेव का आशीर्वाद पाएं और जीवन में बेहतर स्वास्थ्य, सुरक्षा और आध्यात्मिक मजबूती का अनुभव करें।